इन सियासी चर्चाओं और अटकलों के बीच अब ओम प्रकाश राजभर ने खुद सफाई दी है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने इन खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि वे समाजवादी पार्टी के साथ हैं. राजभर ने कहा,
"ऐसा कुछ नहीं है. हम समाजवादी पार्टी के साथ हैं. हम स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. हम लोग विधानसभा वार समीक्षा कर रहे हैं. हम 2024 (लोकसभा चुनाव) की तैयारी में हैं, जिसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक मोर्चा बनाने की कोशिश है."राजभर ने बीजेपी नेताओं से मुलाकात की खबरों का भी खंडन किया. उन्होंने कहा,
"मेरी बीजेपी के बड़े नेताओं से 2019 से पहले मुलाकात हुई थी. मैं आखिरी बार दिल्ली भी तब गया था, जब इस्तीफा देना था. अरविंद (राजभर) दिल्ली जाता रहता है. मेरी पार्टी के किसी भी नेता ने मुझे फोन नहीं किया क्योंकि उसको विश्वास है कि वो जो भी लड़ाई लड़ रहा है, वो मेरे लिए लड़ रहा है. हम अपने नेता के साथ हैं."दरअसल, इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने गठबंधन में सुभासपा को 18 सीटें दी थीं. इनमें से राजभर की पार्टी 6 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही. ओम प्रकाश राजभर ने जहूराबाद सीट से बीजेपी उम्मीदवार को हराकर बड़े अंतर से जीत दर्ज की. हालांकि, उनके बेटे अरविंद राजभर को वाराणसी की शिवपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा.
अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर (फाइल फोटो- आज तक)
इधर राजभर ने भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने 5 सालों तक सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट क्यों नहीं लागू की. सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि आज नहीं तो कल, यह लागू जरूर होगा. चाहे वह योगी जी करें, या अखिलेश करें या मायावती करें.
उन्होंने यह भी कह दिया कि देश में एक बड़ा गठजोड़ बनने की तैयारी में हैं. राजभर ने आगे कहा,
"नेता कोई भी होगा, लेकिन हम सब लोग एक साथ होंगे. सब एक साथ बैठकर उस मोर्चे का नेता तय करेंगे और उसके नेतृत्व में 2024 का चुनाव (लोकसभा) लड़ा जाएगा."गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात करने को भी ओम प्रकाश राजभर ने निराधार बताया. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा,
"ना मैं दिल्ली गया था और न ही मैं किसी से मिला. वे सभी (सोशल मीडिया पर) पुरानी तस्वीरें हैं. कोई भी पुरानी तस्वीरों को पोस्ट कर अपने मन मुताबिक कुछ भी कह देता है."