"मैंने ये कहा था कि भारत सरकार ने अच्छे कानून बनाए थे. अपरिहार्य कारणों से हमने उसे वापस लिया है. भारत सरकार किसानों की भलाई के लिए काम करती रहेगी."इससे पहले 25 दिसंबर को नरेंद्र सिंह तोमर ने नागपुर में वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों पर बयान देकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी. उन्होंने कहा था कि सरकार ने कानून वापस लेकर दो कदम पीछे खींचे हैं, लेकिन सरकार आगे बढ़ेगी. मंत्री ने कहा था,#WATCH | "I never said that," said Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on his reported remarks alluding that Govt will again bring farm laws (25.12) pic.twitter.com/kHNt9xrYXF
— ANI (@ANI) December 26, 2021
"हम कृषि संशोधन कानून लाए. लेकिन कुछ लोगों को ये कानून पसंद नहीं आए. ये आजादी के 70 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा सुधार था. लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, हम फिर आगे बढ़ेंगे क्योंकि किसान भारत की रीढ़ हैं."
"हम दिल्ली से लौटे हैं और वापस आने में देर नहीं लगेगी. अगर हमारे किसान नेताओं ने एक आवाज दे दी, तो चाहे फिर दिल्ली हो या महाराष्ट्र, लाखों की तादाद में किसान फिर से वहां पहुंच जाएंगे. हम उन कानूनों को लागू नहीं होने देंगे जो किसानों के हित में नहीं हैं."वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने भी केंद्रीय कृषि मंत्री पर निशाना साधा था. एक ट्वीट करते हुए गांधी ने कहा,
"देश के कृषि मंत्री ने मोदी जी की माफी का अपमान किया है. ये बेहद निंदनीय है. अगर फिर से कृषि विरोधी कदम आगे बढ़ाए गए, तो फिर से अन्नदाता का सत्याग्रह होगा. पहले भी अहंकार को हराया था. फिर हराएंगे."