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चुनाव हारने के बाद संगीत सोम ने पंचायत से क्या ऐलान किया?

"विधायकों के पास क्या है, जो मेरे पास नहीं है."

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सरधना विधानसभा की ठाकुर चौबीसी में संगीत सिंह सोम का अच्छा ख़ासा वोट बैंक माना जाता है, इस बार यहां से अतुल प्रधान को भी 7000 से ज्यादा वोट मिले हैं (फोटो साभार- आज तक)
मेरठ की सरधना विधानसभा से विधायक रहे भाजपा नेता संगीत सोम इस बार हार गए. सपा के अतुल प्रधान ने संगीत सोम को 18 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी. विधानसभा चुनाव के परिणाम (UP Election Results 2022) आने के तीन दिन बाद ही, रविवार, 13 मार्च, 2022 को संगीत सिंह सोम ने पंचायत बुलाकर तीखे बयान दिए हैं. चुनाव समीक्षा के लिए बुलाई गई इस पंचायत में संगीत सोम ने कहा है कि बाबा का बुलडोज़र और उनका डंडा दोनों चलेंगे. पंचायत में क्या कहा? रविवार 13 मार्च को सरधना विधानसभा में खेड़ा गांव के जनता इंटर कॉलेज परिसर में पंचायत बुलाई गई थी. चौबीसी के लोगों की तरफ़ से आहूत की गई इस पंचायत का उद्देश्य जनता का आभार व्यक्त करना और चुनाव में संगीत सोम की हार की समीक्षा करना था. संगीत सोम ने पंचायत में क्षेत्रीय जनता का आभार जताया. कहा कि ये चिंतन और मंथन का वक़्त है. हमें अपनी कमियों से सीख लेकर आगे बढना होगा. खुद में सुधार करना होगा. ये भी कहा कि जनता खुद को कमजोर न समझें, जितना काम पहले किया है, उससे भी ज्यादा काम आगे करते रहेंगे. जिन लोगों को शिकायत थी कि उनके बच्चों को नौकरी नहीं मिली, अगले पांच साल में गिनती कर लें. और इसके बाद संगीत सोम ने कहा,
'समाजवादी पार्टी के लोग किसी गलतफहमी में न रहे, इलाके में गुंडागर्दी नहीं चलने देंगे. अगर शेर एक कदम पीछे हटता है तो बड़ी छलांग लगाकर आगे आता है. सरकार की शपथ हो जाने दो, बाबा का बुलडोज़र और संगीत का डंडा बराबर चलेगा.' 
संगीत सोम ने ट्वीट करके ये भी कहा,
'सभी 36 बिरादरियों को साथ लेकर चलना है, बिरादरियों की लड़ाई करवाना सपा की मानसिकता है, सभी मिलकर उसे कामयाब नहीं होने देंगे.'
संगीत सोम ने अपने लोगों से अपील करते हुए आगे कहा कि अगर चौबीसी उन्हें मजबूत देखना चाहती है तो जातियों से ऊपर उठकर काम करना होगा. जैसे पहले एक आवाज़ पर एकजुट हो जाते थे, आगे भी मेरे सन्देश का इंतज़ार करना और एक आवाज़ पर एकजुट हो जाना. अपनी हार पर संगीत सोम बोले,
"उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हार गए, हमारे डिप्टी सीएम हार गए, ये मत सोचो कि हम चुनाव हार गए, हारने वाला घर में बैठ जाता है, उसके साथ जनसैलाब नहीं होता, तुम्हारा विधायक आज भी 100 विधायकों की ताकत रखता है. गुंडों को छोड़ा नहीं जाएगा. विधायकों के पास क्या है, जो मेरे पास नहीं है."
जानकार बताते हैं कि ठाकुर चौबीसी संगीत सोम के लिए संजीवनी का काम रखती है. इनमें आने वाले गांवों में संगीत सोम का अच्छा प्रभाव है. खेड़ा गांव जहां पंचायत बुलाई गई थी, उसके अलावा रार्धना, अटेरना, सलावा, कुशावली, भामौरी, मोमन और फरीदपुर जैसे इन गांवों में करीब 40,000 से ज्यादा मतदाता हैं. पिछले चुनावों में संगीत सोम करीब आधे से ज्यादा वोटों की बढ़त लेकर चलते थे. लेकिन इस बार इन इलाकों से सपा प्रत्याशी रहे अतुल प्रधान को भी ठीक-ठाक वोट दिए गए हैं. इसीलिए चुनाव परिणाम आने के ठीक बाद संगीत सोम ने यहां पंचायत बुलाकर अपने पुराने समर्थकों से ये बातचीत की है.