The Lallantop
लल्लनटॉप का चैनलJOINकरें

सोनिया गांधी ने सिद्धू को दरवाजा दिखाया, बाकी 4 राज्यों के अध्यक्षों से भी इस्तीफा मांगा

सिद्धू का कैंप चरणजीत चन्नी को जिम्मेदार ठहरा रहा था, पार्टी ने उन्हीं से इस्तीफा मांग लिया.

post-main-image
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर दी जानकारी (फोटो- इंडिया टुडे)
कांग्रेस पार्टी ने 5 राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद इनके प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांग लिया है. सोमवार 14 मार्च को इस मुद्दे पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने घंटों बैठक की थी. इसके बाद मंगलवार 15 मार्च को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बड़ा कदम उठाया. उन्होंने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) प्रमुखों के इस्तीफे मांगे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने लिखा,
“कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के पीसीसी अध्यक्षों से कहा है कि वे पीसीसी के पुनर्गठन के लिए अपना इस्तीफा दें.”
इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद सोनिया गांधी को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के ढांचे में बड़े बदलाव के लिए अधिकृत किया गया था. इसके तहत जिन प्रदेश प्रमुखों से इस्तीफा मांगा गया है, उनमें नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा अजय कुमार लल्लू, एन लोकेन सिंह, गणेश गोडियाल और गिरीश चोडनकर शामिल हैं. अजय कुमार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. एन लोकेन सिंह मणिपुर में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. वहीं गणेश गोडियाल उत्तराखंड़ और गिरीश चोडनकर गोवा में कांग्रेस की कमान संभाल रहे हैं. खबर लिखे जाने तक गिरीश चोडनकर और गणेश गोडियाल के इस्तीफे की जानकारी आ गई थी. हालांकि ज्यादा चर्चा नवजोत सिंह सिद्धू की है. पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता रहे अमरिंदर सिंह के जबर्दस्त विरोध के बावजूद पिछले साल जुलाई महीने में सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) का प्रमुख नियुक्त किया गया था. इसके बाद अमरिंदर सिंह ने सीएम पद छोड़ दिया था. कुछ समय बाद कांग्रेस की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. बाद में राज्य के नए सीएम बने चरणजीत सिंह चन्नी से भी सिद्धू के मन-मुटाव की खबरें आईं. इस अंदरूनी कलह के साथ पार्टी विधानसभा चुनाव में उतरी और बुरी तरह हारी. मंगलवार को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से इस्तीफा मांगे जाने से पहले सिद्धू और उनके कैंप के नेताओं ने चरणजीत सिंह चन्नी को चुनावी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन कुछ ही देर बाद खबर आई कि आलाकमान ने उन्हीं का इस्तीफा मांग लिया है. बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस केवल 18 सीटों पर सिमट गई, जबकि 2017 के चुनाव में 77 सीटें जीतते हुए वो सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. यूपी में पार्टी ने अजय कुमार लल्लू और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में सभी 403 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन केवल दो सीटें हासिल कीं. उत्तराखंड का भी यही हाल रहा. यहां कांग्रेस 70 में से केवल 19 सीटें जीत पाई. यहां चुनाव गणेश गोडियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में लड़ा गया था. पार्टी गोवा में बहुमत हासिल करने में विफल रही. वहां उसने गिरीश चोडनकर के नेतृत्व में 40 विधानसभा सीटों में से केवल 11 सीटें जीतीं. इसके अलावा 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में कांग्रेस ने केवल पांच सीटें जीतीं.