(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
बारिश में होने वाली दाद-खाज-खुजली का इलाज आज जान लो
बारिश के मौसम में फंगल इन्फेक्शन बहुत आम है.

गर्मी से निजात पाने के लिए हम हर साल बारिश का इंतज़ार करते हैं. पर जब बारिश शुरू हो जाती है तो उसके साथ शुरू होती हैं कुछ प्रॉब्लम्स. जैसे बालों का ज़्यादा झड़ना, उलझना, चिपचिपी स्किन, दाने, फंगल इन्फेक्शन वगैरह.
अब इस मौसम में बालों की प्रॉब्लम्स से कैसे निपटें, ये तो हम कुछ एपिसोड पहले बात कर चुके हैं. आप चाहें तो वो एपिसोड देख सकते हैं. आज हम बात करेंगे बारिश के मौसम में होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स के बारे में. जैसे हमारी एक व्यूअर हैं ज्योति, बारिश के मौसम में उनकी उंगलियों के बीच इन्फेक्शन हो जाता है. हृदेश को इस मौसम में फंगल इन्फेक्शन बार-बार होता है. कशिश को पिंपल होने लगते हैं और प्रियंका को हो जाती है दाद और खुजली.
अब ये जो प्रॉब्लम्स हैं, वो मानसून में बहुत आम है. कई लोग इनसे जूझते हैं. हमें सेहत पर हमारे बहुत सारे व्यूअर्स के मेल आ चुके हैं जो जानना चाहते हैं कि इनका इलाज क्या है. तो आज बात करेंगे बारिश में होने वाली बहुत ही आम स्किन प्रॉब्लम्स और उनके इलाज के बारे में.
बारिश के मौसम में होने वाली आम स्किन प्रॉब्लम्सये हमें बताया डॉक्टर रेशमा विश्नानी ने.

-बारिश के मौसम में फंगल इन्फेक्शन बहुत आम है.
-जिसे हम दाद या रिंगवर्म कहते हैं.
-ज़्यादा बारिश में ये सिर पर भी पाया जाता है.
-ये बॉडी के फोल्ड्स में भी पाया जाता है यानी जहां-जहां स्किन फोल्ड होती है.
-जैसे काख, प्राइवेट पार्ट्स, छाती के नीचे और पैर में.
-पैर में होने वाले फंगल इन्फेक्शन को टिनिया पेडिस कहते हैं.
-बारिश में बैक्टीरियल इन्फेक्शन का चांस भी बहुत ज़्यादा होता है.
-जिन लोगों को एक्जिमा, सोरायसिस, डैंड्रफ या पिंपल होते हैं.
-बारिश में ये तकलीफ़ें और बढ़ जाती हैं.
-बारिश में ये प्रॉब्लम्स इसलिए ज़्यादा होती हैं क्योंकि फंगस को बढ़ने के लिए नमी की ज़रुरत होती है.
-जब गीले और टाइट कपड़े पहनते हैं तब स्किन पर नमी रहती है.
-जिसकी वजह से फंगस को ग्रो होने में आसानी होती है.
-बैक्टीरियल इन्फेक्शन ज़्यादा होने का भी यही कारण है.
-इस मौसम में स्किन ज़्यादा ऑइली होती है.

-जिसकी वजह से पिंपल भी ज़्यादा होते हैं.
इलाज-टाइट कपड़े अवॉइड करें.
-डेनिम्स अवॉइड करें.
-मोटे कपड़े अवॉइड करना चाहिए.
-बंद जूते नहीं पहनने चाहिए.
-जब जूते बंद होते हैं और पैर गीले होते हैं तब फंगस और बढ़ता है.
-इसलिए खुले जूते पहनें.
-लूज़ कपड़े पहनें, जिनसे हवा आसानी से पास हो जाए.
-सॉफ्ट कपड़े पहनें.
-ऑफिस में एक्स्ट्रा कपड़े, जूते रखें.
-ताकि अगर बारिश में भीग भी गए तो तुरंत ख़ुद को सुखाकर कपड़े बदलें.
-पैर की उंगलियों के बीच जो जगह है, उसे अच्छे से ड्राई करें.
-काख, छाती के नीचे, प्राइवेट एरिया और उंगलियों के बीच में एंटी फंगल पाउडर लगाएं.
-जिन लोगों को एक्जिमा या सोरायसिस की प्रॉब्लम है, वो इस मौसम में मॉइस्चराइज़र लगाना अवॉइड करते हैं.
-क्योंकि क्रीम की वजह से चिपचिपाहट महसूस होती है.
-पर इस समय मॉइस्चराइज़र अवॉइड नहीं करना चाहिए.
-लाइट मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल कर सकते हैं.
-पर उसे दिन में ज़्यादा बार लगाना पड़ेगा.

-जिन लोगों को पिंपल हो जाते हैं, उन्हें लाइट मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करने चाहिए.
-हैवी मेकअप अवॉइड करना चाहिए.
-6-स्टेप स्किन रूटीन करते हैं तो अवॉइड करें.
-वॉटर बेस्ड सनस्क्रीन और मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करें.
-बारिश में भी सनस्क्रीन मिस न करें.
-अगर फंगल इन्फेक्शन हो जाए तो अपने कपड़े दूसरों के कपड़ों से अलग रखें.
-कपड़े उतारकर अलग बाल्टी में रखें.
-कपड़े अलग धोएं.
-साबुन, तौलिया अलग रखें.
-फंगल इन्फेक्शन का इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है.
-ख़ासतौर पर उन पेशेंट्स को जिनको डायबिटीज है.
-या जिन लोगों की इम्युनिटी कमज़ोर होती है.
-बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉइड क्रीम न लगाएं.
-इससे खुजली रुक तो जाएगी पर कभी भी ठीक नहीं होगी.
-ये दिक्कत और बढ़ती जाएगी.
उम्मीद है जो-जो लोग बारिश के मौसम में अलग-अलग स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं, ये टिप्स उनके काम आएगी.
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