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'अकबर-सीता' का नाम अब 'सूरज-तान्या' होने वाला है.. आदमी नहीं, शेर!

विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति दर्ज करवाई थी कि 'अकबर' शेर के साथ रह रही शेरनी का नाम 'सीता' रखना हिंदू धर्म का अपमान है.

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अकबर का नाम सूरज और सीता का नाम तान्या प्रस्तावित किया गया है. (फ़ोटो - पेक्सेल्स)

शहरों के नाम बदलने की रवायत में एक नया-ताज़ा तुर्रा. पश्चिम बंगाल में जिन शेर-शेरनी का नाम अक़बर और सीता था, उनका नाम अब सूरज और तान्या रखा जा सकता है. ऐसा पश्चिम बंगाल सरकार ने सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी (CZA) को सुझाया है.

क्या चल्ला है देश में?

सिलिगुड़ी के बंगाल सफ़ारी पार्क में त्रिपुरा से आए शेर और शेरनी का नाम 'अकबर' और 'सीता' रखा गया था. नामकरण को लेकर विवाद शुरू हुआ था. विश्व हिंदू परिषद (VHP) की बंगाल यूनिट ने कहा कि अकबर के साथ रह रही शेरनी का नाम 'सीता' रखना हिंदू धर्म का अपमान है. 16 फरवरी, 2023 को कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी. याचिका में लिखा था कि अकबर मुग़ल शासक था, और सीता हिंदुओं के लिए पूजनीय हैं. नाम बदलने के साथ दोनों को अलग-अलग रखने की भी मांग की गई.

राज्य सरकार की ओर से दलील देने वाले एडिशनल एडवोकेट जनरल देबज्योति चौधरी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने जानवरों के नाम नहीं रखे थे.

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हाई कोर्ट ने दलील सुनने के बाद नामों को बदलने का आदेश दिया.  ताकि विवाद को शांत किया जा सके. जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने सुनवाई के दौरान कहा था,

क्या आप खुद अपने पालतू जानवर का नाम किसी हिंदू भगवान या मुस्लिम पैगंबर के नाम पर रखेंगे? मुझे लगता है, अगर हम में से किसी के पास ये अधिकार होता, तो कोई भी उनका नाम अकबर और सीता नहीं रखता.

अब राज्य सरकार ने उनका नया नाम सुझाया है - सूरज और तान्या. बुधवार, 17 अप्रैल को एक वरिष्ठ वनपाल ने मीडिया को बताया कि प्रस्तावित नाम ज़ू अथॉरिटी को भेज दिए गए हैं. अब उन पर है कि वो ये नाम रखें या शेर-शेरनी को डिजिटल नाम दें. मामला विचाराधीन होने का हवाला देते हुए बंगाल सफ़ारी के एक अफ़सर ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

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