कुछ मसालेदार या ज़्यादा तला-भुना खाने पर एसिडिटी (Acidity) महसूस होना आम बात है. अक्सर ये ठीक भी हो जाती है. पर अगर पेट में खाने के बाद या लगातार जलन, दर्द महसूस हो तो समझ जाइए मामला अब एसिडिटी तक सीमित नहीं है. हो सकता है ऐसा अल्सर बनने के कारण हो रहा हो. लल्लनटॉप के व्यूअर आदेश अक्सर बाहर का खाना खाते थे. उनको मसालेदार खाना बेहद पसंद है. पर इस चक्कर में उनकी आंतों में अल्सर हो गया. दवाइयों की मदद से अब वो ठीक हैं. आदेश चाहते हैं हम अपने शो सेहत पर आंतों के अल्सर के बारे में बात करें. वैसे शुरू करने से पहले एक चीज़ क्लियर करना ज़रूरी है. आंतों का अल्सर केवल एसिडिटी या मसालेदार खाना खाने के कारण नहीं होता. कुछ और भी वजहे हैं. चलिए डॉक्टर से जानते हैं इनके बारे में.
पेट की जिस दिक्कत को एसिडिटी समझ रहे, वो अल्सर भी हो सकता है
आंतों का अल्सर केवल एसिडिटी या मसालेदार खाना खाने के कारण नहीं होता. कुछ और भी वजहे हैं. डॉक्टर से जानते हैं इनके बारे में.

ये हमें बताया डॉक्टर मनदीप सिंह मल्होत्रा ने.

- आमतौर पर चार तरह के अल्सर होते हैं.
- इनमें सबसे आम है पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcers) जो ज्यादा एसिडिटी होने की वजह से होता है.
- कुछ अल्सर इंफेक्शन की वजह से होते हैं.
- ये अल्सर बैक्टीरिया की वजह से भी हो सकते हैं, जैसे कि टीबी और टाइफाइड. या फिर ये किसी पैरासाइट के कारण या साइटोमेगालो वायरस की वजह से भी हो सकते हैं.
- अल्सर होने का तीसरा कारण है सूजन, इन्हें इंफ्लामेट्री अल्सर कहते हैं.
- अल्सर होने का चौथा कारण है कैंसर, इन्हें मेलेनी अल्सर कहते हैं.
- पेप्टिक अल्सर हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नाम के बैक्टीरिया की वजह से हो सकता है.
- इसके अलावा ज्यादा एसिडिटी, पेन किलर्स, स्टेरॉइड, मसालेदार खाने, शराब और धूम्रपान की वजह से भी पेप्टिक अल्सर हो सकते हैं
- ये अल्सर पेट और छोटी आंत में होते हैं. इन्हें गैसट्रिक अल्सर और डुओडेनम अल्सर भी कहते हैं.
लक्षण- आंतों में होने वाले अल्सर के कई तरह के लक्षण दिखते हैं.
- जैसे पेट दर्द, कई बार दर्द में ऐसा महसूस होता है कि पेट में कुछ फंस गया है.
- कुछ तरह के अल्सर में तेज दर्द होता है, तो कुछ में दर्द धीरे-धीरे होता और लंबे समय तक दर्द होता है.
- इसके अलावा उल्टी, पेट में भारीपन, दस्त और कब्ज की समस्या भी हो सकती है.
इलाज- अल्सर जिन वजहों से होता है, अगर उनसे बचा जाए तो बेहतर है.
- जैसे कि शराब, धूम्रपान, स्टेरॉइड आदि के सेवन से बचें.
- किसी भी पेन किलर को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लें. ज्यादा समय तक पेन किलर्स खाने से अल्सर होने का खतरा होता है.
- कम से कम मसालेदार खाना खाएं. अगर भारीपन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
- अगर दिक्कत बढ़ गई है और मल पास नहीं हो रहा हो तो इसमें सर्जरी की जरूरत पड़ती है.
- सभी तरह के अल्सर्स का दवाइयों से इलाज हो सकता है, इसलिए समय रहते ही डॉक्टर के पास जाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)