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ठाणे नगर निगम के अस्पताल पर आरोप- COVID नेगेटिव गर्भवती महिला को तीन दिन कोरोना वॉर्ड में रखा

महिला के पति ने बताई पूरी कहानी.

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आरोप है कि महिला का कोरोना टेस्ट हुआ पर वह नेगेटिव थी. कोरोना वॉर्ड में रखने के कारण वह संक्रमित हो गईं.

मुंबई का ठाणे. यहां के नगर निगम का छत्रपति शिवाजी अस्पताल. इस अस्पताल पर कोरोना रिपोर्ट देने में लापरवाही का आरोप लगा है. दरअसल, यहां एक गर्भवती महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसी के इलाज के लिए उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाना पड़ा. महिला के पति का आरोप है कि उनकी पत्नी की रिपोर्ट शुरू में नेगेटिव आई थी. तब अस्पताल ने किसी दूसरे की रिपोर्ट दे दी, जो कोरोना पॉजिटिव थी. किसी दूसरी महिला का और इस शख्स की पत्नी का सरनेम बस एक था, जबकि नाम और पता दोनों अलग-अलग. इसी के चलते उनकी पत्नी को पॉजिटिव न होते हुए भी कोरोना वॉर्ड में रखा गया, जहां वो संक्रमित हो गईं.

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पूरा मामला जानिए

इस पूरे मामले की जानकारी के लिए हमने महिला के पति संजू लाहौरी से बात की. उन्होंने बताया-


पत्नी का नौवां महीना है. 7-8 जून को एक सरकारी अस्पताल ने कहा था कि डिलिवरी होने के पहले आप लोग एक कोरोना टेस्ट करवा लीजिएगा. हम 9 जून को नगर निगम के छत्रपति अस्पताल गए. वहां टेस्ट करवाया. 11 जून को अस्पताल से कॉल आया कि आपकी औरत पॉजिटिव पाई गई है. इसके बाद अस्पताल से डॉक्टर का भी कॉल आया. मैंने सारी बात बताई कि वो प्रेग्नेंट है. 9वां महीना चल रहा है. तो डॉक्टर ने कहा कि तुम उन्हें अस्पताल भेज दो, हम सारी सुविधा कर देंगे. फिर हम सिविल अस्पताल लेकर गए. वहां उसे कोरोना वॉर्ड में रखा गया. तीन दिन बाद बोल दिया गया कि हमारे पास डॉक्टर ही नहीं हैं. आप इन्हें नायर अस्पताल लेकर चले जाइए. मैंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं. खाने के लाले पड़े हैं. लॉकडाउन में कमाई भी नहीं हो रही है. इतने बड़े अस्पताल में कहां से लेकर जाऊंगा. इस पर अस्पताल ने कहा कि ये सब परेशानी आपकी है, हमें मत बताइए.


E29fd12c 0fd1 42da B908 D854989f5eca महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट.

संजू का कहना है कि वह अपनी पत्नी को लेकर नायर अस्पताल जैसे-तैसे लेकर पहुंचे. वहां पर अस्पताल वालों ने कोरोना की रिपोर्ट मांगी. पर रिपोर्ट अस्पताल की तरफ से मिली नहीं थी. संजू ने बताया-

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जब हम नायर अस्पताल पहुंचे, वहां कोरोना रिपोर्ट मांगी गई. पर हमारे पास कोरोना रिपोर्ट थी नहीं. फिर अस्पताल ने पूछा कि फिर कैसे पता कि तुम्हारी पत्नी को कोरोना है. तब मैंने बताया कि फोन पर बताया गया था कि मेरी पत्नी पॉजिटिव है. इसके बाद नायर अस्पताल ने सिविल अस्पताल में कॉल किया, रिपोर्ट मांगी. सिविल अस्पताल से जो रिपोर्ट आई, उसमें सिर्फ सरनेम मेरा था यानी लाहौरी. उम्र, नाम, घर का पता, फोन नंबर सब अलग था.

संजू लाहौरी का कहना है कि उनकी पत्नी कोरोना वॉर्ड में भर्ती थीं. जब ये सारी चीजें मालूम हुईं, तो दोबारा कोरोना टेस्ट हुआ और रिपोर्ट पॉजिटिव आई. पर संजू का कहना है कि वे लोग चार महीने से घर से बाहर नहीं निकले, तो उनकी पत्नी कोरोना संक्रमित कैसे हो सकती है. आरोप है कि रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद अस्पताल ने उनकी पत्नी को कोरोना वॉर्ड में रखा, इसीलिए वो संक्रमित हुई हैं. अब वह चाहते हैं कि उनकी पत्नी और होने वाला बच्चा, दोनों सुरक्षित रहें. फिलहाल नगर निगम से शिकायत के बाद महिला का इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है.

दूसरी ओर, ठाणे नगर निगम का कहना है कि महिला की रिपोर्ट किसी और के साथ नहीं बदली गई. महिला शुरू से ही कोरोना पॉजिटिव थी. उनकी लैब ने सही रिपोर्ट दी है. वहीं, सिविल अस्पताल का कहना है कि शायद उन्होंने नायर अस्पताल को गलत रिपोर्ट भेज दी. महिला कभी भी नेगेटिव नहीं पाई गई.



वीडियो देखें : गर्भवती महिलाओं को कोरोना की दिक्कतों से बचाने के लिए इन दो शहरों में बहुत सही काम हो रहा है

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