यूपी के कौशांबी में दो दिन पहले एक विवाद में 'भीड़' की पिटाई से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक व्यक्ति का भाई भी घटना में बुरी तरह घायल हुआ. उसका इलाज प्रयागराज के अस्पताल में हो रहा है. मामले ने तूल पकड़ा तो कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने लगे. कुछ ने पुराने वीडियोज शेयर करते हुए उन्हें कौशांबी की घटना से जुड़ा हुआ बताया. इस बीच पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए पुराने वीडियो का खंडन किया और लोगों से अफवाह नहीं फैलाने की अपील की.
क्यों हुई हत्या?
मामला कौशांबी के मीरपुर गांव का है. एक तरफ कौशांबी पुलिस इसे प्रेम संबंध का विवाद बता रही है, वहीं दूसरी ओर पीड़ित जफर आलम (23) के परिवार वालों के कुछ और आरोप हैं. जफर प्रयागराज के असरौली का रहने वाला था. उसके पिता ने बेटे की हत्या के बाद कौशांबी के पिपरी थाने में एक FIR दर्ज कराई. शिकायत के बाद मीरपुर के 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इनमें से 3 अज्ञात हैं. घटना का मुख्य आरोपी गांव के प्रधानपति मानिक चंद्र को बताया जा रहा है. FIR के मुताबिक जफर के पिता ने बताया,
"मेरे बेटे जफर ने मीरपुर के रहने वाले मानिक चंद्र को भैंस बेची थी. मानिक ने जफर को 20 मार्च को 20 हजार रुपए लेने के लिए बुलाया था. जब वो वहां पहुंचा तो मानिक चंद्र ने पैसे नहीं दिए और अगले दिन आने को कहा. फिर 21 मार्च को जफर अपने जीजा मोहम्मद अरशद के साथ मानिक के घर पहुंचा. इसके बाद मानिक चंद्र, उसके बेटे और अन्य लोगों ने जान से मारने की नीयत से जफर को लोहे की रॉड और कट्टे के बट से बुरी तरह पीटा. अरशद ने वहां से भागकर घरवालों को इसकी जानकारी दी."
जफर के पिता ने बताया कि बेटे के साथ हुई घटना की जानकारी मिलने के बाद उसका बड़ा भाई नूर आलम भी मीरपुर पहुंच गया. उन्होंने आगे कहा,
"लोगों ने नूर को पीटकर अधमरा कर दिया. पुलिस को मौके पर पहुंचते देख सभी लोग गोली चलाते मौके से भाग गए. जफर की मौके पर मौत हो गई. नूर को बेहोशी की हालत में पुलिस वाले अस्पताल ले गए, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है."
पुलिस क्या कह रही?
कौशांबी पुलिस ने कहा है कि मामले में जरूरी कार्रवाई की जा रही है. हालांकि उसने पूरे मामले को लेकर अलग बयान जारी किया है. 22 मार्च को कौशांबी के पुलिस अधीक्षक (SP) के नाम का एक प्रेस नोट जारी हुआ. इसमें कहा गया है कि जफर अपनी महिला मित्र से मिलने मीरपुर गया था. वहां पर महिला और उसके परिवारवालों के साथ उसका विवाद हुआ. पुलिस की प्रेस नोट के मुताबिक,
"विवाद के दौरान जब गांव वाले बीच-बचाव करने आए तो जफर ने तमंचे से फायर कर दिया. इसके बाद गांव वालों का उससे झगड़ा हो गया. उसी वक्त जफर के भाई नूर आलम ने भी वहां पहुंचकर तमंचे से फायर किया और गांव वालों के साथ ईंट-पत्थर, लाठी डंडे से झगड़ा किया. इसमें दोनों भाइयों जफर और नूर आलम और कुछ अन्य लोगों को गंभीर चोटें आई थीं. पुलिस मौके पर पहुंची तो घायलों को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जफर को मृत घोषित कर दिया."
कौशांबी पुलिस ने ये भी कहा कि इस मामले का संबंध किसी प्रकार की सांप्रदायिकता और मॉब लिंचिंग की घटना से नहीं है. पिपरी थाने ने दी लल्लनटॉप को बताया कि जफर आलम की हत्या मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. अभी मामले की जांच जारी है. पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. हालांकि FIR में सीधे तौर पर हत्या की धारा नहीं जुड़ी हुई है.