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बनारस के घाट पर बजरंग दल-विश्व हिंदू परिषद ने लगाए घटिया पोस्टर, कारण जानिए

इन पोस्टरों पर बजरंग दल के नेताओं ने क्या कहा?

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VHP ने लगाए वाराणसी में पोस्टर (पहला फोटो: आजतक, दूसरा : कमाल खान/ट्विटर)
साल 2021 के शुरूआती दिनों की बात है, इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तहत वाराणसी की छटा को निखारने का काम तेजी से चल रहा था. लेकिन कॉरिडोर के निर्माण के बीच में एक ऐसी जमीन आ रही थी, जिस पर काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का मालिकाना हक था. देखने में अड़चन बहुत बड़ी थी, लेकिन गंगा-जमुनी तहजीब के इस शहर ने यह बाधा बेहद आसानी से दूर कर दी. हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों ने बैठकर बात की और आपसी तालमेल से मस्जिद के नुमाइंदों ने 17 सौ स्क्वायर फीट की ये जमीन कॉरिडोर के लिए दे दी. इसके बदले मस्जिद पक्ष को शहर के एक अन्य इलाके में जमीन दी गई. गंगा-जमुनी तहजीब की ऐसी मिसालें बनारस शहर में पहले भी देखने को मिलती रही हैं. लेकिन आज इस शहर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो इसकी तहजीब को बिलकुल बयां नहीं करती. वाराणसी के गंगा घाटों और धार्मिक स्थलों पर 'गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित' वाले पोस्टर लगाए गए हैं. ये पोस्टर प्रशासन की ओर से नहीं, बल्कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से लगाए गए हैं. आजतक से जुड़े रोशन जायसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक इन पोस्टर पर लिखा है,
"माँ गंगा, काशी के घाट और मंदिर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, श्रद्धा व आस्था के प्रतीक हैं, जिनकी आस्था सनातन धर्म में हो उनका स्वागत हैं. अन्यथा यह क्षेत्र कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है. यह निवेदन नहीं, चेतावनी है, विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल काशी."
'यह हमारी तरफ से चेतावनी है' गंगा घाट के किनारे बने पक्के घाटों और धार्मिक स्थलों की दीवारों पर ये पोस्टर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के काशी महानगर के मंत्री राजन गुप्ता ने लगवाए हैं. आजतक के मुताबिक राजन गुप्ता ने कहा कि गैर सनातन धर्म के लिए लगाए जा रहे ये पोस्टर केवल पोस्टर नहीं, बल्कि एक चेतावनी देने वाला संदेश है. राजन गुप्ता ने कहा,
"गंगा घाट, मंदिर और धार्मिक स्थल सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक हैं. हम यह चेतावनी देना चाहते हैं कि गैर सनातनी हमारे सनातन धर्म के धार्मिक स्थलों से दूर रहें, क्योंकि यह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है. जिन लोगों की आस्था सनातन धर्म में है, उनका तो हम स्वागत करेंगे, जिनकी नहीं है, तो उन्हें हम खदेड़ने का काम करेंगे."
वहीं, बजरंग दल के काशी महानगर के संयोजक निखिल त्रिपाठी ने कहा,
"यह पोस्टर नहीं बल्कि उन लोगों के लिए चेतावनी है जो हमारी अविरल मां गंगा को एक पिकनिक स्पॉट की तरह मानते हैं. पोस्टर के माध्यम से ये चेतावनी दी गई है कि ऐसे लोग हमारे धार्मिक स्थलों से दूर रहें, नहीं तो बजरंग दल उन्हें दूर कर देगा."
वाराणसी में यह पहला मामला नहीं है यह पहला मामला नहीं है, जब काशी में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस तरह का काम किया गया हो. इससे पहले बीते 25 दिसंबर को शहर में एक चर्च के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ, फिर 1 जनवरी को वाराणसी के मॉल और रेस्टोरेंट के बाहर पश्चिमी संस्कृति से जुड़ी पार्टी को सेलिब्रेट न करने की चेतावनी वाले पोस्टर भी लगाए जा चुके हैं.