प्रतिमा गाज़ियाबाद की रहने वाली हैं. उम्र 24 साल है. उनका हमें मेल आया. प्रतिमा ने बताया कि जब वो 12 साल की थीं तब उन्हें पीरियड्स शुरू हुए थे. प्यूबर्टी शुरू होने के कुछ समय बाद ही उनके चेहरे और पीठ पर दाढ़ी जैसे बाल निकलने लगे. उनके परिवार को तब लगा था कि समय के साथ ये ठीक हो जाएगा. पर जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ी. वैसे-वैसे बालों की ग्रोथ बढ़ती गई. बाल और हार्ड होने लगे. शुरू-शुरू में प्रतिमा को बहुत असहज लगता था. तो एक दिन उन्होंने अपने पापा का रेज़र लिया और चहरे पर शेव कर लिया. ख़ूब डांट पिटी. बाल फिर वापस आ गए. आख़िरकार उन्होंने स्किन के डॉक्टर को दिखाया. तब पता चला प्रतिमा को हिर्सुटिज़्म नाम की कंडीशन है. इसमें औरतों के शरीर पर दाढ़ी जैसे बाल निकल आते हैं. कई सालों से प्रतिमा इसके लिए ट्रीटमेंट ले रही हैं. वो चाहती हैं हम लोगों को इस कंडीशन के बारे में बताएं. ताकि अगर कोई लड़की या महिला इससे ग्रस्त है, तो उसे पता हो कि क्या करना चाहिए और क्या हरगिज़ नहीं. तो सबसे पहले जान लेते हैं हिर्सुटिज़्म क्या होता है और क्यों हो जाता है? क्या है हिर्सुटिज़्म? ये हमें बताया डॉक्टर अप्रीतम ने.

हिर्सुटिज़्म महिलाओं में होने वाली एक ऐसी कंडीशन है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों पर बाल कड़े, मोटे और बहुत ही सख्त हो जाते हैं. अक्सर ये बाल होठों के ऊपर, ठुड्डी और चेहरे के साइड पर निकलते हैं. साथ ही चेस्ट पर, निप्पल्स के आसपास और पेट के निचले हिस्से पर निकलते हैं. यानी औरतों के शरीर पर जहां बाल मोटे नहीं होने चाहिए, वहां उनकी ग्रोथ बढ़ जाती है. शरीर के उन हिस्सों पर बाल आ जाते हैं जहां आमतौर पर पुरुषों में बाल होते हैं
हिर्सुटिज़्म के साथ एक नाम जुड़ा हुआ होता है जिससे कन्फ़्यूज़न हो जाता है. ये है Hypertrichosis (हाइपरट्राइकोसिस). हाइपरट्राइकोसिस और हिर्सुटिज़्म में एक फ़र्क है. हाइपरट्राइकोसिस में पूरे शरीर पर बाल बहुत ज़्यादा होते हैं, ये कंडीशन जेनेटिक भी हो सकती है. इनके बीच फ़र्क करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि इनका इलाज एक-दूसरे से एकदम अलग होता है Hirsutism क्यों होता है? हिर्सुटिज़्म के बहुत कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे आम है PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) या PCOD (पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज). हमारे शरीर में मेल हॉर्मोन के बढ़ने से या फीमेल हॉर्मोन के कम हो जाने से, मेल और फीमेल हॉर्मोन के बीच का बैलेंस डिस्टर्ब हो जाता है इस वजह से कई जगहों पर अनचाहे बाल निकल आते हैं.

इसके अलावा हिर्सुटिज़्म कई दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण भी होता है. एक मेडिकल कंडीशन है congenital adrenal hyperplasia (कंजेनिटल एड्रेनल हायपरप्लासिया) इसमें बाल कड़े निकल सकते हैं
-कई जेनेटिक कंडीशन के कारण भी ऐसा हो सकता है
-कई केसेज़ ऐसे हैं जिसमें हिर्सुटिज़्म का कारण नहीं पता चल पाया है जैसे अगर आप ओबीज़ हो जाएं या वेट गेन कर लें तो उसकी वजह से एन्ड्रोजन (हॉर्मोन) का बैलेंस बिगड़ जाता है और हिर्सुटिज़्म की दिक्कत हो सकती है
आपको हिर्सुटिज़्म के पीछे का कारण पता चल गया. अब बात करते हैं कि अगर आपको ये कंडीशन है तो क्या गलतियां आपको एकदम नहीं करनी चाहिएं और साथ ही इसका इलाज क्या है? अगर चेहरे पर मोटे बाल आ रहे हैं तो क्या नहीं करना चाहिए इनके बारे में हमें बताया डॉक्टर ज़ेबा ने.

डॉक्टर ज़ेबा छपरा, डर्मटॉलजिस्ट, क्यूटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई
अगर हिर्सुटिज़्म है, तो सबसे पहले स्किन एक्सपर्ट के पास जाएं. वो सही टेस्ट करके आपको उसका इलाज और कारण बताएंगे. कुछ नैचुरल तरीके हैं जिनसे आप हिर्सुटिज़्म कंट्रोल कर सकते हैं जैसे वज़न कम करना. वज़न बढ़ने से मेल हॉर्मोन ज़्यादा बनने लगते हैं, जिससे हिर्सुटिज़्म बढ़ जाता है. वज़न कम करने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल. यानी सही डाइट लेना और एक्सरसाइज करना बहुत ज़रूरी है. रोज़ एक्सरसाइज करें. खाने में प्रोसेस्ड फूड, ज़्यादा चीनी वाला खाना और जंक फ़ूड को अवॉयड करना चाहिए. एक हेल्दी शरीर के साथ हॉर्मोन को संतुलित रखने के लिए एक हेल्दी दिमाग भी ज़रूरी है. योगा से स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं और हिर्सुटिज़्म को बढ़ने से रोक सकते हैं. Hirsutism का इलाज क्या है? -हिर्सुटिज़्म के इलाज के लिए वो दवाइयां दी जाती हैं जो मेल हॉर्मोन को कम करते हैं
-जैसे Oral Contraceptive Pills (गर्भनिरोधक गोलियां)
-Spironolactone (स्पिरोनोलैक्टोन)
-Finasteride (फिनास्टेराइड) जैसी दवाइयां दी जाती हैं
-ये दवाइयां हिर्सुटिज़्म को जड़ से ठीक करती हैं और नए बालों को उगने से रोकती हैं लेकिन जो बाल निकल चुके हैं उन्हें हटाने के लिए लिए आप कुछ ट्रेडिशनल उपाय अपना सकते हैं जैसे वैक्सिंग, शेविंग और थ्रेडिंग. ये तरीके ज़्यादा समय के लिए असरदार नहीं रहते. जितने बाल आपने निकाले होते हैं उतने ही बाल कुछ समय बाद वापस आ जाते हैं.

-हिर्सुटिज़्म से निपटने के कुछ और उपाय है. ये लंबे समय तक चलते हैं जैसे लेज़र हेयर रिमूवल थैरेपी. लेज़र स्किन के अंदर जाकर जड़ से बालों को खत्म कर देता है एक सेशन में लगभग 20 प्रतिशत बाल खत्म हो जाते हैं और दोबारा नहीं आते. ऐसे 8 से 10 सेशन में लगभग सारे बाल ख़त्म हो जाते हैं. लेकिन अगर हॉर्मोन बैलेंस में नहीं हैं या आगे जाकर हॉर्मोन्स फिर गड़बड़ा जाते हैं तब बाल दोबारा आ सकते हैं. ख़ासतौर पर ठुड्डी, चेस्ट और कानों के पीछे. इन केसेज़ में लेज़र के साथ दवाइयां लेना ज़रूरी है. आज की तारीख में सबसे सेफ़ और कारगर तरीका है लेज़र हेयर रिमूवल.
ट्रीटमेंट के बारे में आपने डॉक्टर से जान लिया. तो अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को ये कंडीशन है, तो सही ट्रीटमेंट लीजिए. घर पर गूगल से पढ़कर कोई इलाज खुद करने की कोशिश न करिए.
वीडियो