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RTI कार्यकर्ता संग बर्बरता, हाथ-पैर तोड़े, पैरों में कीलें ठोंकी

राजस्थान के इस RTI कार्यकर्ता ने अपनी पंचायत में हो रहे कथित भ्रष्टाचार की शिकायत की थी

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दबंगों ने पहले आरटीआई कार्यकर्ता का अपहरण कर लिया, फिर उसके हाथ-पैर तोड़ दिए (फोटो : आजतक)
RTI कार्यकर्ताओं (RTI Activist) पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की जो सिफारिशें लागू की गई हैं, वे कहती हैं कि आरटीआई कार्यकर्ता को अगर धमकाया जाता है अथवा उस पर हमला होता है तो इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाएगी. साथ ही इस तरह के मामलों में डीएम और एसपी की देखरेख में जांचकर कार्रवाई जाएगी. गृह मंत्रालय के इस सख्त रुख के बाद भी देश में RTI कार्यकर्ताओं पर हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
अब राजस्थान के बाड़मेर में एक आरटीआई कार्यकर्ता के साथ बर्बरता का मामला सामने आया है. पहले इस कार्यकर्ता का अपहरण किया गया, फिर उसके हाथ-पैर तोड़ दिए गए. इंडिया टुडे के रिपोर्टर दिनेश बोहरा के मुताबिक इसके बाद उसके पैरों में सरिया और कीलें ठोंक दी गईं. आरोप है कि इस RTI कार्यकर्ता का ये हाल इसलिए किया गया क्योंकि उसने अपनी ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और अवैध शराब बिक्री की शिकायत की थी. पैरों में छह जगह सरिया और कीलें ठोंक दीं इंडिया टुडे के रिपोर्टर दिनेश बोहरा के मुताबिक बाड़मेर के जोसोड़ो की बेरी इलाके के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम का जोधपुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. उनके साथ यह घटना तब घटी जब वे जोधपुर से बाड़मेर अपने घर लौट रहे थे, वे बस से उतरकर कुछ दूर ही चल पाए थे कि आठ नकाबपोश बदमाशों ने उन्हें उठाकर एक गाड़ी में डाल दिया. इसके बाद किसी सुनसान जगह ले जाकर उनके साथ मारपीट की. पहले तो उनके दोनों पैरों को सरिया से वार कर तोड़ दिया. फिर पैरों में छह जगह सरिया और कीलें ठोंक दीं. इसके बाद उनके हाथ भी तोड़ दिए. अमराराम के मुताबिक उन्हें कई घंटे तक यातना देने के बाद मरा हुआ समझकर सड़क पर फेंक दिया गया.
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जब अमराराम को अस्पताल लाया गया तो उनकी हालत बेहद नाजुक थी (फोटो: आजतक)
अमराराम ने पुलिस को क्या बताया? बाड़मेर पुलिस ने मीडिया को बताया कि सड़क पर किसी के बेसुध पड़े होने की सूचना मिली थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अमराराम को बाड़मेर के बालोतरा इलाके में स्थित एक अस्पताल में एडमिट करवाया. हालांकि, हालत नाजुक थी इसलिए डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार के बाद अमराराम को जोधपुर रेफर कर दिया. पुलिस के मुताबिक अमराराम को जोधपुर में होश आया, तो उन्होंने बताया,
"मैं जोधपुर से बस से अपने गांव पहुंचने के बाद पैदल जा रहा था. इसी दौरान स्कॉर्पियो में कुछ नकाबपोश बदमाश आए और मुझे उठाकर किसी सुनसान जगह पर ले गए. यहां मारपीट करने के बाद सड़क किनारे फेंक कर चले गए."
अमराराम ने आजतक से बातचीत में ये भी बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने गांव में नरेगा के तहत हुए सड़क निर्माण में धांधली को लेकर आरटीआई के जरिये सूचना मांगी थी. इसके चलते पूर्व संरपच नगराज उससे बेहद नाराज था. नगराज इलाके में अवैध रूप से शराब भी बिकवाता है, जिसकी शिकायत भी उसने की थी. उसके इशारे पर ही यह हमला किया गया है. अमराराम के मुताबिक उसका गांव बाड़मेर जिले के गिडा थाना क्षेत्र में आता है, इस थाने के अधिकारी व पुलिसकर्मियों की नगराज से सांठ-गांठ है. नगराज की कई अवैध शराब की दुकानें उनके संरक्षण में चल रही हैं. ऐसे में उनसे किसी तरह की न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती है. अमराराम का कहना है कि बाडमेर के एसपी ही इस मामले में सही जांच करवा सकते हैं. पुलिस ने चार टीमें गठित कीं बाड़मेर जिले एसपी दीपक भार्गव ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की देखरेख में आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम का इलाज करवाया जा रहा है. शरीर में काफी गंभीर चोटें आई हैं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें पकड़ने के लिए चार टीमें गठित की हैं. पुलिस कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है.