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JN.1: कोविड का नया वेरिएंट आया, कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी

JN.1 वेरिएंट का पहला मामला इसी साल सितंबर महीने में इंग्लैंड में सामने आया था. यहां से ये वेरिएंट करीब 10 देशों में फैल चुका है.

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JN.1 वेरिएंट ओमिक्रोन जितना खतरनाक नहीं है. (सांकेतिक फोटो)

कोविड का नया वेरिएंट आ गया है. इसका नाम है JN.1. इस वेरिएंट की ख़बर आते ही लोग घबरा गए. सबके मन में कई सारे सवाल हैं. हमें सेहत पर लगातार लोगों के मेल आ रहे हैं. वे इस वेरिएंट के बारे में और जानकारी चाहते हैं. उनके कुछ सवाल हैं, जैसे नया वेरिएंट JN.1 क्या है, क्या ये पुराने वेरिएंट से ज़्यादा ख़तरनाक है, इसके क्या लक्षण हैं, जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है, क्या उन्हें घबराने की जरूरत है, और सबसे ज़रूरी बात, हिंदुस्तान में ये वेरिएंट कितना फैला है. इन सारे सवालों के जवाब जानते हैं डॉक्टर्स से.

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कोविड का नया वेरिएंट JN.1 क्या है?

ये हमें बताया डॉक्टर विभु क्वात्रा ने.

(डॉ. विभु क्वात्रा, पल्मोनोलॉजिस्ट और एलर्जी विशेषज्ञ)

इस नए वेरिएंट का भारत में अभी कोई आधिकारिक मामला सामने नहीं आया है. JN.1 वेरिएंट का पहला केस इसी साल सितंबर महीने में इंग्लैंड में सामने आया था. यहां से ये वेरिएंट करीब 10 देशों में फैल चुका है. हो सकता है सर्दियों की छुट्टियों में लोगों के जरिए ये वेरिएंट और तेजी से फैले.

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क्या ये पुराने वेरिएंट से ज़्यादा ख़तरनाक है?

कोविड में कब क्या बदलाव आ जाए, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक JN.1 वेरिएंट में सिर्फ एक स्पाइक प्रोटीन में बदलाव आया है. हालांकि ये ओमिक्रोन जितना खतरनाक नहीं है. समय के साथ कोविड के नए वेरिएंट आते रहेंगे. हर छह से आठ महीने के अंदर कोविड वायरस में बदलाव आता है. किसी भी वायरस में ये बदलाव होना आम है. जब तक किसी वेरिएंट में ऐसे बदलाव नहीं होते हैं जिससे इंसानों को खतरा हो सकता है, तब तक घबराने की जरूरत नहीं है.

लक्षण

नए वेरिएंट में भी कोविड के आम लक्षण ही दिखते हैं, जैसे कि तेज बुखार, जुकाम-खांसी, पेट खराब, बदन दर्द और थकान. जिन लोगों में वायरल लोड ज्यादा होगा, उनमें ये लक्षण ज्यादा गंभीर होंगे (वायरल लोड यानी मरीज के शरीर में वायरस कितनी मात्रा में मौजूद है). अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. कोविड की जांच कराएं. अगर कोविड आता है तो मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ही इलाज करेंगे.  

जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है, उन्हें घबराने की जरूरत है?

कोई भी वैक्सीन किसी भी बीमारी से पूरी तरह से सुरक्षा नहीं देती है. वैक्सीन से बीमारी का असर काफी हद तक कम हो जाता है. JN.1 वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में बदलाव आया है (स्पाइक प्रोटीन वायरस की बाहरी परत पर मौजूद होता है, जिसकी मदद से वो तेजी से संक्रमण फैला सकता है). ज्यादातर लोग जिन्हें स्पाइक प्रोटीन वाली वैक्सीन लगी है, उन्हें JN.1 वेरिएंट का संक्रमण होने पर सुरक्षा नहीं मिलेगी. इसलिए मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 

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(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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