उत्तर प्रदेश में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं. बीजेपी लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है. और अब राजनीतिक दलों की नज़र विधान परिषद यानी एमएलसी के चुनाव (UP MLC ELECTION) पर है. चुनाव से पहले पर्चा भरने की प्रक्रिया के दौरान ही ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जिनसे आगे का चुनाव अभी से रोचक नज़र आ रहा है.
प्रत्याशी के हाथ से पर्चा छीन भागे
दरअसल यूपी के एटा में कुछ लोग एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन भरने पहुंचे सपा प्रत्याशी का पर्चा छीनकर भाग गए. आजतक की खबर के मुताबिक प्रत्याशी उदयवीर सिंह के साथ मारपीट भी की गई. स्थानीय स्तर पर इस मामले ने तूल पकड़ा हुआ है. घटना के लिए उदयवीर सिंह ने बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है. सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल है. पत्रकार पंकज झा ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा,
यूपी में एटा से MLC चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता उदयवीर सिंह जब नामांकन करने पहुंचे तो गेट पर ही कुछ लोग उनका पर्चा छीन कर भाग गए. उनका आरोप है कि ऐसा करने वाले बीजेपी के कार्यकर्ता थे.
सपा उम्मीदवार से पर्चा छीने जाने की घटना पर पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है. सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्वीट कर लिखा,
लोकतंत्र को लूटा जा रहा है ऊपर के इशारे पर, शासन-प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.
मुकाबला दिलचस्प
यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद एमएलसी चुनाव में भी सीधा मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच ही माना जा रहा है. एटा से सपा ने उदयवीर सिंह को टिकट दिया है तो बीजेपी ने आशीष यादव को मैदान पर उतारा है. वो पहले सपा के विधायक रहे हैं. चुनाव में दोनों नेताओं के बीच कांटे की टक्कर होने का अनुमान है. एटा के अलावा और भी एमएलसी सीटों पर तगड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. आजमगढ़-मऊ से विक्रांत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वो बीजेपी के पार्षद यशवंत सिंह के बेटे हैं. पार्टी ने यहां से सपा विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुण यादव को टिकट दिया है. वहीं वाराणसी में बीजेपी ने सुदामा पटेल को उम्मीदवार बनाया है. यहां से पार्षद रहे ब्रजेश सिंह और उनकी पत्नी अन्नपूर्णा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बीजेपी ने इस बार बाहुबली नेता को समर्थन नहीं देने का फैसला किया था. ऐसे में ब्रजेश सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ना तय किया. वहीं सपा ने अपने जमीनी कार्यकर्ता उमेश यादव को टिकट दिया है. जानकारों का कहना है कि वाराणसी में भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.
9 अप्रैल को वोटिंग
यूपी में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं. इनमें से 36 सीटों पर 9 अप्रैल को मतदान होना है. इसकी मतगणना 12 अप्रैल को की जाएगी. चुनाव के नामांकन की तारीख को आगे बढ़ाया गया है. पहले इसकी आखिरी तारीख 19 मार्च थी. बाद में इसे आगे बढ़ाकर 21 मार्च कर दिया गया था. यानी आज नॉमिनेशन फाइल करने का आखिरी दिन है. इस समय उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पास 35 पार्षद हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के पास 17 सदस्य हैं. बता दें कि देश में हर जगह विधान परिषद चुनाव नहीं होते हैं. क्योंकि केवल 6 राज्यों में ही विधान परिषद हैं. यूपी के अलावा बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में विधान परिषद हैं. इसके सदस्य का कार्यकाल 6 साल के लिए होता है.