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अरविंद केजरीवाल अब भी दिल्ली के CM, लेकिन जेल से कैसे चलाएंगे सरकार?

अगर Arvind Kejriwal इस्तीफा नहीं देते हैं तो केंद्र सरकार क्या कदम उठा सकती है?

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दिल्ली के CM केजरीवाल और डिप्टी CM मनीष सिसोदिया दोनों ED की गिरफ्त में हैं. (India Today)

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि दिल्ली की सरकार अब कौन चलाएगा. सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के कुछ ही मिनट बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी है. पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से ही काम देखते रहेंगे.

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा,

"अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे... इसमें कोई दो राय नहीं है. हमने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो वह जेल से काम करेंगे. ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें जेल से काम करने से रोकता हो. उन्हें अब तक दोषी नहीं करार दिया गया है."

NDTV ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा नहीं देने के परिणामों पर विचार-विमर्श कर रहा है. वहीं कानूनी विशेषज्ञ मानते हैं कि केंद्र को उन्हें निलंबित करना पड़ सकता है या हटाना पड़ सकता है क्योंकि वह एक लोक सेवक हैं. गिरफ्तार किए जाने वाले सरकारी अधिकारियों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है. उन्हें तुरंत पद से हटा दिया जाता है.

केंद्र सरकार अगर केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाती है तो आने वाले समय में दिल्ली में बड़ा सियासी ड्रामा देखने मिल सकता है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी ऐसा पहला मामला है जब किसी सीटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया हो. इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से कुछ ही मिनट पहले इस्तीफा दे दिया. ऐसा वाकया तब भी हुआ था जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और चारा घोटाले में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी थी. लालू ने भी जेल जाने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सौंप दी थी.

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आपको बता दें कि केजरीवाल को दिल्ली में शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया है. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे. केजरीवाल एक भी दफा पूछताछ के लिए नहीं गए. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें ये मांग की गई थी कि अगर वो ED के सामने पेश हों तो उन्हें गिरफ्तार न करने का आदेश पारित किया जाए. आज, 21 मार्च को दिल्ली ने ऐसा आदेश देने से मना कर दिया. जिसके कुछ ही देर बाद ED की टीम केजरीवाल के घर पहुंची. उनसे पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. सर्वोच्च अदालत में इस मामले में 22 मार्च को सुनवाई होगी.