नागालैंड पुलिस (Nagaland Police) ने शनिवार शाम MON जिले में आम नागरिकों पर गोलीबारी को लेकर भारतीय सेना (Indian Army) के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के खिलाफ FIR दर्ज की है. पुलिस ने यह FIR स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज की है. शनिवार को हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई थी. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक अपनी FIR में नागालैंड पुलिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस ऑपरेशन से पहले पैरा फोर्सेज ने स्थानीय पुलिस को जानकारी नहीं दी थी, न ही कोई पुलिस गाइड लिया गया था. इसलिए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों की मंशा नागरिकों की हत्या करने और उन्हें घायल करने की थी. FIR अपने आप में नया मामला नागालैंड पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR अपने आप में एक नया मामला है. दरअसल, म्यांमार की सीमा से सटा नागालैंड का MON जिला AFSPA एक्ट के तहत आता है. ऐसे में जब तक केंद्र सरकार अनुमति नहीं देती, तब तक सेना पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. ऐसे में यह एक दुर्लभ मामला है, जिसमें पुलिस ने नागरिकों पर गोलीबारी के आरोप में सेना के विशेष बलों के खिलाफ स्वत: हत्या की FIR दर्ज की है.
FIR की copy
जानिए, कैसे फैली हिंसा?
गुसाई भीड़ ने सेना के वाहन जलाए. (PTI)
इसके अगले दिन रविवार 06 दिसंबर को 13 ग्रामीणों की मौत से गुस्साई भीड़ (Angry Mob) ने असम राइफल्स ( Assam Rifles) के कैंप और कोंयाक यूनियन (Konyak Union) के कार्यालय में कथित तौर पर तोड़फोड़ की. जिसके बाद असम राइफल के जवानों ने भीड़ पर फायरिंग की. इस फायरिंग में प्रदर्शन कर रहा एक ग्रामीण मारा गया, जबकि 2 अन्य घायल हो गए. मोन जिले में धारा 144 लागू नागालैंड के मोन जिले में लगातार बिगड़ते हालात के चलते धारा-144 लागू कर दी गई है. साथ ही सभी गैर-जरूरी वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर इस हिंसा को लेकर अफवाहों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने जिले में इंटरनेट सेवाओं को बैन कर दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि आम नागरिकों की मौत पर सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के तहत कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं. राज्य सरकार भी इस पूरे मामले की SIT जांच के आदेश जारी कर चुकी है.