सोनल दिल्ली की रहने वाली हैं. 24 साल की हैं. अपने अंडर आई बैग्स से काफ़ी परेशान हैं. अब ये अंडर आई बैग्स क्या होता हैं? एक तरह से आंखों के नीचे होने वाली सूजन. अब सोनल को हमेशा से अंडर आई बैग्स की दिक्कत नहीं थी. पिछले कुछ महीनों से सोनल के अंडर आई बैग्स काफ़ी ज़्यादा बढ़ गए हैं. वो चाहती हैं हम इनसे निपटने में, इन्हें कम करने में उनकी मदद करें. तो डॉक्टर्स से जानेंगे कि क्या अंडर आई बैग्स जड़ से ख़त्म किए जा सकते हैं? पर उससे पहले समझते हैं ये क्या होते हैं और क्यों हो जाते हैं?
क्या होते हैं अंडर आई बैग्स?
ये हमें बताया डॉक्टर ज़ेबा ने.

डॉक्टर ज़ेबा छपरा, डर्मटॉलजिस्ट, क्यूटिस स्किन स्टूडियो, मुंबई
-अंडर आई बैग्स आंखों के नीचे होने वाली सूजन को कहा जाता है.
-इन्हें बैग्स इसलिए कहते हैं क्योंकि ये छोटे-छोटे पाउचेज़ होते हैं.
-ये आंखों के नीचे से शुरू हो कर गालों तक सीमित रहते हैं.
कारण
-बैग्स के होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. ये निर्भर करता है कि बैग्स पानी से भरकर हुआ है या फैट से भरकर.
-अगर पानी से भरकर हुआ है तो आप नोटिस करेंगे कि ये सुबह के समय ज़्यादा नज़र आते हैं. जैसे-जैसे दिन बढ़ता है, ये कम हो जाते हैं.
-पानी वाले बैग्स अक्सर तब नज़र आते हैं जब आपकी नींद पूरी न हुई हो.
-खाने में नमक ज़्यादा पड़ा हो. नमक पानी को अपनी ओर खींचता है जिससे शरीर में सूजन बढ़ जाती है. ये सूजन आंखों के नीचे ज़्यादा नज़र आती है.
-स्मोकिंग और शराब पीने से भी अंडर आई बैग्स हो सकते हैं.
-ये बैग्स कुछ बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं जैसे किडनी की बीमारी या थायरॉइड.

-ये जेनेटिक भी हो सकते हैं यानी अगर परिवार में लोगों को अंडर आई बैग्स हैं तो आपको भी हो सकते हैं.
-जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारी स्किन में कॉलाजेन (स्किन में बनने वाला प्रोटीन) कम हो जाता है. कॉलाजेन की कमी से और स्किन के इलास्टिक टिशू और मांसपेशियों के कमज़ोर होने से जो फैट हमारी आंखों को सपोर्ट करते हैं, वो गिरकर नीचे आ जाते हैं और एक पाउच बन जाते हैं.
अंडर आई बैग्स किन कारणों से होते हैं, वो आपने समझ लिए. अब आते हैं एक और ज़रूरी सवाल पर. आपकी किन गलतियों से आंखों के नीचे सूजन और ज़्यादा दिखती हैं? इससे बचने का कोई तरीका है क्या? साथ ही, इसका इलाज क्या है?
क्या गलतियां अवॉयड करनी हैं?
इनके बारे में हमें बताया डॉक्टर अप्रितम ने.
हमारी आंखों की स्किन बहुत पतली और सेंसिटिव होती है.यहां किसी भी तरह की एलर्जी होना या किसी मांसपेशी में थकावट होने से आंखें सूजी हुई लगती हैं. इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपनी आंखों की केयर करें.
- अगर आई मेकअप इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे सोने से पहले हटाना बहुत ज़रूरी है.
-कंप्यूटर पर काम करते समय या टीवी देखते समय अपना चश्मा ज़रूर पहनें अगर आपको चश्मा लगा हुआ है.
-धूप से आंखों पर जोर पड़ता है इसलिए चश्मा ज़रूर पहनकर रखें.
-स्मोकिंग और शराब से परहेज़ करें, इससे भी सूजन बढ़ती है.
-कोई भी प्रोडक्ट लगाने से आंखों में पानी आ रहा है, खुजली हो रही है, एलर्जी हो रही है या स्किन लाल और ड्राय हो रही है तो मतलब उस प्रोडक्ट से आपको एलर्जी है. वो आप बिलकुल बंद कर दीजिए और डॉक्टर से इलाज ज़रूर लीजिए.
-कुछ हमारी आदतें भी होती हैं जिनसे आंखों के नीचे सूजन बढ़ जाती है. जैसे आंखों को रगड़ते रहना.

-कंप्यूटर या फ़ोन पर आंखें गड़ाए रखना. इससे आंखों पर जोर पड़ेगा.
-सोते समय अगर पेट के बल सो रहे हैं तो ग्रैविटी के कारण शरीर में पाए जाने वाला फ्लूड चेहरे और आंखों पर इकट्टा हो जाएगा. इसलिए सोते समय अपनी पोजीशन बदलें.
इलाज
-अगर आंखों के नीचे पानी जमा हो रहा है तो सबसे पहले पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज या डायबिटीज का टेस्ट करवाएं. कोई मेटाबॉलिक कारण हो सकता है. इसलिए उसका इलाज होना ज़रूरी है.
-नमक पर कंट्रोल करें.
-आंखों को रेस्ट देना बहुत ज़रूरी है. आप खीरा या आलू का पेस्ट लगा सकते हैं. इन्हें कस करके ठंडा करने के लिए फ्रिज में रख दें. इससे आंखों के नीचे होने वाले डार्क सर्कल्स भी ठीक होंगे.
-कोई चम्मच फ्रिज में रखें. ठंडा होने के बाद उसे अपनी आंखों पर रखें. सूजन कम होगी.
-रात में कोई ऐसी अंडर आई क्रीम इस्तेमाल करें जिसमें विटामिन के, कैफ़ीन या ज़ैंथीन हो.
-इसके अलावा रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रीटमेंट किया जाता है. जिससे आंखों के नीचे मौजूद फ्लूड कम होता है. लेकिन अगर आपकी आंखों के नीचे फैट है, ये कैसे पता चलेगा? - अगर आपकी आंखों के नीचे मौजूद बैग्स पूरा दिन एक जैसे दिखते हैं तो मतलब उनमें पानी नहीं चर्बी है.
-फैट का ट्रीटमेंट या तो आंखों के नीचे इंजेक्शन लगाकर किया जाता है, जिससे फैट घुल जाता है.
-दूसरा तरीका है, बैग के नीचे फ़िलर इंजेक्शन लगवाया जाता है.
-पर ये सारे तरीके अस्थायी हैं. कुछ समय बाद ये बैग्स वापस आ सकते हैं.

-अगर कोई परमानेंट इलाज चाहिए तो उसके लिए एक सर्जिकल ट्रीटमेंट है. जिसका नाम है ब्लेफेरोप्लास्टी (Blepharoplasty). इसमें आंखों के नीचे सर्जन एक छोटा सा कट लगाते हैं. फिर फैट का पूरा बैग निकाल लिया जाता है. फिर वहां पर टाका लगा दिया जाता है. इससे आंखों के नीचे जमा फैट हमेशा के लिए निकल जाता है.
अगर आपके अंडर आई बैग्स हैं, तो ज़्यादा परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. ज्यादातर केसेस में ये लाइफस्टाइल में मामूली बदलाव से ठीक हो जाते हैं. इसलिए डॉक्टर ने जो गलतियां अवॉयड करने के लिए कहा है, वो ज़रूर करें. पर आई बैग्स को लेकर ज़्यादा स्ट्रेस न लें.
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