इनकी नेकी के किस्से पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया में मशहूर हैं. अब्दुल सत्तार एधी के नाम लावारिस लाशों को कब्र तक पहुंचाने का रिकॉर्ड है. कब्र में दफनाने से पहले लाश को नहलाया (ग़ुसल) जाता है. एधी ने अपने हाथों से करीब 58 हजार से ज्यादा लाशों का ग़ुसल किया है. एधी ने लावारिश लाशों को कब्र में दफनाने और अंतिम संस्कार की सारी तैयारियां करने की जिम्मेदारी भी उठाई है. ये एक अलग तरह का वर्ल्ड रिकॉर्ड है.

तस्वीर: Edhi फाउंडेशन
कई शहरों में एधी फाउंडेशन की हैं कब्रगाहें लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने के मामले में एधी फाउंडेशन दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है. एधी की कब्रगाहें पाकिस्तान के कराची, लाहौर, रावलपिंडी समेत न्यूयॉर्क तक हैं. एधी फाउंडेशन के इस बाबत कई महानगरों से सालाना कॉन्ट्रेक्ट हैं. एधी फाउंडेशन फ्री में लावारिश लाशों को दफनाने के साथ ऐसे लोगों की भी मदद करती है, जो फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग न हों.
सभी धर्मों के लिए ग्रेवयार्ड सर्विस लाशों को दफनाने के मामले में एधी सिर्फ मुस्लिमों की मदद नहीं करते हैं. बल्कि सभी धर्म के लोगों की मदद एधी फाउंडेशन करता है. इस मद्देनजर एधी कई मंदिरों और चर्च से संपर्क बनाए रखती है. इसके अलावा एधी ने कराची में एक विशाल एयरकंडीशन शवगृह भी बनाया है, ताकि लावारिस लाशों को कुछ दिनों के लिए सुरक्षित रखा जा सके.
दफनाने के साथ एधी फाउंडेशन लाशों की ट्रांसपोर्टिंग में भी मदद करती है. मसलन दुनिया के किसी देश में पाकिस्तानी शख्स की मौत हो जाती है तो उसकी लाश मुल्क में लाने का काम एधी फाउंडेशन करती है. साथ ही पाकिस्तान से लाश बाहर किसी देश ले जाने में भी मदद करती है. आगे जानिए किस साल एधी फाउंडेशन ने कितनी लाशों को दफनाया... 2005: 12,562 2006: 4,819 2007: 6,611 2008: 6,692 2009: 6,692 2010: 6,493 2011: 7,854 2012: 6,738 टोटल : 58,261