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'इंदिरा गांधी की मौत के बाद हटाया गया विरासत टैक्स ताकि...', PM मोदी का एक और बड़ा आरोप

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अब विरासत टैक्स को वापस लाना चाहती है. इन आरोपों पर कांग्रेस ने कहा कि पीएम झूठ बोल रहे हैं.

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पीएम मोदी के आरोपों पर जयराम रमेश ने जवाब दिया. (फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पार्टी पर नए तरीके से हमलावर हुए हैं. उन्होंने दावा किया कि साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी के निधन के बाद इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत टैक्स) को खत्म कर दिया था, ताकि उनकी संपत्ति को सरकार के पास जाने से रोका जाए. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब इस टैक्स व्यवस्था को फिर से लागू करना चाहती है.

ये पूरा विवाद कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के एक बयान के बाद शुरू हुआ. पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिका में उत्तराधिकार टैक्स लगता है, भारत में भी ऐसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. इसके बाद से ही प्रधानमंत्री और दूसरे बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं.

मध्य प्रदेश के मुरैना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो ‘विरासत टैक्स’ के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों की छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी. उन्होंने कहा,

"कांग्रेस ने जो पाप किए हैं, उनके बारे में कान खोलकर सुनो. मैं एक दिलचस्प तथ्य सामने रखना चाहता हूं. जब बहन इंदिरा गांधी का निधन हुआ, तो एक कानून था जिसके तहत आधी संपत्ति सरकार को जाती थी. उस समय ऐसी चर्चाएं थीं कि इंदिरा जी ने अपनी संपत्ति अपने बेटे राजीव गांधी के नाम कर दी थी."

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अब विरासत टैक्स को वापस लाना चाहती है, क्योंकि उसकी चार पीढ़ियों ने उन्हें दी गई संपत्ति का लाभ उठाया है. उन्होंने आगे कहा कि जब तक बीजेपी है, वह ऐसे मंसूबों को सफल नहीं होने देगी.

इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जाति जनगणना कराने के बयान पर भी टिप्पणी की. 24 अप्रैल को राहुल गांधी ने कहा था कि जो लोग खुद को ‘देशभक्त’ कहते हैं, वे जाति जनगणना के ‘एक्स-रे’ से डरते हैं. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया कि कांग्रेस लोगों की संपत्तियों और कीमती सामानों का ‘एक्स-रे’ कराकर उनके आभूषण और छोटी बचत को जब्त करना चाहती है.

उन्होंने एक बार फिर भाषण में मुसलमानों का जिक्र किया. कहा, 

“कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला हक गरीबों का है.”

कांग्रेस ने आरोपों पर जवाब दिया

'विरासत टैक्स' को लेकर प्रधानमंत्री के आरोपों पर कांग्रेस ने भी जवाब दिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि एक बार फिर प्रधानमंत्री का झूठ बेनकाब हो गया. उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह के बजट भाषण का हिस्सा शेयर किया है, जिसमें 'विरासत टैक्स' को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया था. उनके मुताबिक वीपी सिंह ने तब कहा था, 

"चूंकि प्रॉपर्टी टैक्स और विरासत टैक्स दोनों कानून किसी व्यक्ति की संपत्ति पर लागू होते हैं- पहला उसकी संपत्ति पर उसकी मृत्यु से पहले लागू होता है और दूसरा उसकी मृत्यु के बाद. ऐसे में एक ही संपत्ति के संदर्भ में दो अलग-अलग कानून उत्पीड़न के समान है. टैक्सपेयर्स और मृतकों के उत्तराधिकारियों को दो अलग-अलग कानूनों के प्रावधानों का पालन करना होता है. दोनों टैक्स पर विचार करने के बाद, मेरा मानना ​​है कि  विरासत टैक्स ने उन दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया है जिनके साथ इसे पेश किया गया था, यानी धन के असमान वितरण को कम करना और राज्यों को उनकी विकास योजनाओं की फंडिंग में सहायता करना. विरासत टैक्स से आय केवल लगभग 20 करोड़ रुपए हैं, वहीं इसके प्रशासन की लागत अपेक्षाकृत अधिक है. इसलिए मैं 16 मार्च, 1985 को या उसके बाद होने वाली मौतों पर संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में विरासत टैक्स की वसूली को समाप्त करने का प्रस्ताव करता हूं. मैं इस उद्देश्य के लिए उचित कानून के साथ उचित समय पर आगे बढ़ूंगा."

जयराम रमेश ने ये भी दावा किया कि इंदिरा गांधी ने 1970 में ही इलाहाबाद में अपनी पैतृक संपत्ति जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड को दे दी थी. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी जब भी बोलने के लिए अपना मुंह खोलते हैं, तो वे झूठ को लेकर अपनी दृढ़ता के ताजा सबूत पेश करते हैं.

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