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PM मोदी की सुरक्षा में कथित चूक : इस स्टिंग ऑपरेशन में पता चली एकदम नई बात!

खुफिया कैमरे पर अफ़सर ने कहा, 'ये किसान-विसान कुछ नहीं हैं, कट्टरपंथी हैं'

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PM मोदी की सुरक्षा में कैसे सेंध लगी? खुफिया कैमरे पर पुलिस अफसरों ने बयां की सच्चाई
पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में हुई कथित चूक को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक टीम इस मामले की जांच कर रही है और राज्य के पुलिस अधिकारियों से पूछताछ चल रही है. इस बीच इंडिया टुडे की एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने फिरोज़पुर जाकर इस मामले की पड़ताल की और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से बात की. CID के डीएसपी बोले- अफसरों को पूरी जानकारी दी थी प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर जमीनी हकीकत जुटाने की जिम्मेदारी पंजाब के खुफिया विभाग यानी सीआईडी में डीएसपी सुखदेव सिंह की थी. इंडिया टुडे ने सुखदेव सिंह से पूछा कि आखिर प्रधानमंत्री की प्रस्तावित रैली से पहले खुफिया विभाग कैसे चूक गया? क्या डीएसपी और उनके विभाग ने प्रधानमंत्री की रैली से पहले जमीनी हकीकत का आकलन नहीं किया था? इस पर सुखदेव सिंह के जवाब चौंकाने वाले थे.
डीएसपी सुखदेव सिंह ने बताया कि संवेदनशील इलाके में प्रधानमंत्री की रैली से पहले उन्होंने एक-एक पल की जमीनी हकीकत अपने आला-अधिकारियों को वक्त रहते बताई थी. 2 जनवरी को उन्होंने साफ कर दिया था कि किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे. डीएसपी के अनुसार, उनकी टीम ने न सिर्फ पीएम के दौरे से पहले हर दिन की रिपोर्ट अपने आला-अधिकारियों को दी थी, बल्कि अफसरों को संभावित खतरे के बारे में भी कई बार चेताया था.
इंडिया टुडे की इन्वेस्टीगेशन टीम को सुखदेव सिंह बताते हैं,
"किसानों का सड़क पर आने का पहले से ही कार्यक्रम था. इस बारे में प्रधानमंत्री के स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) को बताया गया था. जब किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता अपने घरों से चल दिए और जब उन्होंने फिरोजशाह का नाका तोड़कर उसे क्रॉस किया और धरना शुरू कर दिया, तब भी जिले के एसएसपी को बता दिया गया था. खुफिया एजेंसी का काम घटना से पहले सूचना देना होता है, वह सब हमारी टीम ने किया था."
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डीएसपी सुखदेव सिंह ने पल-पल की जानकारी एसएसपी को दी.

इंडिया टुडे की पड़ताल में यह भी पता लगा कि 5 जनवरी को (मोदी की रैली वाले दिन) भी पंजाब के खुफिया विभाग की टीम ने पूरे इलाके में अपने मुखबिर फैलाकर रखे थे, जो हालात पर अपनी कड़ी नज़र बनाए हुए थे. ये आला-अधिकारियों को साफ बता रहे थे कि प्रधानमंत्री की रैली में गड़बड़ी की प्रबल संभावना है. CID ने प्रधानमंत्री के बठिंडा से चलने से पहले ही सुरक्षा व्यवस्था में लगे आला-अधिकारियों को ये जानकारी दे दी थी कि किसान हाइवे पर धरना दे रहे हैं. कट्टरपंथी गुट भी रैली के खिलाफ सक्रिय था! 'सिख फॉर जस्टिस' के पन्नू ने तो प्रधानमंत्री को जूता दिखाने वाले को 1 लाख डॉलर का इनाम देने की घोषणा कर दी थी. इसके बाद भी प्रधानमंत्री के रास्ते में आंदोलनकारियों को बैठने दिया गया. SPG के दस्तावेज बताते हैं कि उसने पंजाब पुलिस को साफ कर दिया था कि खराब मौसम की स्थिति में पीएम सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं और किसी भी हालत में प्रधानमंत्री का रास्ता बाधित नहीं होगा, अगर ऐसा हुआ तो तत्काल प्रभाव से ताकत का इस्तेमाल करके सड़क को खाली करवाना होगा, इसे सील करना होगा. लेकिन पंजाब पुलिस ने ऐसा नहीं किया. इसके पीछे की वजह का खुलासा करने के लिए इंडिया टुडे ने कुलगढ़ी इलाके (जहां धरना चल रहा था) के एसएचओ बीरबल सिंह से बात की. बीरबल ने कहा,
"सच्चाई यह है कि लोगों में रोष है. उनका गांव है, उनकी जगह है, तो मैं क्या करूं? हमें सरकार यह नहीं कहती कि उनकी पिटाई करो और या डंडे मारो. हमें हुक्म नहीं है. आंदोलनकारी जिद करके बैठ गए तो क्या कर सकते हैं.''
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SHO बीरबल ने बताया कि राज्य सरकार ने कोई निर्देश नहीं दिए.

SHO बीरबल सिंह ने आगे कहा कि राज्य सरकार का ऊपर से आदेश था कि प्रदर्शनकारी किसानों को हाथ तक नहीं लगाना है. उनके मुताबिक अगर आदेश होता तो फिर उनको रास्ते से हटा दिया जाता. बीरबल सिंह ने स्वीकार किया कि पुलिस को ये पता था कि किसानों के नाम पर रेडिकल ग्रुप प्रधानमंत्री के विरोध के लिए एकत्रित हो रहे हैं.
उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में बताया,
''सभी को पता है कि मुखालफत हो रही है. किसानों की तरफ से जाहिर तौर से वो आ गए और बात कर ली. मैं पढ़ा-लिखा बंदा हूं, ये किसान-विसान कुछ नहीं हैं. ये सारे रेडिकल्स (कट्टरपंथी) हैं. नाम किसान का लगा लिया है. किसान के नाम पर कोई भी इकट्ठा हो जाता है.''
पूरा बाजार खुला था प्रधानमंत्री का काफिला 18 मिनट तक फिरोजपुर फ्लाईओवर पर रुका रहा. एसपीजी के प्रोटोकॉल्स कहते हैं कि पीएम के संभावित रास्ते को पहले से ही सील कर देना चाहिए. लेकिन आसपास के लोगों का कहना था कि उन 18 मिनट के दौरान फ्लाईओवर के ठीक नीचे सारा बाजार खुला हुआ था और साथ में गैरकानूनी तरीके से चल रहा शराब का ठेका भी खुला था. जब प्रधानमंत्री का काफिला गुजरता है, तो चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती होती है, लेकिन उस दिन ऐसा कुछ नहीं था, यहां तक कि इस इलाके में किसान मोर्चे के लोग खुलेआम आकर लोगों को भड़का रहे थे. 'DGP पर केस दर्ज हो' इंडिया टुडे के स्टिंग ऑपरेशन के बाद फिरोजपुर से कांग्रेस विधायक परमिंदर सिंह पिंकी ने कहा कि प्रधानमंत्री एक संस्था हैं. पीएम किसी पार्टी विशेष के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के होते हैं. सच बात तो यह है कि कहीं न कहीं पुलिस विभाग की ओर से इस मामले में लापरवाही हुई है. पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पर बहस की बजाए एक्शन लेने की बात होनी चाहिए. इस मामले में पंजाब के डीजीपी (सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय) के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. इंडिया टुडे के स्टिंग पर जेपी नड्ढा ने क्या कहा? पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर इंडिया टुडे के खुलासे के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा ने पंजाब सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा,
"पंजाब में जिस तरह से एक सुनियोजित षड़यंत्र के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया, उसमें कांग्रेस की पंजाब सरकार की भूमिका का सच आज पूरे देश ने देख लिया है. देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा को योजनाबद्ध तरीक़े से ख़तरे में डाला गया."