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सत्यपाल मलिक का बयान : PM मोदी ने घमंड में मुझसे कहा था 'क्या किसान मेरे लिए मरे हैं?'

मोदी से मुलाक़ात के बाद अमित शाह ने सत्यपाल मलिक से क्या कहा?

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सत्यपाल मलिक किसानों के मुद्दे को लेकर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं (फाइल फोटो: आजतक)
सत्यपाल मलिक. मेघालय के गवर्नर. पिछले कुछ समय से लगातार किसानों के मुद्दे पर सरकार और बीजेपी की लाइन से हटकर बोल रहे हैं. अब उन्होंने सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर हमला बोला है.कहा है कि जब किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए उन्होंने PM मोदी से बात की थी तो पीएम घमंड में थे. और इसी वजह से उनकी पीएम मोदी के साथ बहस भी हो गई थी. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के दादरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने यह बात कही. 'किसान क्या मेरे लिए मरे हैं?' गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा,
“मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिला, तो मेरी पांच मिनट में ही उनसे लड़ाई हो गई. वो बहुत घमंड में थे. जब मैंने उनसे कहा, हमारे 500 लोग मर गए, तुम तो कुतिया मरती है तो चिट्ठी भेजते हो. तो उन्होंने कहा, मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, क्योंकि आप उनकी वजह से राजा बने हुए हो, इसको लेकर मेरा उनसे झगड़ा हो गया.”
मलिक के मुताबिक पीएम ने इसके बाद उनसे कहा,
"अब आप अमित शाह से मिल लो. जिसके बाद मैं अमित शाह से मिला. तो शाह ने कहा सत्यपाल इनकी अक्ल मार रखी है लोगों ने, तुम बेफिक्र रहो, तुम आते रहो हमसे मिलते रहो..."
दादरी में इस कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद मीडिया ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर सत्यपाल मलिक से उनकी राय मांगी, तो उनका कहना था,
“प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा उसके अलावा और वे क्या कह सकते थे. हमने (किसानों ने) अपने पक्ष में फैसला कराया. हमें MSP पर कानूनी गारंटी पाने के लिए उनकी मदद चाहिए, न कि कुछ ऐसा करें जिससे सब ख़राब हो जाए...अभी भी मुद्दे लंबित हैं. जैसे किसानों के खिलाफ मामले. सरकार को उन मामलों को वापस लेने की जरूरत है. इसी तरह MSP पर कानून बनाए जाने की भी जरूरत है."
मलिक पहले भी सरकार को सख़्त रुख दिखा चुके हैं गवर्नर सत्यपाल मलिक कृषि क़ानूनों को लेकर पहले भी कई बार केंद्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं. बीते सात नवंबर को जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा था,
"देश में इतना बड़ा आंदोलन आज तक नहीं चला, जिसमें 600 लोग शहीद हो गए. कुतिया भी मरती है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आ जाता है, लेकिन 600 किसानों की मौत का प्रस्ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ."
'दिल्ली से बुलावा आने की आशंका रहती है' जयपुर के कार्यक्रम में ही गवर्नर सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा था कि जब भी वो किसानों के मुद्दे पर बोलते हैं, तो उनको आशंका होने लगती है कि दिल्ली से कुछ ही दिनों में बुलावा आ जाएगा. मलिक ने आगे कहा,
"किसानों पर बोल दो तो कंट्रोवर्सी हो जाएगी. मैं दो हफ्ते तक इंतजार करता हूं कि दिल्ली से कोई टेलीफोन तो नहीं आ रहा. हालांकि गवर्नर को हटाया नहीं जा सकता फिर भी जो मेरे शुभचिंतक हैं, वो इस तलाश में रहते हैं कि ये कुछ बोलें और ये हटें. फेसबुक पर लिख देते हैं कि गवर्नर साहब जब आप इतना महसूस कर रहे हो तो इस्तीफा क्यों नहीं देते. मैं कहता हूं कि आपके पिताजी ने बनाया था. मुझे जिसने बनाया था, ना तो मैं वोट से बना. मुझे बनाया था दिल्ली में दो तीन बड़े लोग हैं उन लोगों ने. और मैं उनकी इच्छा के विरुद्ध बोल रहा हूं. ये तो मैं जानकर बोल ही रहा हूं. लेकिन जिस दिन वो कह देंगे कि मुझे दिक्कत है तो मैं एक मिनट भी नहीं लगाउंगा."