संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security council) ने गाजा पट्टी में हमास-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में तुरंत फायरिंग रोकने (Gaza Cease Fire) के लिए कहा है. रमजान के महीने के चलते उन्होंने इजरायल और फिलिस्तीन में हमास विद्रोहियों से फायरिंग रोकने की मांग की है. साथ ही कैदियों की रिहाई की भी मांग की गई है.
'बिना शर्त बंदियों को रिहा करो, और फायरिंग रोको' UN ने इजरायल से क्या कहा?
वोटिंग के बाद Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu ने अपना वाशिंगटन दौरा रद्द कर दिया है. इस दौरे में एक मीटिंग होनी तय थी. जिसे टाल दिया गया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ये प्रस्ताव पास करने के लिए मतदान करवाया गया था. UNSC के 10 निर्वाचित सदस्यों द्वारा ये प्रस्ताव पेश किया गया था. इसमें 14 परिषद सदस्यों ने मतदान किया. हालांकि इजरायल का सहयोगी अमेरिका इस मतदान से दूर रहा. इजरायल-फिलिस्तीन की जंग शुरू होने के बाद ये पहली बार है जब UNSC ने फायरिंग रोकने की मांग की है. प्रस्ताव में मांग की गई कि इजरायल को बिना किसी शर्त के बंधकों को रिहा करना होगा. प्रस्ताव पास होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा,
' प्रस्ताव लागू ही करना पड़ेगा, किसी भी तरह की नाकामी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.'
प्रस्ताव को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा,
'प्रस्ताव को वीटो करने में अमेरिका की नाकामी से साफ है कि पहले की स्थितियों से उसे पीछे हटना था.'
उनका कहना है कि इससे इजरायल के युद्ध प्रयासों को काफी नुकसान होगा. और हमास द्वारा बंधक बनाए गए 130 लोगों को रिहा करवाने में काफी परेशानी आएगी.
इधर White House प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मामले पर कहा,
'हमारा वोट ये कतई नहीं दर्शाता कि हमने अपनी पॉलिसी बदल दी है. हमारी पॉलिसी को लेकर कुछ भी नहीं बदला है. कुछ भी नहीं.'
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वोटिंग के बाद नेतन्याहू ने अपना वाशिंगटन दौरा रद्द कर दिया है. इस दौरे में एक मीटिंग होनी तय थी. इसमें गाजा के दक्षिणी छोर पर इजरायली सेना के ऑपरेशन पर चर्चा होनी थी. इस छोर पर करीब पंद्रह लाख फिलिस्तीनियों ने शरण ली हुई है. अमेरिका इससे पहले गाजा पट्टी में हो रहे युद्ध को रोकने के खिलाफ था. उसने अपने साथी इजरायल को बचाने के लिए वीटो का भी इस्तेमाल किया था.
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