प्रॉब्लम क्या है?
प्रॉब्लम ये है कि वो लड़की है.
फिर प्यार का पंचनामा 2 आई. 2015 में. इसमें फिर आए कार्तिक आर्यन. ट्राइड एंड टेस्टेड फ़ॉर्मूला. फिर से भड़ास निकाली. पांच मिनट बिना रुके. इस बार वैसा रेस्पॉन्स नहीं मिला. पर फिर भी पसंद किया गया.
तब से लेकर अभी तक कार्तिक आर्यन आकाश वाणी, सोनू के टीटू के स्वीटी, लुका छुपी जैसी फिल्में कर चुके हैं. इनमें एक को छोड़कर बाकी सभी फिल्मों में उनका किरदार इसी तरह का रहा ही. फ्रस्ट्रेट हुआ. भड़ास निकालता.
लेकिन इस बार तो हद ही कर दी है उन्होंने. फिल्म आने वाली है पति, पत्नी और वो. इसमें एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर स्टोरी दिखाई गई है. भूमि पेडणेकर पत्नी के किरदार में हैं, अनन्या पांडे ‘वो’ के किरदार में. पति के किरदार में कार्तिक आर्यन तो हैं ही.

(तस्वीर: ट्विटर)
इस फिल्म का ट्रेलर आया है. जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह अभिनव त्यागी (कार्तिक आर्यन) शादी-शुदा होने के बावजूद तपस्या सिंह (अनन्या पांडे) पर डोरे डालता है. ये सब आप समझ चुके होंगे. देख लिया होगा ट्रेलर. नहीं देखा तो देख लीजिए. फिर बात करते हैं.
ट्रेलर देख कर ऐसा महसूस होता है मानो किसी ने फैमिली ग्रुप में आने वाले सस्ते वॉट्सऐप फॉरवर्ड लेकर डायलॉग लिख दिए हैं. जैसे:
मेरी बीवी भाग गई है.ये सस्ते जोक अगर इग्नोर कर भी दिए जाएं, तो भी कार्तिक आर्यन का एक डायलॉग पूरे फिल्म को रद्दी के ढेर की तरफ धकेल देता है. जब वो कहता है:
ओह, तो मेरी भी भगवा दो.
बीवी से सेक्स मांग लें तो हम भिखारी, बीवी को सेक्स मना कर दें तो हम अत्याचारी, और किसी तरह जुगाड़ लगा के उससे सेक्स हासिल कर लें न, तो बलात्कारी भी हम ही हैं.
# सेक्स को हमारे समाज में ‘हासिल’ करने वाली चीज़ की तरह देखा जाता है. चाहे वो प्रेमिका के साथ हो, या पत्नी के साथ. आप उसके साथ सम्बन्ध बनाते नहीं, उससे सेक्स ‘पा’ लेते हैं. पा लिया, और उसके बाद काम ख़त्म. इसमें औरत एक ‘रिसीवर’ की तरह देखी जाती है, ‘पार्टिसिपेंट’ की तरह नहीं.नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 4 के दौरान भारतीय पुरुषों से सवाल पूछे गए सेक्स के बारे में. पूछा गया कि अगर पत्नी, पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर देती है तो किस तरह का व्यवहार करने की पति को आज़ादी है?
# पत्नी की अगर इच्छा ना हो, और उसकी इच्छा के बिना उससे सेक्स कर लिया, तो इसमें लोगों को कोई दिक्कत नहीं दिखाई देती. इस पर मज़ाक बनाया जा सकता है. उसे धोखे से बहला फुसला कर उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना, किसी को गलत नहीं लगता.
#बिना सहमति के बनाए गए शारीरिक सम्बन्ध रेप ही होते हैं. उनको जबरन किया गया सेक्स नहीं कहना चाहिए. लेकिन शादी में होने वाले इस तरह के रेप को कानून मान्यता नहीं देता. 18 साल से ऊपर की उम्र की लड़की के साथ उसकी मर्जी के बिना शारीरिक सम्बन्ध बनाना रेप कहलाएगा. लेकिन तब नहीं, अगर वो आपकी बीवी हो.
#उसकी मर्जी के बिना, जबरदस्ती उसके साथ सेक्स करनापूरे देश में 100 में से 9 पुरुषों ने ये कहा कि पति को ये हक़ है कि पत्नी की मर्जी के बिना भी उसके साथ सेक्स कर सके. 11 पुरुषों ने ये कहा कि पति को ये हक़ है कि वो पत्नी को पैसे देना या आर्थिक रूप से उसे सहारा देना बंद कर दे. 18 पुरुषों का ये मानना था कि पति को हक़ है कि वो पत्नी को डांटे-फटकारे.
#नाराज़ होकर उसे डांटना फटकारना
#उसे पैसे या दूसरे तरह के आर्थिक सपोर्ट देने से मना कर देना.
सिनेमा में ‘रेप’ शब्द को वैसे भी एक टूल की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसमें कुछ नया नहीं है. पुरुषों के रेप को लेकर तो जागरूकता एकदम ठान ठान गोपाल है. ज्यादा पीछे क्यों जाएं. हाल में ही आई फिल्म बदरीनाथ की दुल्हनियां (2017) में वरुण धवन के किरदार बदरी को कुछ गुंडे घेर लेते हैं. वो अपने पीछे छुपी वैदेही (आलिया भट्ट) को भाग जाने को कहता है. लेकिन उसके भाग जाने के बाद पता चलता है कि ये गुंडे तो वरुण धवन को छेड़ रहे हैं. उनकी रूचि पुरुषों में है. तब वो वरुण के साथ रेप की कोशिश शुरू कर देते हैं. लेकिन तभी वैदेही अपने साथ और लोगों को लेकर आ जाती है और वो गुंडे भाग जाते हैं. तब सभी वरुण के फटे कपड़े देखते हैं, वैदेही उसे अपनी ओढ़नी दे देती है. इसके बाद छाती छुपाते वरुण की झेंपी हुई, शर्म से लाल शक्ल देखकर सभी हंसने लग जाते हैं. पुरुष का रेप अटेम्प्ट, उसके लिए एक मजाक बन जाता है.
मैरिटल रेप को लेकर गिनी-चुनी फिल्में ही बनी हैं जिन्होंने इसे अब्यूज से परे हटकर अपने आप में एक मुद्दे की तरह देखा. राजा की आयेगी बारात (1997), सात खून माफ़ (2011), और इंटरेस्टिंगली आकाश वाणी (2013) जैसी फिल्मों में मैरिटल रेप का मुद्दा उठाया गया है. कानून के पास जब ये तजवीज भेजी गई कि मैरिटल रेप को जुर्म के रूप में पहचान दी जाए, तो ये कहा गया कि इससे शादी की पूरी व्यवस्था चरमरा जाएगी.
आकाश वाणी (2013) भी लव रंजन ने ही डायरेक्ट की थी. प्यार के पंचनामा के डायरेक्टर. इस फिल्म में कार्तिक आर्यन और नुशरत भरूचा थे. प्यार का पंचनामा के फेवरेट कपल रज्जो और नेहा. इस फिल्म में नुशरत के किरदार वाणी के साथ उसका पति रोज रात बलात्कार करता है. लेकिन वो अच्छी पत्नी बने रहने के चक्कर में खुश रहने का नाटक करती रहती है. बाद में वो शादी तोड़कर आकाश (कार्तिक आर्यन) के पास चली जाती है. वो उसका दर्द समझता है. उसे अपनाता है. उसे हिम्मत देता है.

'पति ,पत्नी और वो' फिल्म में अपनी पत्नी को धोखा देकर किसी और लड़की को 'फंसाने' की कोशिश करते अभिनव त्यागी से कोफ़्त होती है. उससे कोई सहानुभूति नहीं होती. (तस्वीर: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)
इसी फिल्म के 6 साल बाद कार्तिक आर्यन ऐसी एक फिल्म कर रहे हैं जहां पर मैरिटल रेप को लेकर वो बेहद छिछले जोक मार रहे हैं. उससे जूझ रही न जाने कितनी औरतों के साथ एक भद्दा मजाक करने में उनके हाथ नहीं कांपे. उनकी ज़बान नहीं लड़खड़ाई. उन्होंने ये नहीं सोचा कि इंची-इंची खिसक रहे एक ज़रूरी विमर्श को वो अपने साथ सदियों पीछे घसीट रहे हैं. पर उनसे क्या ही कुछ कहना. जब वॉट्सऐप फॉरवर्ड्स और पुराने गानों के रीमिक्स को लेकर एक कॉकटेल ही तैयार करना है तो फिर कुछ भी बना लें. उससे अपच हो या उल्टी, टिकट खरीदने के बाद फर्क थोड़े ही पड़ता है.
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