The Lallantop

लेकिन 150 मुस्लिम परिवार भी कैराना छोड़ गए हैं: पुलिस

150 पतों पर पुलिस ने खुद स्पॉट वेरिफिकेशन किया. पता चला कि हिंदू परिवारों के घर छोड़ने की अलग-अलग वजहें थीं.

Advertisement
post-main-image
घर बेचने का इश्तेहार, जो कैराना से पलायन का प्रतीक बन गया है.
खबर है कि मुजफ्फरनगर के कैराना में हिंदू परिवार घर छोड़कर भाग रहे हैं. आरोप, ये सब धार्मिक वजहों से हो रहा है. वहां के लोकल मुस्लिम गैंग्स की बदमाशी, रंगदारी और खौफ की वजह से. लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के दावे कुछ और हैं.

पहले ये जान लीजिए कि बात निकली कहां से?

कैराना से बीजेपी सांसद हैं हुकुम सिंह. वेस्ट यूपी में बीजेपी के बड़े हिंदूवादी नेता. 2013 मुजफ्फरनगर दंगों के केस में आरोपी रहे हैं. उन्होंने एक रिपोर्ट के बेस पर कहा है कि कैराना से बीते दो साल में 346 हिंदू परिवार जा चुके हैं. पहले हुकुम सिंह ने 250 से ज्यादा परिवारों के पलायन की बात कही. लेकिन बाद में वो 346 हिंदू परिवारों की लिस्ट लेकर हाजिर हुए और अखिलेश सरकार को जमकर घेरा. इसके बाद नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन (NHRC) ने DGP और मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है. बीजेपी ने हुकुम सिंह की अगुवाई में एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बना दी है, जो सारे तथ्य जुटाकर पार्टी आलाकमान को देगी. सोशल मीडिया पर बवाल कट रहा है और मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों की बाढ़ आ गई है.

लेकिन पुलिस का दावा कुछ और है!

'हिंदुस्तान टाइम्स' के मुताबिक, कैराना के कुछ अधिकारियों ने यहां से पलायन करने वाले कुछ परिवारों की शुरुआती जांच की है और वह बीजेपी के उस दावे की हवा निकालती है कि वे लोग मुस्लिम गैंग्स के डर से वहां से भागे थे.
एएसपी अनिल कुमार झा ने बताया कि 150 पतों पर उन्होंने खुद स्पॉट वेरिफिकेशन किया. इसमें पता चला कि हिंदू परिवारों के घर छोड़ने की अलग-अलग वजहें थीं. इनमें बिजनेस और नौकरी के बेहतर ऑप्शंस भी शामिल थे. बल्कि इनमें से कई तो 8 और 10 साल पहले ही कैराना छोड़ चुके हैं.
पुलिस को अपनी जांच में यह भी पता चला कि इस दौरान 150 मुस्लिम परिवारों ने भी अलग-अलग वजहों से कैराना छोड़ा है. इससे हुकुम सिंह के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि हुकुम सिंह के दावे गलत भी निकले तो उन्होंने अपने लिए सेफ्टी लाइन बनाकर रखी है. वह कह चुके हैं कि ये लिस्ट उन्होंने नहीं, पार्टी कार्यकर्ताओं ने बनाई थी.
हालांकि अभी सब कुछ आरोपों के दायरे में ही है. किसी अधिकृत एजेंसी ने तथ्यों की जांच नहीं की है. हुकुम सिंह और पुलिस दोनों के दावों की पॉलिटिकल वजहें हो सकती हैं.
उधर बीजेपी के मम्मी संगठन RSS ने अपनी चिंताएं दोहरानी शुरू कर दी हैं. उनका कहना है कि मुस्लिम-बहुल इलाकों में रह रहे हिंदुओं के लिए वो पहले से फिक्रमंद थे और कैराना की घटना इन चिंताओं को सही साबित करती है. एक सीनियर RSS नेता ने कहा कि उन्हें भी कैराना से हिंदुओं के पलायन की रिपोर्ट मिली थी. उन्होंने कहा कि ये तो सिर्फ एक नमूना भर है और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर हिंदुओं का उत्पीड़न हो रहा है. प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं और इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश भी माना जा रहा है. मुजफ्फरनगर दंगों की तपिश से अभी उबरा नहीं है. जानने वाले जानते हैं कि वहां घरों में अब भी सब कुछ सामान्य नहीं है. अगर ध्रुवीकरण हुआ तो पॉलिटिकल साइंस की हर थ्योरी के मुताबिक, इसका ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा. इसलिए ये राजनीति-प्रेरित आरोप भी हो सकते हैं. अभी एक अधिकृत जांच के नतीजों का इंतज़ार है. तब तक किसी के वादे पर शब्दश: यकीन नहीं किया जा सकता. पढ़ें: क्या कैराना को कश्मीर बनाने की साजिश हो रही है?

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement