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तंजावुर आत्महत्या: छात्रा के जबरन धर्म परिवर्तन वाले दावे का वीडियो किसने बनाया?

छात्रा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, हाई कोर्ट ने अहम आदेश जारी किया.

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मद्रास हाई कोर्ट. (फ़ोटो-आजतक)
तमिलनाडु के तंजावुर में नाबालिग हॉस्टल छात्रा की आत्महत्या का मामला अभी भी गरमाया हुआ है. मद्रास हाई कोर्ट ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. सोमवार 24 जनवरी को मद्रास हाई कोर्ट ने मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया है. इस वीडियो में छात्रा ने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी. इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता के माता-पिता का बयान जस्टिस स्वामीनाथन की अदालत के सामने रखा गया. उन्होंने पूछा कि क्या वीडियो पीड़िता का ही है. इसके जवाब में सरकारी वकील ने वीडियो के सही होने की बात कही. साथ ही कहा कि फोरेंसिक डिपार्टमेंट को जांच के लिए ऑरिजिनल वीडियो की जरूरत होगी. कोर्ट ने पूछा कि वीडियो की प्रमाणिकता के लिए इसकी सीडी का इस्तेमाल क्यों नहीं हो सकता. इस पर वकील ने बताया कि इसके लिए फोरेंसिक डिपार्टमेंट को बतौर सोर्स उस फोन की जरूरत होगी जिससे वीडियो बनाया गया था. खबर के मुताबिक लड़की के परिजनों ने ही वीडियो बनाने वाले व्यक्ति के बारे में बताया था. उसका नाम मुथुवल है. हालांकि परिजन नहीं जानते कि वो कहां है. ये जानने के बाद जस्टिस स्वामीनाथन ने मुथुवल को मंगलवार 25 जनवरी को मामले के जांच अधिकारी के सामने पेश होने का आदेश दिया. साथ ही वो सेलफोन भी लाने को कहा जिससे उसने पीड़िता का डेथ डेक्लेरेशन वीडियो बनाया था. इसके बाद मामले की सुनवाई शुक्रवार 28 जनवरी तक के लिए टाल दी गई. मरने से पहले छात्रा ने लगाए थे गंभीर आरोप जबरन धर्म परिवर्तन की बहस को हवा देने वाला ये पूरा मामला तंजावुर स्थित सेंट माइकल्स गर्ल्स होम हॉस्टल का है. आरोप है कि यहां पीड़िता को कमरे साफ करने के लिए मजबूर किया जाता था. साथ ही ईसाई धर्म अपनाने के लिए उस पर बार-बार दबाव बनाया गया. इस सबसे तंग आकर कुछ दिन पहले छात्रा ने आत्महत्या की कोशिश की थी. बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन डॉक्टरी इलाज से उसकी हालत ठीक नहीं हुई. बुधवार 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई. मामला सामने आने के बाद हॉस्टल वार्डन सकायामारी को गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच सोशल मीडिया पर पीड़िता का एक वीडियो भी वायरल हुआ. इसमें उसने आरोप लगाया कि उसे लगातार ईसाई धर्म अपनाने के लिए भी मजबूर किया जा रहा था. वीडियो में पीड़िता में कह रही थी,
स्कूल वालों ने मेरी उपस्थिति में मेरे माता-पिता से पूछा कि क्या वे मुझे ईसाई धर्म में कन्वर्ट कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो वे आगे की पढ़ाई के लिए उनकी मदद करेंगे. मैंने ये बात नहीं मानी तो वे लोग मुझे प्रताड़ित करते रहे.
आरोप है कि इससे परेशान होकर 17 साल की नाबालिग पीड़िता ने खुदकुशी करने के प्रयास में कीटनाशक का सेवन कर लिया था. बीती 9 जनवरी को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में पिता मुरुगनंदम ने बेटी को तंजौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट करा दिया. होश में आने पर उसने डॉक्टरों को अपनी आपबीती और आत्महत्या के प्रयास के बारे में बताया. वायरल वीडियो उसी समय का है. बीती 21 जनवरी को तंजावुर की एसपी रवाली प्रिया ने मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने कहा,
"9 जनवरी को नाबालिग लड़की ने जहरीला पदार्थ खा लिया था. उसके पेरेंट्स ने 15 जनवरी की शाम साढ़े 8 बजे इसकी जानकारी दी थी. इसके तुरंत बाद एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया और जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. जुडिशल मजिस्ट्रेट ने मौत से पहले लड़की का बयान लिया. एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. उसे रिमांड पर भेज दिया गया है. केस की जांच चल रही है. (इस बीच) लड़की का एक और वीडियो सर्कुलेट किया जा रहा है जो नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों से जुड़े कानून के विरुद्ध है. बच्ची की जानकारी इस तरह से सामने नहीं आनी चाहिए और इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे भी इस केस में आरोपी बनाया जाएगा."
एसपी रवाली प्रिया ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता ने अपने पहले बयान में धर्म परिवर्तन को लेकर कुछ नहीं कहा था. लेकिन अब एक और पिटिशन दी गई है जिसकी जांच की जाएगी. इस बीच मद्रास हाई कोर्ट ने पीड़िता का शव परिजनों के हवाले करने का आदेश दे दिया.