The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

BHU ने क्या इस अहम फैसले से लड़कियों को बाहर रखा है?

लाइब्रेरी के रात भर खुलने की सुविधा नहीं उठा पेंगी लड़कियां

post-main-image
तस्वीर में बाईं तरफ़ BHU का सिंघ द्वार, दाईं तरफ़ साइबर लाइब्रेरी की तस्वीर
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी. BHU. यहां की सेंट्रल लाइब्रेरी का एक हिस्सा है साइबर लाइब्रेरी. एशिया की सबसे बड़ी साइबर लाइब्रेरी. 450 कम्प्यूटर्स पर स्टूडेंट्स इंटरनेट पर मिलने वाली किताबें और कॉन्टेंट एक्सेस कर सकते हैं, उन्हें पढ़ सकते हैं. 26 मार्च को यूनिवर्सिटी की तरफ से जानकारी दी गई कि अब से साइबर लाइब्रेरी हर दिन 21 घंटे के लिए खोली जाएगी. स्टूडेंट्स साल 2016 से मांग कर रहे थे कि साइबर लाइब्रेरी को 24X7 खोला जाए. पूरे 24 घंटे तो नहीं, पर अब सुबह 8 बजे से अगली सुबह 5 बजे तक लाइब्रेरी खोली जाएगी. BHU के पब्लिक रिलेशन ऑफिस ने ट्वीट किया कि 28 मार्च से साइबर लाइब्रेरी नई टाइम टेबल के हिसाब से खोली जाएगी. हालांकि, लाइब्रेरी वर्किंग डेज़ में ही खुली रहेगी.
छात्र हित में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा एक अहम निर्णय लिया गया है। इसके तहत #BHU स्थित सयाजीराव गायकवाड केन्द्रीय ग्रंथालय का साइबर लाइब्रेरी स्टडी सेंटर 28.03.2022 से हर कार्य दिवस में विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु प्रातः 08.00 बजे से प्रातः 05.00 बजे तक खोला जायेगा। pic.twitter.com/WkQ45bNOuw
ऑनलाइन कॉन्टेंट एक्सेस के साथ-साथ ये साइबर लाइब्रेरी एक सुविधा और देती है. ऐसे स्टूडेंट्स जिन्हें हॉस्टल या घर में पढ़ाई के लिए शांत माहौल नहीं मिलता, वो भी अपनी किताबें ले जाकर यहां बैठकर पढ़ सकते हैं. यानी साइबर लाइब्रेरी के रातभर खुले रहने का फायदा ऐसे स्टूडेंट्स को भी मिलेगा जो रात में जागकर, शांति में पढ़ना प्रिफर करते हैं. लेकिन इस फैसले में एक पेच है. पेच ये है कि BHU का ये फैसला BHU कैम्पस के हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के किसी काम का नहीं है. क्योंकि वहां हॉस्टल्स के गेट रात 10 बजे ही बंद हो जाते हैं. Hostel Curfew Timing के चलते लाइब्रेरी जा नहीं पाएंगी लड़कियां   BHU कैम्पस के गर्ल्स हॉस्टल्स में रहने वाली लड़कियों को रात 10 बजे से पहले हॉस्टल लौटना पड़ता है. नियम कुछ ऐसे हैं कि अगर वो लगातार तीन बार रात 10 बजे के बाद हॉस्टल लौटती हैं तो उनके घर तक में फोन कर दिया जाता है. साथ ही उन्हें रात के 10 बजे के बाद  बाहर निकलने की भी अनुमति नहीं होती है. ऐसे में लड़कियां देर रात लाइब्रेरी में रुककर नहीं पढ़ पाएंगी. जबकि लड़कों के लिए कोई हॉस्टल टाइमिंग नहीं है, तो उन पर जल्दी लौटने या नहीं निकल पाने की पाबंदी नहीं है. इस कंसर्न को एड्रेस करते हुए BHU के पब्लिक रिलेशन ऑफिस ने 28 मार्च को ट्वीट किया कि ये सुनिश्चित किया जाएगा कि फीमेल स्टूडेंट्स भी इस सुविधा का इस्तेमाल कर पाएं. लड़कियों का स्टैन्ड क्या है? यूनिवर्सिटी का यह फैसला 28 मार्च से लागू हो चुका है. इसी दिन यूनिवर्सिटी की कुछ छात्राएं डीन ऑफ स्टूडेंट्स से मिलीं. उनकी मांग है कि रात को भी छात्राओं के लिए लेट नाइट बस सर्विस चले. उस बस में प्रॉक्टर बोर्ड का कर्मचारी हो जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे. आपको बता दें कि BHU में चलने वाली बस सुविधा केवल शाम 6 बजे तक ही होती है. BHU कैम्पस में स्थित महिला महाविद्यालय की ग्रेजुएशन थर्ड ईयर की स्टूडेंट वंदना ने कहा,
"हम आज डीन ऑफ स्टूडेंट्स से मिले. हमने लाइब्रेरी में जाकर पढ़ने के लिए अपनी कर्फ्यू टाइमिंग हटाने की मांग की है. लड़कियों को भी इस सुविधा का प्रयोग करना है. हमें भी पढ़ना है. हमने यह भी मांग की है कि हमारी सेफ़्टी के लिए बस सर्विस दी जाए जो सारे गर्ल्स हॉस्टल से होते हुए लाइब्रेरी जाए. इसी तरह से वही बस हमें वापस भी छोड़े . ऐसे हम हर रोज एप्लीकेशन लिखकर वॉर्डन से पर्मिशन लेने नहीं जा सकते."
वंदना ने बताया कि डीन ने इस बात पर चिंता जताई है कि अभी भी 16 घंटे बस सर्विस चलती है. देर रात सर्विस के लिए नए ड्राइवर्स अपॉइंट करने होंगे, फिर डीज़ल का भी खर्चा देखना होगा. वंदना ने बताया  कि इसके लिए डीन ने एक हफ्ते का समय मांगा है.   हमने पूछा कि कर्फ्यू टाइमिंग को लेकर क्या दिक्कतें होती हैं ? इसपर वंदना ने कहा,
"अगर हम किसी कारण से एक मिनट भी लेट होते हैं तो हमें रजिस्टर में लेट एंट्री करनी होती है. ऐसा कई बार होने पर शिकायत दर्ज होती है और वॉर्डन से डांट पड़ती है. हमरे लिए थोड़ी देर से भी पहुंचना पनिशेबल हो जाता है."
Security BHU के किसी प्रोटेस्ट के दौरान (सांकेतिक तस्वीर) साल 2017 तक BHU में गर्ल्स हॉस्टल की कर्फ्यू टाइमिंग शाम 7 बजे तक थी.  इसके बाद लड़कियों द्वारा हुए एक बड़े प्रोटेस्ट से यह टाइमिंग बढ़कर 10 बजे हुई. साइबर लाइब्रेरी के इस्तेमाल के लिए कर्फ्यू टाइमिंग में बदलाव होगा या नहीं ये बाद का प्रश्न है. अभी के लिए ये राहत मानी जा सकती है कि BHU प्रशासन छात्राओं को इस फैसिलिटी का लाभ देने की दिशा में विचार कर रहा है.