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किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले SDM के साथ क्या हुआ कि योगेंद्र यादव ने 'बधाई' दे दी

अगस्त 2019 को करनाल में किसानों पर पुलिस ने लाठियां भांजी थीं.

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दाएं आयुष सिन्हा, बाएं हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर (फोटो - आजतक )
अगस्त 2021 में हरियाणा के करनाल में किसानों पर जमकर लाठियां भांजी गई थीं. तब पुलिस को आदेश देते हुए एक अधिकारी का विडियो वायरल हुआ था. इसमें उन्हें ये कहते सुना जा सकता था- नाके के पार किसी को नहीं जाने देना भले ही सिर फोड़ देना. ये अधिकारी थे करनाल के SDM आयुष सिन्हा. किसानों पर लाठीचार्ज के बाद उनका विडियो वायरल हुआ तो जमकर बवाल कटा. जांच के लिए आयोग का गठन किया गया. लेकिन अब ख़बर आई है कि आयुष सिन्हा को बेहतर पोस्टिंग मिल गई है. करनाल लाठीचार्ज मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस एसएन अग्रवाल की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया था, लेकिन उसे सरकार ने भंग कर दिया है. अमर उजाला में छपी ख़बर के मुताबिक आयोग ने कार्यकाल एक महीने और बढ़ाने की मांग की हुई थी, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया. इसके पीछे तर्क बताया गया कि किसान आंदोलन खत्म हो चुका है और किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में सरकार ने आयोग का कार्यकाल बढ़ाना उचित नहीं समझा. वहीं दैनिक भास्कर में छपी ख़बर के मुताबिक तक़रीबन 150 पन्ने की रिपोर्ट जस्टिस अग्रवाल के पास है, जो मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी. दूसरी तरफ रिपोर्ट मिलने से पहले ही एसडीएम आयुष सिन्हा की नियुक्ति पहले से भी बेहतर जगह कर दी गई. अब उन्हें पंचकूला में बतौर एडीसी कम-सिटिजन रिसोर्स इन्फॉर्मेशन ऑफिसर नियुक्त किया गया है. इस ख़बर पर किसान नेता योगेन्द्र यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
याद है करनाल वाले SDM आयुष "सरफोड़" सिन्हा? जांच आयोग की रिपोर्ट अभी आई नहीं लेकिन उनकी बहाली हो गई है. बधाई हो.
वायरल विडियो पर आयुष सिन्हा का क्या कहना था? इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक लाठीचार्ज को लेकर सफाई देते हुए आयुष सिन्हा ने कहा था,
विरोध स्थल और बैठक के स्थान के बीच मुख्य रूप से तीन चेकपॉइंट थे. मुझे सभा स्थल के पास तीसरे और अंतिम चेकपोस्ट पर तैनात किया गया था. यहां किसी के पहुंचने का मतलब है कि वो दो चेकपोस्ट पार करके यहां आया है. ये तीसरा नाका, मीटिंग के बेहद पास था. अगर ये तीसरा नाका टूट जाता तो हंगामे और तोड़फोड़ की आशंका थी. दूसरी बात ये कि कुछ अवांछित तत्व भी इस प्रदर्शन का हिस्सा बने हुए थे. ये सुरक्षा के लिए चूक साबित हो सकती थी.
आयुष ने कहा था कि वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है क्योंकि इसका केवल एक हिस्सा ही दिखाया जा रहा है जिसमें लाठीचार्ज की बात हो रही है. उनके मुताबिक ब्रीफिंग के केवल एक चुनिंदा हिस्से को ही लीक किया गया. कौन हैं आयुष सिन्हा? SDM आयुष सिन्हा ने 2017 के UPSC-2017 परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल की थी. उन्होंने BITS गोवा से केमिकल इंजीनियरिंग भी की है. उनके पास बायोलॉजिकल साइंस में एक मास्टर डिग्री भी है. लेकिन उन्हें सिविल सर्विसेस में ही जाना था. इसलिए वो UPSC परीक्षा की तैयारी में जुट गए. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 100वीं रैंक हासिल कर ली थी और उन्हें IRS के लिए सिलेक्ट भी कर लिया गया था. कुछ समय के लिए नागपुर में IRS वाली ट्रेनिंग की, लेकिन बाद में एक ब्रेक लेकर फिर UPSC की तैयारी में जुट गए और 2017 के UPSC-2017 परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल की.