कैप्टन चीमा का सपना था कि उनकी बेटी भारत की सेना में जाए. कुंजदीप ने कमीशनिंग के लिए जाने से पहले पटियाला में ही अपने पिता को अंतिम विदाई दे दी थी. उनके छोटे भाई भव गुरमीत सिंह ने पिता की चिता को जब आग दी, तब कुंजदीप अपना मेडिकल एक्जाम क्लियर करके कमीशन ले रही थीं. नई दिल्ली में.

कुंजदीप ने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. मेकैनिकल इंजीनियर हैं. 2019 में उनकी डिग्री पूरी हुई. अब वो भारतीय नेवी में बतौर पायलट कमीशन लेंगी.
ग्रुप कैप्टन चीमा का अंतिम संस्कार अलोवल गांव में हुआ. उनका पैतृक गांव है. ये गुरदासपुर जिले के धारीवाल शहर के पास है. उनके अंतिम संस्कार में पठानकोट एयर फ़ोर्स स्टेशन के हेड एयर कॉमोडोर जॉय थॉमस कुरियन मौजूद थे. डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इशफाक, गुरदासपुर के SDM सकत्तर सिंह भी वहां मौजूद थे. सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से श्रद्धांजलि देने के लिए. वहां से MLA कांग्रेस के फ़तेह जंग सिंह बाजवा हैं, जो इस मौके पर नहीं पहुंचे. उनकी गैरमौजूदगी पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो बजट सेशन के वजह से नहीं आ पाए. लेकिन वो सुनिश्चित करेंगे कि सरकार की तरफ से कैप्टन चीमा के परिवार का पूरा ध्यान रखा जाए.
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