RLP नेता हनुमान बेनीवाल 26 दिसंबर को दिल्ली पहुंचे, किसान आंदोलन में शामिल हुए. अकाली दल के बाद ये दूसरी पार्टी है, जो किसानों के मुद्दे पर NDA से अलग हो गई है. (फोटो- ANI)
किसान बिल के मुद्दे पर सरकार को बड़ा झटका लगा है. NDA की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है. पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल 26 दिसंबर को दिल्ली पहुंचे. किसान आंदोलन में शिरकत की और किसान बिल के विरोध में NDA छोड़ने का ऐलान कर दिया. बेनीवाल ने 19 दिसंबर को ही कहा था कि वे 26 दिसंबर को करीब दो लाख किसानों के साथ दिल्ली कूच करेंगे. बेनीवाल ने कहा था कि 26 तारीख़ को ही वे फैसला करेंगे कि NDA में बने रहना या नहीं.
गठबंधन से अलग होने का फैसला उन्होंने अब लिया है. लेकिन संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से 19 तारीख़ को ही इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा था. इंडिया टुडे से बात करते हुए बेनीवाल ने कहा –
“जो मेरे हाथ में था, किया. मैंने लोकसभा की कमेटियों से इस्तीफा दे दिया. अब NDA छोड़ दी और अगर किसान बिल के विरोध में आवश्यकता पड़ेगी तो लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दूंगा. ये मैंने वचन दे रखा है और मैं वचन पर चलने वाला नेता हूं. किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में है.”
कोविड रिपोर्ट पर सवाल उठाए बेनीवाल ने कहा कि मैंने अमित शाह और पीयूष गोयल से बात करके कोशिश की कि किसी तरह ये बिल वापस ले लिए जाएं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बेनीवाल इस बार सितंबर में हुए संसद सत्र में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे. उनकी कोविड रिपोर्ट पॉज़िटिव आई थी. हालांकि इस रिपोर्ट पर
बेनीवाल ने सवाल उठाए थे. उन्होंने ट्वीट किया था कि –
“मैंने लोकसभा परिसर में कोविड-19 की जांच करवाई, जो पॉज़िटिव आई. उसके बाद जयपुर स्थित SMS मेडिकल में जांच करवाई, जो नेगेटिव आई. दोनों रिपोर्ट आपके साथ साझा कर रहा हूं. आखिर किस रिपोर्ट को सही माना जाए?”
अब इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक बेनीवाल ने साफ-साफ कह दिया है कि उनको संसद सत्र में हिस्सा लेने से रोकने के लिए उनकी कोविड रिपोर्ट से छेड़छाड़ की गई थी. ख़ैर, RLP का गठबंधन से जाना NDA के लिए बड़ा झटका है. अकाली दल के बाद ये दूसरी पार्टी है, जिसने किसानों के मुद्दे पर गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है.