पेलेट गन अब पूरे इंडिया के लोगों के दिल में छेद कर रहा था
अभी कश्मीर में प्रोटेस्ट के दौरान पेलेट गन चलाने से बड़ी ही दर्दनाक स्थिति हो गई थी. कितने लोग अंधे हो गए. कितनों की जिंदगी बेकार हो गई. इसी को ध्यान में देखकर गृह मंत्रालय ने एक कमिटी बनाई. चुप्पे से इन लोगों ने मिर्ची शेल का टेस्ट भी कर लिया. हवा तक नहीं लगने दी.

राजनाथ सिंह इसीलिए कल हांक आये थे
अभी तक फाइनल डिसीजन हुआ नहीं है. पर गुप्त खबर यही है कि गृह मंत्रालय, BSF, CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस, IIT दिल्ली और ऑर्डनेन्स फैक्ट्री के लोग थे. टेस्ट वाले शेल Indian Institute of Toxicology Research (IITR), लखनऊ में बनाये गए.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को इसीलिए हांक रहे थे कि चिंता मत करो, पेलेट गन का अल्टरनेटिव कुछ ही दिन में आ जायेगा.

Indian Institute of Toxicology Research (IITR) की बिल्डिंग
पावा क्या है?
पावा का मतलब है Pelargonic Acid Vanillyl Amide. इसको Nonivamide भी कहते हैं. ये एकदम आर्गेनिक चीज है. शुद्ध चिली पेपर से बना हुआ. मिर्ची की ताकत नापी जाती है स्कोविले स्केल पर. पावा इसपे बहुत ऊपर आता है. छनछना देगा. लेकिन कुछ देर के लिए. खाने में भी इतना मिला दो, तो आदमी काबू में नहीं रहेगा.

ग्वालियर में BSF की Tear Smoke Unit (TSU) को पावा शेल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. पहले लॉट में कम से कम 50 हज़ार राउंड बनाने हैं. मिर्ची का एक बम भी आता है. पावा इससे अलग है. पर ज्यादा सेफ. और सुरक्षित.
वादे पहले भी हुए थे, पर टूट गए
पर याद रहे कि पेलेट गन के इस्तेमाल के बारे में 2010 में कहा गया था कि इससे ज्यादा खतरा नहीं है. चोट लगेगी, इंसान सुन्न हो जायेगा. पर इस्तेमाल के बाद पता चला कि इंसान अंधा भी हो सकता है और मर भी सकता है. सबसे अलग बात ये है कि अभी भी यही बताया जा रहा है कि हम आपको पेलेट से नहीं, मिर्ची की गोली से मारेंगे. पर मारेंगे जरूर.