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यूपी विधानसभा में गैंगस्टर के साथ दिखे सपा विधायक सफाई में क्या बोले?

सदन में हत्या के आरोपी महफूज अख्तर के साथ सपा विधायकों की तस्वीर पर बवाल.

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सपा विधायकों और अन्य नेताओं के साथ विधानसभा में दिखे महफूज अख्तर (लाल घेरे में.) (तस्वीर- इंडिया टुडे/आजतक)
समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों की एक तस्वीर चर्चा का विषय बन गई है. ये विधायक हैं अमिताभ वाजपेयी, इरफान सोलंकी और मोहम्म्द हसन रूमी. चर्चा की वजह है इन तीनों सपा विधायकों के साथ हिस्ट्री शीटर महफूज अख्तर का दिखना, वो भी यूपी विधानसभा के अंदर. महफूज अख्तर एक गैंगस्टर हैं, हत्या के आरोपी हैं. उनका विधानसभा में पहुंच जाना सदन की सुरक्षा में एक बड़ी चूक बताया जा रहा है. सवाल किया जा रहा है कि आखिर एक गैंगस्टर कैसे विधानसभा के अंदर पहुंच गया और सपा के विधायकों के साथ उसके क्या संबंध हैं.

तस्वीरें शेयर कर डिलीट कीं

अमिताभ वाजपेयी कानपुर की आर्यनगर विधानसभा सीट से दोबारा विधायक बने हैं. इरफ़ान सोलंकी ने लगातार चौथी बार सीसामऊ विधानसभा से जीत दर्ज की है. वहीं मोहम्मद हसन रूमी कानपुर की कैंट सीट से पहली बार विधायक बने हैं. इंडिया टुडे से जुड़ीं सिमर चावला के मुताबिक़ महफूज अख्तर ने विधानसभा में इन तीनों विधायकों के साथ खिंची तस्वीरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया था. विधायक हसन रूमी ने भी तस्वीर शेयर की थी. लेकिन जब बवाल बढ़ा तो रूमी ने तस्वीरें डिलीट कर दीं. विधानसभा में प्रवेश से जुड़े नियमों की बात करें तो सदन के अंदर किसी के आने पर उसकी पहचान और दाखिल होने का कारण पूछा जाता है. विधायकों या विधानसभा के किसी भी स्तर के कर्मचारियों के साथ अंदर आने वालों के लिए भी यही नियम है. महफूज़ अख्तर की सपा विधायकों के साथ की तस्वीर असेम्बली का सबसे सेफ़ जोन माना जाता है. ऐसे में ये सरकारी सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक है, जिस पर सवाल उठना स्वाभाविक है.

क्या बोले विधायक?

इंडिया टुडे ने इन तस्वीरों को लेकर सपा विधायकों से बात की. पूछा कि हत्या का आरोपी विधानसभा में कैसे पहुंचा और उनके साथ क्यों दिखा. इस सवाल पर विधायक अमिताभ वाजपेयी ने कहा,
‘न ही मुझे ये पता है कि इस शख्स का आपराधिक इतिहास है और न ही मैं इसे जानता हूं. आजकल कोई भी किसी के साथ फोटो क्लिक कर सकता है, लेकिन अगर ये शख्स गैंगस्टर है तो इसे जेल में होना चाहिए.’
विधायक इरफ़ान सोलंकी अपनी गलती मानते हुए बोले,
‘वो (महफूज अख्तर) भी कानपुर से है. मुझे बधाई देने आया था और हमारे साथ फोटो क्लिक कर ली. मुझे नहीं पता कि वो विधानसभा के अंदर कैसे आया. वो पहले पार्टी का सदस्य था, लेकिन शायद उसकी आपराधिक गतिविधियों के बाद उसे पार्टी से निलंबित कर दिया गया.’
वहीं हसन रूमी ने बताया कि वो अख्तर को पहले से जानते हैं. सपा विधायक के मुताबिक महफूज अख्तर बिजनेसमैन हैं और सोशलवर्क के साथ राजनीति में भी सक्रिय हैं. हसन रूमी ने हत्या के आरोपी महफूज अख्तर का बचाव करने की कोशिश भी की. जब उनसे पूछा गया कि अख्तर पर गैंगस्टर ऐक्ट लगा हुआ है, तो उन्होंने कहा कि सपा के 3 उम्मीदवार जेल से ही चुनाव जीते हैं. रूमी ने कहा,
'वो मेरे चुनाव क्षेत्र से हैं. मैं उन्हें पहले से जानता हूं... उनका केस अभी कोर्ट में चल रहा है. न्यायपालिका की अपनी प्रक्रिया होती है. उनका दोषी साबित होना अभी बाकी है.'
हालांकि आखिर में सपा विधायक ने माना कि महफूज अख्तर एक हिस्ट्री शीटर हैं, गैंगस्टर हैं, और ऐसे लोगों के साथ फोटो खिंचाने से उन्हें परहेज करना चाहिए. रूमी ने कहा,
'मैं वहां अपना आईडी कार्ड बनवाने गया था. महफूज अख्तर खुद वहां आए थे. मैंने सोशल मीडिया पर तस्वीर डाली थी, लेकिन मुझे लगा कि ये ठीक नहीं इसलिए अकाउंट से डिलीट कर दी.'

महफूज अख्तर का इतिहास

फरवरी 2020 में कानपुर के चकेरी इलाके में दिन दहाड़े बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या कर दी गई थी. महफूज़ अख्तर इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं. फ़िलहाल जमानत पर बाहर हैं. महफूज़ पर हत्या, वसूली, मार-पीट और अवैध कब्जे के एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. कानपुर और उन्नाव में उन पर गैंगस्टर ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज हैं. इसके चलते हाई कोर्ट ने महफूज़ को कानपुर से जिला बदर घोषित किया हुआ है. कहा है कि सारे मामले ख़त्म होने तक वो कानपुर नहीं जा सकते हैं. महफूज़ की केस फाइल में पुलिस ने बताया है कि उनके और बाहुबली मुख़्तार अंसारी के बीच कनेक्शन है. अंसारी के भतीजे से महफूज़ की भतीजी की शादी भी हुई है.