"पवित्र भूमि में जहां हर दिन हिंदू, ईसाई लड़कियों का अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और विवाह हो रहा है, पाकिस्तान सरकार मौन धरे बैठी हुई है. सिंध के सुक्कुर में अपहरण, धर्मांतरण का विरोध करने पर वाहिद लशारी नाम के शख्य ने 18 वर्षीय पूजा कुमारी ओढ़ की गोली मारकर हत्या कर दी."
पाकिस्तानः जबरन शादी के लिए हिंदू लड़की की किडनैपिंग की कोशिश, फिर गोली मारकर हत्या
पंजाब के सिंध प्रांत की घटना, घर में घुसकर लड़की को किडनैप करने की कोशिश की.
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पुलिस ने बताया है कि मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने लड़की की हत्या की बात क़ुबूल कर ली है (फोटो - PTI)
पाकिस्तान का दक्षिणी प्रांत सिंध. यहां 21 मार्च को एक हिंदू लड़की की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, किडनैप करने में असफल होने पर लड़की की हत्या की गई. पाकिस्तानी अखबार द फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, मृतका का नाम पूजा कुमारी है. वो 18 साल की बताई जा रही है. कथित घटना सिंध के रोही सुक्कूर की है. आरोपी की पहचान वाहिद बक्स लशारी की रूप में हुई है. dailypakistan.com की रिपोर्ट के मुताबिक़, आरोपी पूजा से शादी करना चाहता था. घटना वाले दिन लशारी ने पूजा के घर में घुसकर उसे किडनैप करने का प्रयास किया. पूजा ने इसका विरोध किया, खुद को लशारी से बचाने की कोशिश की. इसके बाद लशारी ने गोली चला दी. पूजा की मौक़े पर ही मौत हो गई.
पुलिस ने बताया है कि आरोपी लशारी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने लड़की की हत्या की बात क़ुबूल कर ली है. घटना से आहत और नाराज़ परिजन ने सड़क पर धरना दिया और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर आक्रोश है. ट्विटर पर #JusticeForPoojaKumari ट्रेंड कर रहा है.
पाकिस्तान में बढ़ रहे हैं अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के मामले: रिपोर्ट
पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं. हालांकि, वहां के हिंदू संगठनों का दावा है कि वहां 90 लाख से ज्यादा हिंदू रह रहे हैं. पाकिस्तान की ज़्यादातर हिंदू आबादी सिंध प्रांत में बसी है. पाकिस्तान स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू कुल जनसंख्या के 1.60 प्रतिशत हैं. वहीं, सिंध में हिंदू वहां की आबादी के 6.51 प्रतिशत के क़रीब हैं. कई संगठनों का कहना है कि हर साल सिंध में अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाली कई महिलाओं, विशेष रूप से हिंदुओं का अपहरण किया जाता है और धार्मिक चरमपंथियों द्वारा उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया जाता है. पीपल्स कमीशन फॉर माइनॉरिटीज़ राइट्स और सेंटर फ़ॉर सोशल जस्टिस के अनुसार, 2013 और 2019 के बीच जबरन धर्मांतरण की 156 घटनाएं हुई हैं. कई राइट्स संगठनों ने पाकिस्तान सरकार पर हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों पर आवश्यक कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. द प्रिंट से जुड़ी पत्रकार नैला इनायत ने ट्वीट कर पाकिस्तान सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. नैला ने लिखा है,
साल 2019 में सिंध में प्रांतीय सरकार ने जबरन धर्मांतरण और विवाह पर बैन लगाने का प्रयास किया था. हालांकि, कट्टरपंथियों ने बिल का विरोध किया था. उस साल रीना और रवीना का मामला नैशनल डीबेट बन गया था. दोनों बहनें थीं. उन्होंने धर्म परिवर्तन करके शादी की थी. परिवार ने दावा किया था कि लड़कियों की शादी कम उम्र में हो गई थी और इसलिए वे इस तरह के निर्णय लेने के लिए सहमति देने में असमर्थ थीं. वहीं, लड़कियों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में बताया था कि उन्होंने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है. कोर्ट ने बहनों के पक्ष में फैसला सुनाया था.
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