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कौन हैं कॉन्स्टेबल सुनीता, जिन्होंने आठ महीने में 73 बच्चों को बचाया

इस सराहनीय काम के लिए सुनीता को प्रमोशन देने का फैसला किया गया है.

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बच्चों को खोज निकालने के सराहनीय काम के लिए दिल्ली पुलिस ने कॉन्स्टेबल सुनीता को प्रमोशन देने का फैसला किया है. (बाईं तरफ़ कॉन्स्टेबल सुनीता और दाईं तरफ़ दिल्ली फोर्स की महिला पुलिस )
देश की राजधानी दिल्ली. यहां की एक महिला कॉन्सटेबल इन दिनों खूब चर्चा में हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने पिछले आठ महीनों में 73 लापता बच्चों को बचाया है. इनमें से 15 बच्चों की उम्र आठ साल से कम की है और बाकी बच्चों की उम्र 16 साल के करीब है. उन्होंने 21 से 23 फरवरी के बीच, तीन दिनों में चार गुमशुदा बच्चों को खोज निकाला. इस वक्त लेडी कॉन्स्टेबल सुनीता पिछले एक साल से वेस्ट दिल्ली जिले के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) में पोस्टेड हैं. उनके सराहनीय प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने उन्हें हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रमोट करने का फैसला किया है. कौन हैं कॉन्स्टेबल सुनीता ? कॉन्स्टेबल सुनीता 10 नवंबर 2014 को दिल्ली पुलिस में भर्ती हुईं. प्रारंभिक ट्रेनिंग के बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर), सी 4 आई कमांड रूम सीपीसीआर, पुलिस हेड क्वार्टर (पीएचक्यू) सहित दिल्ली पुलिस के विभिन्न यूनिट्स में काम किया. फिर उन्हें पश्चिम जिले के सीनियर सिटिज़न सेल में स्थानांतरित कर दिया. पिछले एक साल से पश्चिमी दिल्ली के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में काम कर रही हैं. इस सेल में काम करते हुए उन्होंने बच्चों की तस्करी के खिलाफ़ महत्वपूर्ण कदम उठाए. उन्होंने किडनैप किए गए और गुमशुदा बच्चों को कम से कम समय में खोज निकाला. न केवल बच्चे, बल्कि कुछ मामलों में उन्होंने पैरेंट्स को भी रेस्क्यू किया है. कहां से मिली प्रेरणा साल 2019 में दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने एक योजना बनाई. इस योजना के तहत दिल्ली पुलिस ने उन पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन दिया, जिन्होंने किडनैप किए और गुमशुदा बच्चों को खोजकर उन्हें उनके घरवालों से मिलवाया. उस वक्त समयपुर बादली पुलिस स्टेशन की हेड कॉन्स्टेबल सीमा ढाका पहली ऐसी महिला पुलिसकर्मी थीं, जिन्होंने एक साल में 50 से अधिक बच्चों को रेस्क्यू किया था. इस काम को बेहद सराहा गया. बेशक सुनीता को उन्हीं से प्रेरणा मिली.
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तीन दिनों में चार लापता बच्चों को खोज निकाला कॉन्सटेबल सुनीता ने. (सांकेतिक तस्वीर )
सराहनीय कार्य 20 फरवरी को एक सात साल का लड़का अपने घर से गायब हो गया था. लड़का दिल्ली के इंदिरा कैंप के विकासपुरी में रहता था. पुलिस ने आसपास की CCTV फुटेज के आधार पर छानबीन शुरू की. बाद में सुनीता ने उस बच्चे की खोज की और उसे उसके परिवार से मिलवाया.
इसी तरह 15 फरवरी को एक 13 साल की लड़की अपने घर मायापुरी इलाके से गायब हो गई. इस केस में भी सुनीता ने लड़की को खोज निकाला.
16 फरवरी को दो बच्चे अपनी मां समेत कांझावाला इलाके से गायब हो गए. पुलिस ने बताया कि ASI सुरेश कुमार और सुनीता की टीम ने मिलकर उन तीनों को खोजकर निकाला.
उनके काम को सराहने, उनका मनोबल बढ़ाने और बाकी पुलिसकर्मियों को प्रेरित करने के लिए दिल्ली पुलिस ने कॉन्स्टेबल सुनीता को प्रमोशन देने का फैसला किया है. प्रमोशन के बाद सुनीता कॉन्स्टेबल से हेड कॉन्स्टेबल हो जाएंगी.