जितेंद्र तिवारी पश्चिम बर्दमान ज़िले में पकड़ रखते हैं. वो यहां टीएमसी ज़िलाध्यक्ष, यहीं की पांडवेश्वर सीट से विधायक और आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन रहे हैं.
जितेंद्र तिवारी. TMC के विधायक हैं. हैं से थे होने वाले थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उन्होंने शुक्रवार, 18 अक्टूबर की रात दावा किया कि वह तृणमूल कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि वह TMC के साथ हैं और ममता बनर्जी से माफी मागेंगे. इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह पार्टी छोड़कर BJP में शामिल हो सकते हैं. जितेंद्र तिवारी के TMC छोड़कर जाने की अटकलें इसलिए लगाई जा रही थीं क्योंकि उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था.
यू-टर्न क्यों लिया?
बंगाल के मंत्री अरुप बिश्वास के साथ मुलाकात के बाद तिवारी ने यू-टर्न मारा है. इस मीटिंग में पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिक प्रशांत किशोर भी थे. जितेंद्र तिवारी पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. कुछ ही समय पहले उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया था. इससे पहले तिवारी ने रानीगंज के टीडीबी कालेज और गर्ल्स कालेज के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.
हालांकि उनके इस्तीफे के बाद से BJP ने उनको पार्टी में शामिल करने को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखाया था. खासकर आसनसोल के BJP सांसद बाबुल सुप्रियो ने उनका विरोध किया. सार्वजनिक तौर पर. सुप्रियो ने फेसबुक पोस्ट में लिखा,
मैं ये इसलिए लिख रहा हूं, क्योंकि कुछ लोग अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने आसनसोल के TMC नेताओं के साथ अंडर-टेबल डील की है. और अब वे BJP में आने की जुगत में हैं. मैं साफ तौर पर बता दूं कि ऐसी किसी भी तरह की डीलिंग करके पार्टी में अपने सहयोगियों के साथ मैं विश्वासघात नहीं करूंगा. BJP के हमारे साथियों ने आसनसोल से TMC को हराने की लड़ाई लड़ी है.
कहा जा रहा है कि BJP में दाल गली नहीं तो जितेंद्र तिवारी ने यू टर्न ले लिया.
कौन हैं जितेंद्र तिवारी?
जितेंद्र तिवारी पश्चिम बर्दमान ज़िले में पकड़ रखते हैं. वो यहां टीएमसी ज़िलाध्यक्ष, यहीं की पांडवेश्वर सीट से विधायक और आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन रहे हैं. उन्होंने पार्टी छोड़ने से पहले आसनसोल नगर निगम के चेयरपर्सन पद से भी इस्तीफा दिया था. ममता सरकार पर उन्होंने आरोप लगाया था कि इस औद्योगिक शहर को केंद्र के फंड और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से दूर रखा गया. जीतेंद्र तिवारी ने राज्य के नगरीय विकास मंत्री फिरहाद हकीम को पत्र लिखकर दो हज़ार करोड़ रुपए रोकने का आरोप लगाया. जीतेंद्र तिवारी ने शुभेंदु अधिकारी को TMC में ममता बनर्जी के बाद दूसरा मजबूत नेता बताया था. इसके बाद के उनके BJP में जाने की अटकलें थीं. एक के बाद एक नेताओं के पार्टी छोड़ने के बीच जितेंद्र तिवारी के यूटर्न लेने से TMC ने फिलहाल राहत की सांस ली होगी.