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मधुमक्खी के काटने को इग्नोर ना करें, जान तक जा सकती है!

मधुमक्खी के जहर में फॉर्मिक एसिड समेत बहुत सारे केमिकल होते हैं. फॉर्मिक एसिड के कारण ही शरीर में सूजन आने लगती है.

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जिस जगह मधुमक्खी ने काटा है, अगर वहां डंक दिखे तो उसे तुरंत निकाल दें. (सांकेतिक फोटो)

मधुमक्खी का काटना एक आम घटना है (Honey bee bite). हम में से कई लोगों को मधुमक्खियां काट चुकी हैं.जब मधुमक्खियां काटती हैं, तो तेज दर्द होता है. फिर सूजन बढ़ने लगती है. एक या दो मधुमक्खियों के काटने पर हम डंक निकालकर, कुछ घरेलू उपचार कर लेते हैं. कुछ घंटों में आराम भी लग जाता है. लेकिन कई बार ऐसी भी घटनाएं सुनने को मिलती हैं, जहां मधुमक्खियों का हमला कुछ लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होता है. तो आज हम सेहत में डॉक्टर से जानेंगे कि ऐसा होने के पीछे की क्या वजह है और किन लक्षणों के दिखने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.

किस तरह का खतरा होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अप्रतिम गोयल ने.

(डॉक्टर अप्रतिम गोयल, सेलिब्रिटी डर्मेटोलॉजिस्ट)

मधुमक्खी के काटने की वजह से मामूली से लेकर गंभीर रिएक्शन हो सकता है. एक या दो मधुमक्खी के काटने से हल्का रिएक्शन हो सकता है. ऐसे में जहां डंक लगा है, उस जगह सूजन आ जाती है. ये सूजन करीब आधे घंटे तक रहती है. इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर कई सारी मधुमक्खियों ने काटा है और सूजन कम नहीं हो रही है, बढ़ती ही जा रही है. ऐसा होने पर पूरे शरीर पर असर पड़ता है. अलग-अलग अंग काम करना बंद कर देते हैं. इसका दिल पर बुरा असर पड़ता है, जोकि जानलेवा होता है.

क्या जान जाने का भी खतरा होता है?

- मधुमक्खी के जहर में फॉर्मिक एसिड समेत बहुत सारे केमिकल होते हैं.

- फॉर्मिक एसिड के कारण शरीर में सूजन आने लगती है.

- साथ ही जहां मधुमक्खी ने काटा हो, अगर डंक अंदर रह जाए तो सूजन और बढ़ती है.

- उस जगह खून पतला होने लगता है.

- अगर ये रिएक्शन सिर्फ खाल पर ही है, तो घबराने की जरूरत नहीं है.

- लेकिन जब अंदरूनी अंग भी इसकी चपेट में आ जाएं, तब स्थिति गंभीर हो जाती है.

- इसका पहला लक्षण है सांस की नली में सूजन.

- इसमें सांस की नली में मौजूद म्यूकस मेम्ब्रेन में सूजन आ जाती है.

- इस स्थिति को एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) कहते हैं. इसमें मरीज का एनाफलेटिक शॉक में जाने का खतरा होता है, जो कि जानलेवा है.

इलाज

- जिस जगह मधुमक्खी ने काटा है, अगर वहां डंक दिखे तो उसे निकाल दें.

- इसके बाद उस जगह को साबुन से अच्छी तरह से धोएं, साबुन इंफेक्शन को फैलने से रोकता है.

- इसके बाद फर्स्ट ऐड की बारी आती है.

- इसके लिए बर्फ या ठंडे पानी से सिकाई करें.

- ऐसा करने से जहर के कारण जो खून पतला हो गया है वो गाढ़ा होने लगता है और जहर का असर भी कम हो जाएगा.

- इसके अलावा सूजन कम करने वाली कोई एंटी इंफ्लेमेटरी क्रीम लगाएं.

- अगर क्रीम ना मिले, तो बेकिंग सोडा का पानी में घोल बनाकर डंक वाली जगह पर लगाएं.

- बेकिंग सोडा एक बेस है जो मधुमक्खी के जहर में मौजूद एसिड का असर खत्म कर देता है.

- इसके अलावा डंक वाली जगह पर शहद या सेब का सिरका लगाएं.

- अगर ऐसा लग रहा है कि रिएक्शन बढ़ता जा रहा है, सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

- चेहरे और शरीर पर सूजन आ रही है, जहर के कारण बुखार आ सकता है, कपकपाहट हो सकती है.

- ऐसा होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए.

- डॉक्टर स्टेरॉयड और एपिनेफ्रीन (Epinephrine) के जरिए इलाज करते हैं

- अगर बहुत ज्यादा मधुमक्खियां काट लेती हैं तो एनाफिलेक्सिस का भी खतरा होता है

- एनाफिलेक्सिस में शरीर के अंग काम करता बंद करने लगते हैं, जो जानलेवा है

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको ख़ुद से कोई दवाई लेने की सलाह नहीं देता.)