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स्वामी प्रसाद मौर्य का योगी सरकार से इस्तीफा, अखिलेश के ट्वीट से सपा में शामिल होने की चर्चा

हालांकि बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने अलग ही दावा किया है.

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(फोटो : अखिलेश यादव / ट्विटर)
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मंगलवार 11 जनवरी को बड़ी हलचल हुई है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य की तस्वीर सामने आई है. कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर सपा जॉइन कर ली है. हालांकि बीजेपी की सांसद संघमित्रा मौर्य ने इस बात को खारिज किया है. इस्तीफे में क्या लिखा? राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा,
'श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं.'
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माननीय राज्यपाल जी , राज भवन, लखनऊ,उत्तर प्रदेश। महोदय, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्या - Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) 11 Jan 2022
स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके साथ एक तस्वीर शेयर की और लिखा,
'सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!'
स्वामी प्रसाद मौर्य के अचानक सपा में जाने के बाद बीजेपी में हलचल मच गई है. योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्वामी प्रसाद के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया निर्णय बताया है. केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे अपील करते हुए अपने एक ट्वीट में लिखा,
"आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूँ. उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं."
  वहीं बाद में बीजेपी की लोकसभा सांसद संघमित्रा मौर्य ने ये बात कही,
"स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल नहीं हुए हैं. 2017 में भी बसपा छोड़ने पर सपा ने ऐसे ही फ़ोटो वायरल किए थे."
स्वामी प्रसाद मौर्य साइकिल पर सवार हो गए हैं या नहीं, इसकी आधिकारिक घोषणा खुद उनकी तरफ से नहीं की गई है. लेकिन अखिलेश के साथ उनकी तस्वीर और पूर्व सीएम के ट्वीट के बाद चर्चा हर तरफ यही है कि मौर्य सपा के हो चुके हैं. ऐसे में उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा.   सपा में जाने के मिल रहे थे संकेत पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी का दामन छोड़कर साइकिल पर सवार हो सकते हैं. कहा जा रहा है कि वे जॉइनिंग को लेकर सीधे अखिलेश यादव के संपर्क में थे और बातें उनके स्तर पर ही हो रही थीं. नवंबर 2021 को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा लखनऊ उनसे मिलने पहुंची थीं. तभी से ये चर्चा शुरू हो गई थी कि मौर्य जल्द सपा का दामन थाम सकते हैं. संघमित्रा इस समय बीजेपी से लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में बदायूं से सपा के धर्मेंद्र यादव को शिकस्त दी थी.  एक वजह ऊंचाहार सीट भी आजतक से जुड़े कुमार अभिषेक के मुताबिक अगर स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में गए हैं तो इसकी एक वजह ऊंचाहार सीट भी है. उनके बेटे उत्कृष्ट मौर्य रायबरेली की ऊंचाहार सीट से पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, हालांकि बहुत कम अंतर से वह यह चुनाव हार गए थे. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो ऊंचाहार सीट के समीकरण कुछ ऐसे हैं कि बीजेपी से यह सीट जीतना बेहद मुश्किल है. यह भी कहा जाता है कि स्वामी प्रसाद के बेटे के लिए सपा से यह सीट जीतना थोड़ा आसान हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी एक बार फिर स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को ऊंचाहार सीट से टिकट देने को तैयार है, लेकिन उन्हें लगता है कि इस सीट के सपा ही सबसे मुफीद पार्टी है. बता दें, 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा छोड़ भाजपा का दामन थामा था.