पूरा मामला -
मिधत किदवई नाम के एक ट्विटर यूज़र ने ये वीडियो ट्वीट की, जिसमें लड़कियों की बोली लगाते ये लोग सुनाई दे रहे हैं. ये 'चर्चा' सिंगलपुर नाम के रूम में हो रही थी. संवाद के दौरान, महिला जननांग पर अभद्र टिप्पणी करते हुए एक व्यक्ति कहता है कि यह पंद्रह रुपये की है, दूसरा कहता है, ओए पांच रूपए का, तीसरा और उचककर कहता है, इतनी महंगी नहीं है. उस रूम में जुड़ा हुआ एक और व्यक्ति कहता है, "मैं इक्कीस दे रहा हूं, तुम लोगों के पास पैसे नहीं हैं." इतने पर उनका नेता कहता है कि जो सबसे सस्ते रेट देगा, मैं उसको दूंगा. यह नेता लगभग युद्ध जीत जाने वाले भाव से कहता है सिंगलपुर की जय, सिंगलपुर की जय. ऑनलाइन ट्रोलिंग और हरासमेंट के ख़िलाफ़ काम करने वाली संस्था 'टीम साथ' ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर सख़्त आपत्ति जताई. क्लबहाउस के सह-संस्थापक रोहन सेठ से सवाल खड़े किए. रोहन सेठ को टैग कर के पूछा,"क्या आप महिलाओं की नीलामी, उनके शरीर पर हो रही भद्दी टिप्पणियों, रेप थ्रेट्स और अश्लील व्यवहार के लिए अपना प्लेटफ़ॉर्म देते हैं? आपकी चुप्पी इस बात की निशानी है कि आप इसे स्वीकार कर रहे हैं."
"क्योंकि भारत सरकार ने सुल्ली डील्स मामले को नज़र अंदाज़ किया, महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई करने के नए नए वर्ज़न देखने को मिल रहे हैं. मैंने सुल्ली डील्स मुद्दे को उठाया था, इसे भी उठाऊंगी. हम ऐसे घोर मिसॉजिनिस्ट और बुली व्यवहार के सामने आंखे नहीं मूंद सकते."
"Clubhouse पर 100 सेकेंड की ये बातचीत इतनी घिनौनी और वीभत्स है कि आप घर में सुन भी नहीं सकते. ये सारे के सारे राष्ट्रवादी हैं और इन पर कोई कार्रवाई इसलिए नहीं हो सकती क्योंकि इनके जैसे लोगों को देश के प्रधानमंत्री फ़ॉलो करते हैं, केंद्रीय मंत्री मिलते हैं."बिहार के किशनगंज से MP डॉ एमडी जावेद ने इसको सुल्ली सौदे मामले को गंभीरता से न लेने का परिणाम बताया. शशि थरूर से अनुरोध करते हुए उन्होनें कहा,
“संसदीय स्थायी समिति में इस ऐप के क्रियेटेर्स से ऐसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. सुल्ली सौदे की घटना के संबंध में, 56 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र, जो अमित शाह के समक्ष प्रस्तुत किया गया था,उसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसका परिणाम आज यह है."
सुल्ली डील्स क्या है?
दरअसल जिस सुल्ली डील्स की बात ये कर रहे हैं, वो कुछ समय पहले का मामला है. गिटहब नाम के ओपन सोर्स प्लैटफॉर्म पर सुल्ली डील्स नाम का एक ऐप बनाया गया था. इस ऐप में मुस्लिम महिलाओं की सोशल मीडिया प्रोफाइल से तस्वीरें लेकर डाला गया था. तस्वीरों के साथ उनकी कीमत लिखी हुई थी. 'सुल्ली' एक लिंग-धर्म सूचक शब्द है, जो मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल होता है. गाली की तरह. कुछ महीने पहले ये मामला बेहद गर्म था, मगर पुलिस की ओर से कोई अपडेट नहीं आया. सुल्ली डील्स मामले के बारे में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे हर्ष ने लिखी है)