उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो चुका है. ऐसे में दी लल्लनटॉप अपने राजनीतिक मंच ‘जमघट’ के तहत अलग-अलग नेताओं का इंटरव्यू कर रहा है. इसी सिलसिले में सबसे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंटरव्यू हुआ, जिसमें उन्होंने बहुत सारी बातें की हैं. इस इंटरव्यू में सीएम योगी से काफी तीखे सवाल भी पूछे गए. इनमें एक सवाल 30 सितंबर 2020 को हाथरस में हुई उस घटना को लेकर भी पूछा गया जिसमें पुलिस ने रेप पीड़िता के शव को उसके घरवालों की मर्जी के बिना, आधी रात को जला दिया था. इस सवाल पर सीएम योगी ने कहा,
"आपको मालूम है कि इस मामले में कितने शरारत पूर्ण काम किए गए. पहले शव को आने नहीं दिया जाता है, शव को छीनने का प्रयास होता है. दिल्ली में तीन घंटे तक शव को रोका जाता है, फिर दिल्ली से हाथरस तक पहुंचने में 12 घंटे लगे जबकि रास्ता तीन घंटे का ही है. इस घटना के अगले दिन प्रदेश में राम जन्म भूमि से संबंधित मामले पर महत्वपूर्ण फैसला आने वाला था, इसे लेकर हाई अलर्ट था. उसकी आड़ में पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को (दंगों में) झोंकने की साजिश थी. हम उन सभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर सकते कि किन परस्थितियों में पुलिस ने वहां कार्रवाई की. पुलिस ने परिवार के लोगों से संवाद बनाकर सारी कार्रवाई वहां की, अकेले कुछ नहीं किया, लड़की के पिता और भाई शव के साथ हाथरस तक आए थे. परिवार के लोगों के सुपुर्द शव था और उसके बाद सारी कार्रवाई संपन्न हुई थी. उसको इश्यू बनाया गया, जांच चल रही है, आजतक तो कोई इस बात को साबित नहीं कर पाया, CBI जांच चल रही है. दोषी हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जानी चाहिए. क्यों किसी को बख्शा जा रहा है?"
इसके बाद योगी आदित्यनाथ से सवाल किया गया कि अगर राम जन्म भूमि के मामले को लेकर इस तरह की परस्थितियां उस दिन थीं, तो लोगों को सरकार की तरफ से ये सब कुछ बताया जाना चाहिए था, जो अंदेशा आपको था, उसके बारे में जानकारी दी जानी चाहिए था. इस पर सीएम योगी ने कहा,
"ये सब बातें हमने बताई थीं. देखिए सच को बोलने की ही नहीं, दिखाने की भी हिम्मत होनी चाहिए. और उस हिम्मत के साथ उसको दिखाया जाना चाहिए...पुलिस कप्तान को हमने इस घटना से पहले हटाया था. हमने कप्तान के खिलाफ ही कार्रवाई नहीं की थी, हमने इंस्पेक्टर और डिप्टी एसपी के खिलाफ भी कार्रवाई की थी. और उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की थी जिन्होंने समय से घटना पर संज्ञान नहीं लिया था."