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ममता बनर्जी ने कहा- राजभवन में एक राजा बैठते हैं, नाराज जगदीप धनखड़ ने सुनाई खरी-खरी

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल सरकार को बड़े पैमाने पर दुरुस्त करने की जरूरत बता दी है

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पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है (फोटो: इंडिया टुडे)
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बीच टकराव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब दोनों के बीच एक बयान को लेकर टकराव हो गया है. हाल ही में ममता बनर्जी ने गोवा का दो दिवसीय राजनीतिक दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जो जगदीप धनखड़ को बुरा लग गया. इसके बाद धनखड़ ने ट्वीट कर ममता को खरी-खोटी सुनाई है. ममता बनर्जी ने ऐसा क्या कहा? राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार 29 दिसंबर को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए. इनमें उन्होंने ममता बनर्जी का एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में ममता बनर्जी कह रही हैं,
"राजभवन में एक राजा बैठते हैं, क्या नहीं बोलते हैं. वो ऐसी बात करते हैं जैसे बीजेपी के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट से भी अपने को बड़ा समझते हैं."
इस वीडियो को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने लिखा कि ममता बनर्जी ने गोवा की अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान 'राज भवन में एक राजा बैठता है' बयान दिया, इससे हैरान हूं. ऐसा कहना अप्रत्याशित और अनुचित है. अपने इसी ट्वीट में जगदीप धनखड़ ने यह भी लिखा,
16 दिसंबर को सीएम से बातचीत के लिए आग्रह किया था क्योंकि संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों को लोगों की सेवा के लिए मिल-जुल कर काम करना चाहिए. लेकिन, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली - आखिर कोई संवाद और विचार-विमर्श क्यों नहीं!
एक अन्य ट्वीट में राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और ममता सरकार के मंत्रियों को भी निशाने पर लिया. उन्होंने लिखा,
(इससे पहले) तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता बनर्जी के मंत्री सार्वजनिक रूप से राज्यपाल को बदनाम करने और उनका अपमान करने वाली अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर चुके हैं. लेकिन (राज्यपाल) इन चीजों से विचलित हुए बिना संविधान और कानून के अनुसार शासन को सुरक्षित करने के लिए ईमानदारी से अपना काम जारी रखेंगे. वर्तमान परिदृश्य चिंताजनक है.
जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के फैसलों को संविधान के विपरीत भी बताया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी न केवल संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत बताए गए अपने कर्तव्यों का उल्लंघन कर रही हैं. बल्कि अनुच्छेद 166 का उल्लंघन करते हुए नौकरशाही का राजनीतिकरण भी कर रही हैं. राज्यपाल के मुताबिक पश्चिम बंगाल में शासन को संविधान के हिसाब से चलाने के लिए बड़े पैमाने पर दुरुस्त करने की जरूरत है. कुलाधिपति की नियुक्तियों को लेकर चल रही है खींचतान पश्चिम बंगाल में कई बार राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी के बीच तनाव देखा जा चुका है. इस समय दोनों के बीच पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में कुलाधिपति की नियुक्तियों को लेकर खींचतान चल रही है. बीते हफ्ते राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की उपाधि वाले पदों से हटाने का सुझाव दिया था. इसे लेकर राज्यपाल काफी नाराज हो गए. उन्होंने ब्रात्य बसु की फटकार लगाते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री को ऐसा बोलने से पहले उनसे बात करनी चाहिए थी. धनखड़ ने रविवार 26 दिसंबर को यह दावा भी किया कि उन्हें जानकारी दिए बगैर ही ममता सरकार ने कई विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों की नियुक्ति कर दी है.