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रेप पर ऐसा घटिया बयान बहुत कम सुना होगा, जैसा राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल ने दिया है

शांति धारीवाल के ऐसा कहते समय उनके साथी विधायक हंस रहे थे.

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Shanti Dhariwal
रेप के बढ़ते मामलों पर घटिया बयान देने वाले नेताओं की सूची में एक नाम और जुड़ गया है. शांति धारीवाल. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. बुधवार 9 मार्च को उनका एक बेहूदा बयान सामने आया. आजतक से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए शांति धारीवाल ने कहा,
"रेप के मामले में हम नंबर वन हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है... राजस्थान तो वैसे भी मर्दों का प्रदेश है. इसका क्या करें."
ये कहने के बाद शांति धारीवाल रुक गए. फिर कहा,
"रेप के मामले ​देखिए आप, रेप और रेप विद मर्डर के आंकड़े अलग हैं. रेप विद मर्डर में राजस्थान 11वें नंबर पर है. इसमें यूपी नंबर वन पर है. मध्य प्रदेश दो, तीन पर असम, नंबर चार पर महाराष्ट्र, नंबर पांच पर उड़ीसा, नंबर छह पर तेलंगाना, सात पर झारखंड और आठ पर पश्चिम बंगाल है. राजस्थान रेप के मामले में नंबर एक पर है, इसमें कोई दो राय नहीं है. नंबर दो पर यूपी, तीन पर एमपी, पांच पर असम और नंबर छह पर हरियाणा है. बीजेपी ने इसे लेकर जो गलत फिगर दिए, उन्हें सुधार दिया है."
 

साथी विधायक हंसते रहे

हैरानी की एक और बात ये कि प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री के ऐसा कहने पर सदन में मौजूद दूसरे विधायक हंसने लगे. किसी ने भी उन्हें टोकना जरूरी नहीं समझा. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक धारीवाल जब ये सब कह रहे थे, उस समय विधानसभा में बीजेपी का कोई विधायक नहीं था. बताया गया कि धारीवाल के जवाब देना शुरू करते ही उनकी टिप्पणियों से नाराज होकर विपक्षी दल के विधायक सदन से निकल गए थे.   धारीवाल के ऐसा कहते समय विधानसभा का अपने यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण चल रहा था. बाद में यूट्यूब चैनल और विधानसभा के रिकॉर्ड से इस वीडियो को हटा दिया गया.

बीजेपी ने घेरा

बयान पर शांति धारीवाल और कांग्रेस का घिरना तय था. राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंत्री के बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को टैग करते हुए लिखा,
"सदन में प्रदेश में बलात्कार में एक नंबर पर होने की निर्लज्ज स्वीकारोक्ति और मर्दों की आड़ में नारी के प्रति स्तरहीन बयान न केवल प्रदेश की महिलाओं का अपमान है बल्कि पुरुषों की गरिमा को भी गिराया है. प्रियंका गांधी जी अब क्या कहेंगी, क्या करेंगी?"
  वहीं एक यूजर ने कहा,
"ऐसे घटिया इंसान को जन प्रतिनिधि बनने का अधिकार नहीं है."
  और भी ट्वीट हैं जिनमें लोगों ने शांति धारीवाल के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कांग्रेस, गहलोत सरकार और प्रियंका गांधी पर सवाल उठाए हैं. वहीं एक दूसरे ट्वीट में सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस में नैतिकता का कुछ अंश बचा हो तो ऐसे 'बदज़बानी' मंत्री को कान पकड़कर बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए.