मॉनसून पर न जाने कितने गाने बने हैं जो इस मौसम की खूबसूरती को बयां करते हैं. बारिश होते ही गर्मी, हीट स्ट्रोक, लू जैसी चीज़ों से छुटकारा तो मिल जाता है, लेकिन इसके साथ कई सारी परेशानियां भी आती हैं- जैसे स्किन रैशेज, एक्ने, और फ्रिज़ी हेयर. इन सबसे भी बड़ी एक प्रॉब्लम है जो इस मौसम के साथ आती है और वो है फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन.
इसके कई कारण हो सकते हैं... पहला तो ये कि इस मौसम में कीटाणु बहुत ही तेज़ी से ग्रो करते हैं खासकर आपकी उंगलियों के बीच, बालों में या कोहनी और अंडरआर्म्स में.
बरसात में उंगलियों के बीच होने लगती है खुजली? ये रहा बचने का तरीका
बरसात के मौसम में कीटाणु बहुत तेज़ी से ग्रो करते हैं.

इसका दूसरा कारण ये है कि हम ना बरसात में अपनी स्किन या बालों को गीला ही छोड़ देते हैं. मान लीजिये आप कहीं से आ रहे हैं और हल्की-हल्की बारिश हो जाए तो हम क्या करते हैं? घर आते हैं और कपड़े चेंज करते हैं और अपने बाकी कामों में लग जाते हैं. या अगर ऑफिस जाते समय हल्की बारिश हो जाए और हम थोड़ा सा भीग जाएं तो उन गीले कपड़ों में ही हम सारा दिन निकाल देते हैं ये सोचकर कि ज्यादा थोड़ी भीगे हैं, अपने आप सूख जायेंगे. ये सब बनते हैं इंफेक्शन का कारण...हल्की खुजली से शुरू हुआ ये इन्फेक्शन सीवियर रूप ले सकता है. स्किन स्पेशियालिस्ट्स का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में बालों में फंगल इन्फेक्शन, रिंगवॉर्म, एग्ज़िमा और दूसरे स्किन इंफेक्शंस के केस बढ़े हैं. इन सब से बचने के लिए क्या करें? खुद को ड्राई रखने के अलावा कुछ ऐसी बातें हैं जिनका अगर आप ध्यान रखेंगे तो इन्फेक्शन से बच सकते हैं.
* हाइजीन का वैसे तो हमेशा ही ध्यान रखना चाहिए लेकिन मॉनसून में एक्स्ट्रा केयरफुल रहना ज़रूरी है. इस मौसम में रोज़ाना नहाने की आदत डालें और वो भी एंटी-बैक्टीरियल साबुन से. इसके अलावा आप नहाने के पानी में एंटी-बैक्टीरियल लिक्विड भी डाल सकते हैं. ये आपको किसी भी तरह के बैक्टीरियल और फंगल इशू से बचाएगा. पैरों की हाइजीन को हम अक्सर नज़रंदाज़ कर देते हैं लेकिन इस मौसम में इसका ख़ास ध्यान रखना चाहिए. बरसात में कई बार शूज़ भीग जाते हैं या कहीं पानी में पैर पड़ जाए तो अंदर तक हल्की नमी हो जाती है जो फंगस पैदा कर सकती है. इसलिए आगे से खुले हुए फुटवियर पहनने की कोशिश करें. अगर बंद फुटवियर पहनने ही हैं तो साथ में कॉटन के मौजे पहनें. अपने नाखून ज्यादा लंबे ना होनें दें और इनकी हाइजीन का ध्यान रखें.
*बरसात में बारिश में भीगने के कारण अक्सर बाल गीले रह जाते हैं और उनमें फंगस पनपने लगती है. इसलिए ज़रुरी है कि आप रोज़ाना बाल धोएं. अगर आपके बाल लंबे हैं और आप रोज़ नहीं धो सकते हैं तो हर दो दिन में बालों को धोने की आदत बना लें. कोशिश करें कि बाल धोने के लिए एंटी-फंगल शैम्पू का इस्तेमाल करें जिसमें सैलिसिलिक एसिड हो. ये स्केल्प से इन्फेक्टेड और डेड स्किन को हटाने में मदद करेगा.
*धुले हुए कपड़ो का ही इस्तेमाल करें. ये ध्यान रखें कि आपके कपड़े अच्छे से सूखे हुए हों. अगर कपड़े हल्के गीले हैं तो उन्हें बिल्कुल भी न पहनें. ऐसा करने से स्किन में फंगस पैदा होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. अपना तौलिया भी हर दूसरे दिन धोने की आदत डालें और इसे तेज़ धूप में सुखाएं. बारिश की वजह से कई बार बिस्तर में भी हल्की सी नमी हो जाती है और जब आप उस पर सोते हैं तो फंगल इन्फेक्शन होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है इसलिए बिस्तर पर चढ़ने से पहले गीले पैरों को अच्छी तरह से पोंछ लें और रूम में डीह्यूमिडिफायर ज़रूर रखें. ये नमी को दूर करता है. इसके अलावा हफ्ते में एक दिन गद्दे को धूप में ले जाकर ज़रूर सुखाएं.
*शेयरिंग अच्छी बात है लेकिन पर्सनल चीज़ों की नहीं. अपने तौलिये, नेल क़टर, साबुन, लूफा या ऐसी चीज़ें जो आपकी पर्सनल हाईजीन में इस्तेमाल होती हैं उन्हें किसी के भी साथ शेयर करने से बचें.
*एकदम टाईट और फिटेड कपड़े पहनने से बचें. हल्के और खुले हुए कपड़े पहनने की कोशिश करें. ऐसा करने से आपकी स्किन को सांस लेने के लिए जगह मिल जाती है और वो हेल्दी रहती है.
सारी सावधानी बरतने के बाद भी अगर आपको स्किन इन्फेक्शन हो जाता है तो मेडिकल स्टोर पर जाकर दावा खरीद कर बिल्कुल भी नहीं खाएं. डर्मेटोलॉजिस्ट से जाकर मिलें और उन्हीं की बताई हुई दवा का इस्तेमाल करें. over the counter मेडिसंस में स्टेरॉयड हो सकते हैं. हो सकता है ये आपको उस वक़्त आराम दे दें और आपकी तकलीफ दूर हो जाए लेकिन जैसे ही आप इनका इस्तेमाल बंद करेंगे सिम्पटम्स वापस आने का रिस्क होता है.
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