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क्या सर्दी-बुखार में बच्चे को अपना दूध पिलाना सेफ़ है?

दूध पिलाने से बच्चे को इन्फेक्शन तो नहीं होगा?

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कहीं आपका दूध पीने से बच्चा बीमार तो नहीं पड़ जाएगा.
ठंड का मौसम. इस दौरान वंदना को खांसी, ज़ुकाम और बुख़ार रहता है. अभी दो महीने पहले ही उसकी डिलीवरी हुई थी. वो अपने बच्चे को ब्रेस्टफ़ीड करवा रही थी. अब उसे ये समझ में नहीं आ रहा था कि बीमारी में वो बच्चे को अपना दूध पिलाए या न पिलाए? उसे डर था कि कहीं बच्चा भी बीमार न पड़ जाए? इन्फेक्शन हो गया तो? ऊपर से जो दवाइयां वो खा रही थी, उसका दूध पर असर पड़ने का बच्चे को नुकसान तो नहीं होगा? ये सवाल सिर्फ वंदना के मन में नहीं, कई औरतों के मन में उठते हैं.
इसलिए इस बारे में हमने डॉक्टर लवलीना नादिर से बात की. वो फ़ोर्टिस और अपोलो दिल्ली में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं.
डॉक्टर लवलीना नादिर.
डॉक्टर लवलीना नादिर.

तो क्या ज़ुकाम-बुखार में बच्चे को दूध पिलाना सेफ़ है
इस पर डॉक्टर नादिर कहती हैं-
‘हां. ये सेफ़ है. अगर आपका गला खराब है, आपको खांसी है, ठंड लग गई है, बुखार है तो भी आप बच्चे को अपना दूध पिला सकती हैं. दूध पिलाने से इन्फेक्शन आपके बच्चे तक नहीं पहुंचेगा. आपके दूध में एंटीबॉडी नाम की एक चीज़ होती है. वो बच्चे को इन्फेक्शन से बचाती है.’
ज़ुकाम और सर्दी के दौरान भी ब्रेस्टफ़ीड क्यों करवाना चाहिए
-अगर आप एकदम से बच्चे को दूध पिलाना बंद कर देती हैं तो उसे इस चीज़ की आदत पड़ जाएगी. आगे आपको उसे ब्रेस्टफ़ीड करने में दिक्कत आएगी. ये दिक्कत बच्चे के पैदा होने के पहले साल में आती है.
-आपका दूध आपके बच्चे को मज़बूत बनाता है. उसकी बीमारियों और इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है. उसका इम्यून सिस्टम मज़बूत करता है.
Image result for breastfeed during fever" ज़ुकाम में वो दवा मत खाइए जिसका असर लंबे समय ताल रहता है.

-अगर आप उसे अपना दूध पिलाना रोक देती है तो आपको मॉसटाईटिस की दिक्कत हो सकती है. मॉसटाईटिस ब्रेस्ट में दूध जमा होने के कारण होता है. इससे सूजन और इन्फेक्शन हो जाता है. लगातार ब्रेस्टफ़ीड करने से ये दिक्कत नहीं होगी.
- एक बात का ध्यान रहे, बीमारी में बच्चे को दूध पिलाने से पहले आप भी पानी, जूस अच्छी मात्रा में पिएं. आपको हाइड्रेटेड रहने की ज़रूरत है.
क्या दवाइयों का असर पड़ता है
कुछ दवाइयां हैं जिनको आप ब्रेस्टफ़ीड करवाने के बावजूद ले सकती हैं. जिसमें से सबसे आम है पैरासीटामॉल. हालांकि डॉक्टर नादिर का कहना है कि कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर से बात करें. डॉक्टर आपको वही दवाइयां देंगे जिनका असर आपके दूध पर नहीं पड़ेगा. इसलिए दुकान पर जाकर कोई भी टेबलेट न लें. एक बात और. वो दवाइयां लें जिनका असर ज़्यादा लंबे समय तक नहीं रहता. ‘शॉर्ट-एक्टिंग ड्रग’ यानी वो दवाइयां जिनका असर ज़्यादा लंबे वक़्त तक नहीं रहता, उनका असर छह घंटे तक रहता है. ये सेफ़ हैं. इनके साइड इफ़ेक्ट भी कम होते हैं.
Image result for cold medicine" कोई भी दवा बिना डॉक्टर के सलाह के मत लीजिए.

क्या किसी दवा का साइड इफ़ेक्ट बच्चे को हो सकता है
जवाब है हां. इसलिए कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना मत लीजिए.
कुछ घरेलू नुस्खें
-गला ठीक करने के लिए आप नमक वाले पानी से गरारा करिए
-ज़ुकाम में कच्चा लहसुन खाना मददगार साबित होता है
-ज़ुकाम में आपके दूध से नहीं पर शरीर से इन्फेक्शन ज़रूर आपके बच्चे तक पहुंच सकता है. इसलिए गरम पानी से नहाइए. साथ ही सफाई भी रखिए.
-वो चीज़ें खाइए और पीजिए जिनमें विटामिन सी होता है. जैसे नींबू, संतरा, अमरूद, फूलगोभी वगैरह. इससे ज़ुकाम जल्दी ठीक हो जाएगा.
-ढेर सारा पानी पीजिए


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