संसद में जाली आधार कार्ड लेकर घुस रहे तीन मज़दूरों को गिरफ़्तार किया गया (Three Men Arrested By CISF) है. ये तीनों मज़दूर उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं, जो हाई सिक्योरिटी वाले संसद परिसर में जाने की कोशिश कर रहे थे. CISF ने तीनों पर जालसाज़ी और धोखाधड़ी के आरोपों (Arrested For Allegedly Entering Inside Parliament After Submitting Forged Aadhaar Cards) के तहत FIR दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि वो लोग पिछले 3 महीनों से संसद परिसर में काम कर रहे थे. तीनों पर संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कर ली गई है. आगे की जांच की जा रही है.
एक ही आधार कार्ड से संसद में एंट्री करने वाले थे तीन लोग, ऐन मौके पर CISF ने ये क्या कर दिया?
Police पूछताछ में पता चला कि तीनों Uttar Pradesh के निवासी हैं और बीते तीन महीनों से Parliament Complex में काम कर रहे थे.

4 जून को CISF के इंस्पेक्टर बालमुकुंद ठाकुर ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि वो संसद भवन के लोहे के गेट नंबर 3 पर फ़ोटो ID की जांच कर रहे थे. इस दौरान दोपहर 1.30 बजे के क़रीब असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार को तीन कर्मचारी 'कैजुअल एंट्री पास' पर घुसने की कोशिश करते नज़र आए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, तीनों की पहचान क़ासिम, मोनिस और सोएब के रूप में हुई है. जांच के बाद पता चला कि मोनिस और क़ासिम ने सोएब के आधार कार्ड को ही दिखाया. उस कार्ड पर बस अपनी तस्वीरें लगा दीं. उन लोगों ने साज़िश के तहत ये जाली दस्तावेज़ बनाए. CISF कर्मियों ने दिल्ली पुलिस को फ़ोन करके मामले की जानकारी दी. पुलिस मौक़े पर पहुंची और तीनों को आगे की पूछताछ के लिए संसद मार्ग थाने ले गई. पुलिस आगे की जांच कर रही है.
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एक सीनियर पुलिस अफ़सर ने बताया,
"पूछताछ के दौरान तीनों ने बताया कि वो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और बीते तीन महीनों से संसद परिसर में काम कर रहे थे. उनका पास 4 जून को ख़त्म हो गया था. उन्होंने सुरक्षा कर्मियों से नया पास जारी करने के लिए कहा. लेकिन मोनिस और क़ासिम के पास आधार कार्ड नहीं थे, इसीलिए उन्होंने प्रवेश के लिए शोएब के कार्ड पर अपनी तस्वीरें लगा दीं."
नई दिल्ली ज़िला के DCP देवेश महला ने बताया कि उन्होंने IPC की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी के लिए सजा), 465 (जालसाजी के लिए सजा), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ को असली के रूप में उपयोग करना) और 120B (आपराधिक साजिश की सजा) के तहत FIR दर्ज की गई है.
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