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यूपी पुलिस को ढूंढे नहीं मिल रहे हत्या के आरोपी धनंजय सिंह आराम से क्रिकेट खेलते दिखे

बाहुबली धनंजय सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित हो चुका है.

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लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह के ऊपर 25000 रुपये का इनाम घोषित कर रखा है(पहला फोटो: स्क्रीन शॉट, दूसरा: आजतक)
यूपी के जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर 25000 रुपये का इनाम है, कोर्ट उन्हें भगोड़ा घोषित कर चुका है. लखनऊ और जौनपुर पुलिस उन्हें ढूंढ रही है और वह उसे ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. लेकिन, आम लोगों को धनंजय सिंह जौनपुर में खुलेआम घूमते दिखाई दे रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि वो अपने क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक सभी तरह के कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. धनंजय सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है. इसमें वो एक क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन के मौके पर क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. सपा ने लिखा,
"फर्क साफ है! मुख्यमंत्री से जुड़े माफिया खेल रहे क्रिकेट, 25000 के इनामी माफिया धनंजय सिंह सत्ता के संरक्षण में पुलिस की नाक के नीचे ले रहे खुले आसमान के नीचे खेल का मजा, डबल इंजन सरकार के बुलडोजर को नहीं मालूम इनका पता! जनता सब देख रही, 2022 में भाजपा साफ."
इसी वीडियो को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने लिखा,
"भाजपा का काम अपराधी सरेआम! बाबा जी अपने करीबी नालबद्ध माफ़ियाओं के टॉप टेन की सूची बनाकर एक टीम बना लें और आईपीएल की तरह एक ‘एमबीएल’ मतलब ‘माफिया भाजपा लीग’ शुरू कर दें. शहर के पुलिस कप्तान तो उनके लिए पिच बिछाए बैठे ही हैं और टीम के कप्तान वो ख़ुद हैं ही…हो गए पूरे ग्यारह."
  सपा के ट्वीट पार्टी प्रवक्ता जितेंद्र वर्मा जीतू ने रीट्वीट करते हुए लिखा,
"ये ब्राह्मण होता तो गाड़ी पलट जाती, ये मुस्लिम होता तो घर गिरा दिया जाता, ये पिछड़ी व दलित जाति से होता तो फर्जी एनकाउंटर होता, ये यादव होता तो कोतवाली में हत्या हो जाती, ये मुख्यमंत्री जी की जाति का ठाकुर है, इसलिए बचा हुआ है."
  कौन हैं धनंजय सिंह? धनंजय सिंह, जौनपुर के बाहुबली नेता हैं और सांसद भी रह चुके हैं. यूपी तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में मल्हनी सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे के अनुसार धनंजय पर 7 मुकदमे दर्ज हैं. उन्हें किस मामले में भगौड़ा घोषित किया गया है, यह भी आपको बताते हैं. बीते साल 6 जनवरी को यूपी की राजधानी लखनऊ में मोहम्मदाबाद के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस दौरान घायल हुए अजीत सिंह के साथी मोहर सिंह ने आजमगढ़ के कुंटू सिंह समेत चार लोगों पर FIR दर्ज कराई थी. पुलिस ने जांच की तो 11 और आरोपी सामने आए. कॉल डिटेल्स और सबूतों के आधार पर जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. इस मामले में जब पुलिस ने धनंजय सिंह पर शिकंजा कसना शुरू किया तो वह एक पुराने मामले में जमानत कटवाकर जेल चले गए. कई महीने जेल में रहने के बाद धनंजय सिंह को फिर जमानत मिल गई और तब से वो बाहर हैं. इधर, अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह को वांटेड घोषित कर दिया. उनके जौनपुर स्थित घर पर जौनपुर और लखनऊ की पुलिस ने कई बार छापेमारी भी की, लेकिन वो पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े. पुलिस के दस्तावेजों में धनंजय सिंह फरार हैं और उनकी तलाश लगातार जारी है.