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RRB NTPC: पकड़े गए छात्रों ने पुलिस को खान सर के बारे में क्या बताया?

पटना पुलिस ने खान सर के खिलाफ किस आधार पर FIR दर्ज की है? जानिए

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छात्रों को आंदोलन के लिए भड़काने के आरोपों का खान सर ने किया खंडन. (साभार: ट्विटर)
बिहार में आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट (RRB NTPC Result) को लेकर युवाओं का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी बीच पटना पुलिस ने चर्चित खान सर (Khan Sir) और कई अन्य कोचिंग संचालकों समेत 400 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.
आजतक से जुड़े रोहित सिंह की एक रिपोर्ट के मुताबिक पटना के पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के बाद कुछ आंदोलनकारी छात्रों को हिरासत में लिया था. अधिकारियों के मुताबिक पकड़े गए छात्रों का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिससे उन्हें हिंसा और दंगा करने की शह मिली थी. पुलिस के मुताबिक इस वीडियो में खान सर कथित तौर पर RRB NTPC परीक्षा रद्द नहीं होने पर छात्रों को सड़क पर उतरने और आंदोलन करने के लिए उकसा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि छात्रों के इस बयान के आधार पर ही खान सर और पटना के कई अन्य कोचिंग संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह मुकदमा साजिश के तहत नाजायज तरीके से भीड़ इकट्ठा करने, पुलिसकर्मियों को अपमानित करने, तोड़फोड़ करने और यातायात को बाधित करने सहित कई धाराओं में दर्ज हुआ है. खान सर का क्या कहना है? पटना पुलिस द्वारा FIR दर्ज किए जाने से कुछ घंटे पहले ही मीडिया से बातचीत में खान सर ने छात्रों को भड़काने वाले आरोपों को नकारा था. आंदोलन को भड़काने के आरोप पर खान सर ने कहा,
“ये गलत बात कही जा रही है, कुछ ऐसे स्वतंत्र यूट्यूबर हैं, जो कुछ भी आरोप लगाते हैं...हम तो खुद लड़कों को आंदोलन करने से रोक रहे हैं...जयपुर के लड़के बोल रहे थे कि 26 जनवरी को आंदोलन करेंगे, लेकिन हमने सबको मना किया कि 26 जनवरी को आंदोलन नहीं करना. और अगर हम आंदोलन भड़का रहे हैं तो जब हम चुप हो जाते हैं, फिर आंदोलन भी बंद हो जाना चाहिए. छात्रों से बात करने राजेंद्र नगर के डीएम भी गए थे, उनका खुद का ये स्टेटमेंट है कि ये आंदोलन बिना किसी लीडर के चल रहा है.”
इस दौरान खान सर ने आंदोलन के भड़कने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा,
"आंदोलन के उग्र होने के पीछे रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) का दूसरा फैसला है. 24 जनवरी को जब पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर करीब 500 एनटीपीसी के छात्र RRB के नोटिफिकेशन का इन्तजार कर रहे थे, तब उन्हें लग रहा था कि RRB उन्हें कुछ अच्छी खबर देगा. लेकिन आरआरबी के नोटिफिकेशन ने आग में घी डालने का काम किया. बोर्ड का नोटिफिकेशन NTPC वालों के लिए नहीं, बल्कि ग्रुप-डी वालों के लिए था. इसमें बताया गया था कि ग्रुप-डी के अभ्यर्थियों का अब मेंस का एग्जाम लिया जाएगा. ऐसे में ग्रुप डी के सिंगल एग्जाम वाले जो डेढ़ करोड़ छात्र हैं, जो एनटीपीसी छात्रों का हंगामा मीडिया के माध्यम से देख रहे थे, वे परीक्षा की बात से उग्र हो गए और एनटीपीसी के छात्रों के साथ शामिल हो गए. इससे यह आंदोलन बड़ा हो गया. यह सारी गलती RRB की है... 2019 में फॉर्म भरा था, फरवरी में एग्जाम है और आप 15 दिन पहले उसके बारे में बता रहे हैं. इससे लड़के भड़क गए."
26 जनवरी को रेलवे ने छात्रों के उग्र आंदोलन को देखते हुए RRB की NTPC CBT-1 और ग्रुप डी CBT-2 की परीक्षा रद्द कर दी और एक कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिए. इसे लेकर खान सर का कहना था कि अगर RRB ने यही फैसला पहले ले लिया होता तो शायद आंदोलन होता ही नहीं. उन्होंने ट्विटर पर 8 मिलियन ट्वीट करवाए थे, लेकिन RRB ने इसपर ध्यान ही नहीं दिया.
रेलवे भर्ती बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन करते परीक्षार्थी. (फोटो : PTI)
रेलवे भर्ती बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन करते परीक्षार्थी. (फोटो : PTI)
क्या था मामला? आपको बतादें कि RRB की ओर से NTPC CBT-1 परीक्षा का रिजल्ट 14 व 15 जनवरी 2022 को जारी किया गया था. इस रिजल्ट के आधार पर CBT -2 यानी दूसरे चरण की परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है. लेकिन कई छात्रों का आरोप है कि NTPC CBT-1 के रिजल्ट में धांधली हुई है. इसे लेकर बिहार के कई जिलों में छात्र RRB के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करने लगे. छात्रों ने बिहार के आरा में कथित तौर पर एक पैसेंजर ट्रेन में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया. वहीं, पटना में रेलवे के एक सर्विस इंजन को आग के हवाले कर दिया गया. धांधली के आरोपों पर रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने क्या कहा? इस मामले पर आज तक से बातचीत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस पूरे मसले को पारदर्शिता के साथ सुलझाया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि परीक्षा में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है. उनकी टीम में कई अनुभवी लोग शामिल हैं जिन्होंने इससे पहले भी इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया है. रेल मंत्री के मुताबिक छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और धांधली का आरोप लगा रहे हैं, इसलिए कमेटी बनाकर जांच की जाएगी. यह कमेटी तीन हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.