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अमर जवान ज्योति विवाद के बीच PM मोदी का ऐलान- इंडिया गेट पर लगेगी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा

अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है

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इंडिया गेट पर लगेगी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति, अमर जवान ज्योति विवाद के बीच PM मोदी का ऐलान (फोटो: पीएम मोदी/ट्विटर)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी. शुक्रवार 21 जनवरी को पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर ये जानकारी दी. नरेंद्र मोदी ने ये ऐलान ऐसे वक्त पर किया, जब सरकार ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर जलने वाली लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ के साथ विलय करने का फैसला किया है. इस फैसले को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. पीएम मोदी ने क्या बताया? पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने एक ट्वीट में लिखा,
"ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नेताजी की ग्रेनाइट से बनी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी. यह उनके प्रति भारत की कृतज्ञता का प्रतीक होगा."
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बताया,
"जब तक नेताजी सुभास चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा नहीं बन जाती, तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर लगाई जाएगी. मैं 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा."

इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा खाली पड़ी एक छतरी पर लगेगी. रिपोर्ट के अनुसार इंडिया गेट और राष्ट्रीय स्मारक के बीच 6 दशक से एक छतरी खाली पड़ी है. यहां पहले जॉर्ज पंचम की प्रतिमा लगी हुई थी. 1968 में इस प्रतिमा को हटाकर इसे बुराड़ी के कोरोनेशनल पार्क में भेज दिया गया था. तब से यह छतरी खाली है.

अमर जवान ज्योति की लौ को शिफ्ट करने पर हो गया विवाद मोदी सरकार ने इंडिया गेट (India Gate) पर जलने वाली अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय करने का फैसला लिया है. सैन्य अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार 21 जनवरी को एक कार्यक्रम में अमर जवान ज्योति का युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा.
25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था. आजतक से जुड़े अभिषेक भल्ला की रिपोर्ट के मुताबिक जब वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया गया था, उस समय ही यह निर्णय लिया गया था कि बांग्लादेश युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में जलाई गई अमर जवान ज्योति की मूल लौ युद्ध स्मारक पर ही जलाई जाएगी. तब यह भी कहा गया था कि 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने पर अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट किया जाएगा. बीते महीने यानी दिसंबर 2021 में 1971 में हुए बांग्लादेश युद्ध को 50 साल पूरे हुए हैं.
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26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया था. (फोटो: इंडिया टुडे)

उधर, एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक
 अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि दो जगहों पर लौ (मशाल) का रख रखाव करना काफी मुश्किल हो रहा है. सेना के अधिकारियों का कहना है कि अब जबकि देश के शहीदों के लिये राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बन गया है, तो फिर अमर जवान ज्योति पर क्यों अलग से ज्योति जलाई जाती रहे. राहुल गांधी ने साधा निशाना अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से शिफ्ट करने के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में लिखा,
“बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा. कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते, कोई बात नहीं. हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!”
कई अन्य विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं ने भी अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) की ओर से किए गए एक ट्वीट में कहा गया,
"अमर जवान ज्योति की अमरता को भाजपा ने खत्म कर दिया है. वीर सैनिकों के बलिदान को खत्म कर दिया है. हमारे जवान अपने कंधों पर पूरा देश संभाल रहे हैं और इनसे एक मशाल नहीं संभल रही."
सरकार ने दी सफाई विपक्षी पार्टियों के हमले के बाद केंद्र सरकार की तरफ से अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने पर सफाई दी गई. इंडिया टुडे के हिमांशु मिश्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक
 भारत सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अमर जवान ज्योति को लेकर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. लौ बुझाई नहीं जा रही है, बल्कि इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय किया जा रहा है.
इंडिया टुडे के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा
,
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन सभी भारतीय शहीदों के नाम लिखे हैं जिन्होंने न सिर्फ 1971 बल्कि उसके पहले और बाद के युद्धों में भी बलिदान दिया. ऐसे में अमर जवान ज्योति की लौ को युद्ध स्मारक में ले जाना सभी शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है.