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सोनू सूद ने एक्सीडेंट में घायल युवक को गोद में उठाकर पहुंचाया अस्पताल, वीडियो वायरल

सोनू सूद ने फिर पेश की इंसानियत की मिसाल

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एक्सीडेंट में घायल युवक को गोद में लेकर अस्पताल पहुंचे अभिनेता सोनू सूद (फाइल फोटो)
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) अपनी जिंदगी में ऐसे शानदार काम कर रहे हैं कि उनके नेक कामों की मिसाल पीढ़ी-दर-पीढ़ी दी जाएगी. आज हम सोनू सूद की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने एक बार फिर इंसानियत की मिसाल पेश की है. अब उन्होंने पंजाब (Punjab) में एक युवक की जान बचाई है. यह युवक कार दुर्घटना के बाद गाड़ी के अंदर फंस गया था. इसी दौरान वहां से गुजर रहे सोनू सूद ने दुर्घटनाग्रस्त कार को देखा और युवक को कार से निकालकर अस्पताल पहुंचाया. क्या हुआ था? आजतक के मुनीष जिंदल की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना पंजाब के मोगा जिले के कोटकपूरा बाईपास की है. मंगलवार, 8 फरवरी को देर रात बाईपास पर दो गाड़ियों का एक्सीडेंट हुआ था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों कारों की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी चला रहा युवक बेहोश हो गया. वहां से गुजर रहे सोनू सूद ने जैसे ही इन गाड़ियों को देखा, तो उन्होंने अपनी गाड़ी रोककर घायल युवक को उसकी कार से बाहर निकाला. सोनू सूद घायल युवक को गोद में उठाकर अपनी गाड़ी तक ले गए और फिर उसे अपनी गाड़ी से ही अस्पताल पहुंचाया. जानकारी के मुताबिक घायल युवक की हालत अब खतरे से बाहर है. सोनू सूद मोगा में बहन के लिए मांग रहे हैं वोट सोनू सूद काफी समय से मोगा में ही हैं. उनकी बहन मालविका सूद मोगा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं. सोनू उनके लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं. मालविका अपने परिवार के साथ मोगा में ही रहती हैं. यह सोनू सूद का गृहनगर भी है. तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी, 38 साल की मालविका सूद को मोगा में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सोशल वर्क के लिए जाना जाता है. सोनू सूद अपने दिवंगत माता-पिता शक्ति सागर सूद और सरोज बाला सूद की याद में सूद चैरिटी फाउंडेशन चलाते हैं. मालविका और उनके पति गौतम सच्चर इस फाउंडेशन के कामकाज को देखते हैं और इसके लिए चैरिटी से जुडी योजनाएं बनाते हैं.
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अभिनेता सोनू सूद अपनी बहन मालविका सूद के साथ. (फोटो: सोनू सूद/फेसबुक)
सोनू सूद कोरोना के दौरान बने मसीहा सोनू सूद ने कोरोना काल में हजारों अनजान लोगों की मदद की. ये लोग उन्हें किसी मसीहा से कम नहीं मानते. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान महानगरों से अपने शहर-गांव जाने वालों को अपने खर्चे पर बस सर्विस मुहैया कराई थी. मजदूरों और भूखे लोगों को खाना खिलाया और कोरोना वायरस का संक्रमण झेल रहे लोगों की हरसंभव मेडिकल हेल्प भी की. इसके अलावा भी वो लगातार लोगों की मदद करते रहते हैं.