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'सबसे तेज़' मुक़दमे में ओडिशा की कोर्ट ने पुजारी को सुनाई 18 महीने की सज़ा, विदेशी पर्यटक के यौन उत्पीड़न का आरोप

Odisha की Court ने ये सज़ा 4 हफ़्तों के अंदर सुनाई है. पुलिस का कहना है कि ये ओडिशा का सबसे तेज़ी से सुनाया गया फ़ैसला है.

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पुजारी को यौन उत्पीड़न के मामले में 18 महीने की सज़ा. (फ़ोटो - आजतक)

ओडिशा की एक अदालत ने एक मंदिर के पुजारी को 18 महीने की क़ैद की सज़ा सुनाई. पुजारी पर आरोप है कि उसने विदेशी पर्यटक महिला का यौन उत्पीड़न किया. ये फ़ैसला कोर्ट ने चार हफ़्तों के भीतर सुनाया है. एक पुलिस अफ़सर ने बताया कि ये ओडिशा की ज्यूडिशियल हिस्ट्री में अब तक की सबसे तेज़ी से सुनाई जाने वाली सज़ा है.

न्यायिक मजिस्ट्रेट फ़र्स्ट क्लास की कोर्ट ने सोमवार, 18 मार्च को ये फ़ैसला सुनाया. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, अदालत ने लिंगराज मंदिर के पुजारी कुंदन महापात्रा को ये सज़ा सुनाई है. कमिश्नरेट पुलिस ने बताया कि ये ओडिशा में अब तक का सबसे तेज़ मुक़दमा है. अपराध होने के 28 दिनों अंदर किसी आरोपी को न्याय के कटघरे में लाया गया. 19 फ़रवरी को 24 साल के कुंदन महापात्रा पर लिंगराज मंदिर के बाहर स्वीडन की 28 साल की पर्यटक के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था.

पुलिस ने बताया कि पर्यटक महिला ने उसे अपने गाइड के रूप में रखा था. घटना के अगले ही दिन महापात्रा को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने अपराध के 72 घंटे के भीतर (22 फ़रवरी को) न्यायिक मजिस्ट्रेट फ़र्स्ट क्लास की कोर्ट में आरोपी के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. चार दिन बाद मुक़दमा शुरू हुआ. सुनवाई के पहले ही दिन अदालत में पीड़ित विदेशी महिला का बयान दर्ज किया गया था.

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पुलिस आयुक्त संजीब पांडा ने कहा,

"हमने इस संवेदनशील मामले को टॉप प्रॉयोरिटी दी और जांच को पूरी की. लिंगराज पुलिस स्टेशन की टीम को इस सफलता के लिए बधाई."

एक पुलिस अधिकारी ने इस फैसले का ज़िक्र करते हुए कहा कि त्वरित सुनवाई से अपराधियों का मनोबल टूटेगा. साथ ही, पर्यटकों में न्याय और सुरक्षा की भावना पैदा होगी.

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