लल्लनटॉप की व्यूअर हैं रामिया. 31 साल की हैं. उन्होंने अपनी एक परेशानी हमसे शेयर की है. वो चाहती हैं अपने शो पर हम उसके बारे में बात करें और डॉक्टर से राय लें. रामिया प्रेग्नेंट नहीं हैं और न ही उनकी डिलीवरी हुई है, फिर भी उनके स्तन से सफ़ेद रंग का, दूध जैसा डिस्चार्ज हो रहा है. डिलीवरी के बाद स्तनों से दूध निकलता है, ये नेचुरल है. पर अगर प्रेग्नेंसी नहीं है तो फिर ऐसा होना क्या नॉर्मल है? ये रामिया जानना चाहती हैं. साथ ही वो ये भी जानना चाहती हैं कि क्या निप्पल से डिस्चार्ज होने का मतलब केवल कैंसर है या इसके पीछे और भी कारण हो सकते हैं. चलिए डॉक्टर से जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब.
प्रेग्नेंसी नहीं, डिलीवरी नहीं, फिर भी निप्पल से हो रहा डिस्चार्ज तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
अगर कोई महिला प्रेग्नेंट नहीं है या बच्चे को दूध नहीं पिला रही है और निप्पल से डिस्चार्ज हो रहा है तो ये बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं है.

ये हमें बताया डॉक्टर रितु सेठी ने.

अगर कोई महिला प्रेग्नेंट नहीं है या बच्चे को दूध नहीं पिला रही है और स्तनों से डिस्चार्ज हो रहा है तो ये बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं है. अगर प्रोलैक्टिन हॉर्मोन की मात्रा खून में बढ़ जाती है तो स्तन से डिस्चार्ज होता है. थायरॉइड की समस्या या ब्रेन ट्यूमर की वजह से भी निप्पल से डिस्चार्ज हो सकता है, क्योंकि प्रोलैक्टिन हॉर्मोन दिमाग से ही रिलीज होता है. कई बार एसिडिटी की दवाई और एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों की वजह से भी खून में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना ये दवाइयां बिल्कुल न लें.
अगर ब्रेस्ट में कोई इंफेक्शन है तो भी निप्पल से डिस्चार्ज हो सकता है. कई बार ब्रेस्ट की धमनियों में ज्यादा डिस्चार्ज बनने लगता है जिस वजह से स्तन से डिस्चार्ज होता है. जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर है या कोई गांठ है जो कैंसर का रूप ले सकती है, तो ऐसे में उन महिलाओं के ब्रेस्ट डिस्चार्ज में खून भी आ सकता है. इसलिए सभी महिलाएं इस डिस्चार्ज को लेकर बेहद सावधान रहें. अगर निप्पल से पीला, हरा, सफेद या लाल रंग का डिस्चार्ज हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
क्या ये कैंसर का संकेत है?अगर किसी महिला को निप्पल डिस्चार्ज में खून आ रहा है. या ब्रेस्ट के अंदर कोई गांठ है, निप्पल के ऊपर वाली स्किन मोटी हो रही है. या फिर दूसरे ब्रेस्ट के मुकाबले निप्पल का आकार बदल रहा है. तो ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं. इसलिए अगर किसी महिला को ब्रेस्ट में गांठ महसूस हो रही है और लाल रंग का डिस्चार्ज आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. क्योंकि भारत में अभी भी ब्रेस्ट कैंसर को लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है. जबकि भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है.
बचाव और इलाजअगर थायरॉइड की समस्या है तो इसका इलाज जरूर कराएं. समय-समय पर थायरॉइड की जांच भी करते रहें. डॉक्टर की दी हुई दवाइयां ही लें. अपनी मर्जी से एसिडिटी या एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां न लें, हमेशा डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही ये दवाइयां लेनी चाहिए. अगर शरीर में हॉर्मोन्स का स्तर ठीक नहीं है तो डॉक्टर से इसका इलाज जरूर कराएं. ब्रेस्ट में इंफेक्शन हुआ है तो इसका शरीर में फैलने का खतरा हो सकता है. इससे तेज बुखार भी आ सकता है. इसलिए अगर ब्रेस्ट में दर्द, सूजन या कुछ हिस्सा लाल हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
अगर परिवार में पहले किसी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है जैसे कि मां, बहन, मौसी या किसी कज़न को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो ज़्यादा सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि ऐसा हो सकता है कि आपके अंदर भी वो जींस हों जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं. इसलिए समय-समय पर कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी टेस्ट करवाएं. ब्रेस्ट का अल्ट्रसाउंड कराने से भी इस समस्या का पता लगाया जाता है.
अगर आपकी उम्र कम है तो कुछ लक्षणों पर ध्यान दें. जैसे कि ब्रेस्ट का आकार बदलने लगे, ब्रेस्ट में गांठ बने तो ध्यान दें. ब्रेस्ट की स्किन में कुछ बदलाव हो रहा है, या ब्रेस्ट के अंदर कोई गांठ है जो दर्द कर रही है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और समय रहते इसका इलाज कराएं.
आजकल हर उम्र की महिला को ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है. कम उम्र की महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर के काफी मामले सामने आ रहे हैं. ब्रेस्ट कैंसर में सबसे आम लक्षण होता है निप्पल से डिस्चार्ज होना. इसलिए हर महिला को इन लक्षणों पर खास ध्यान रखना है ताकि ब्रेस्ट कैंसर से बचाव हो पाए. अगर हॉर्मोन्स की वजह से निप्पल से डिस्चार्ज हो रहा है तो इसका भी इलाज कराएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)