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'भीख में मिली आजादी', कंगना रनौत के बयान पर वरुण गांधी का ट्वीट तगड़ा वायरल हो गया

शिव सेना MP प्रियंका चतुर्वेदी ने रुचि पाठक की याद दिला दी.

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कंगना रनौत और वरुण गांधी. (तस्वीरें- पीटीआई)
कंगना रनौत. अब तो नाम पढ़ते-सुनते ही मन बोलता है- अब क्या बोल दिया भाई! आपके मन का ऐसा सोचना गलत नहीं है. क्योंकि कंगना रनौत ने फिर एक ऐसा बयान दिया है जो मीडिया-सोशल मीडिया पर तगड़ा वायरल है. बीती 10 नवंबर को कंगना रनौत टाइम्स नाऊ चैनल के एक कार्यक्रम में पहुंचीं. एक सेशन के दौरान उन्होंने बताया कि 1947 में भारत को मिली आजादी उनके लिए क्या मायने रखती है. कंगना ने कहा,
"अब तक शरीर में खून तो बह रहा था, लेकिन वो हिन्दुस्तानी खून नहीं था...और जो (भारत को) आजादी मिली थी वो भीख में मिली आजादी थी. असली आजादी 2014 में मिली है.''
कंगना ने इसी कार्यक्रम में उन्हें मिले अवार्ड्स को लेकर भी एक विवादित टिप्पणी की. उन्होंने कहा,
"मुझे 2 नेशनल अवॉर्ड तब मिले, जब कांग्रेस का शासन था...जब मैं राष्ट्रवाद की बात करती हूं, आर्मी को और अच्छा करने की बात करती हूं और अपनी संस्कृति को प्रमोट करती हूं तो लोग कहते हैं कि मैं बीजेपी का एजेंडा चला रही हूं...ये मुद्दे बीजेपी का एजेंडा क्यों हैं, इसे तो देश का एजेंडा होना चाहिए."

'कंगना वायरस'

कंगना के इस बयान पर लोगों और नेताओं की प्रतिक्रिया आनी ही थी. कई लोगों ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और तंज कसे हैं. ध्रुव नाम के यूजर ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्स का जिक्र करते हुए कहा,
ट्विटर को कंगना वायरस से वैक्सीनेट करने के लिए आपका शुक्रिया जैक.
एक अन्य यूजर डॉ. जहांजैब सिरवाल ने कहा,
कंगना रनौत को जल्द से जल्द से अपना चेकअप कराना चाहिए. इस स्टेज पर किसी साइकायट्रिस्ट को दिखाना मदद करेगा.
वहीं लूको जैन नाम के ट्विटर हैंडल से कहा गया,
क्यों स्कूल में फेल होने वाली कंगना रनौत को इतने जरूरी मुद्दे पर बोलने के लिए पब्लिक प्लेटफॉर्म दिया जाता है? इस लेवल की मूर्खता हो तो उन्हें अपनी राय भी नहीं देनी चाहिए.
रॉफेल गांधी नाम का ट्विटर हैंडल काफी पॉप्युलर है. इसने भी कंगना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
"लकड़ी के घोड़े पर प्लास्टिक की तलवार लेकर वीरांगना बनने वाली सरकारी चाटुकार आजादी के सिपाहियों का अपमान कर रही है. हज़ारों कुर्बानियों के नतीजे को भीख बता रही है."

'ये पागलपन है या देशद्रोह'

आम लोगों के अलावा नेताओं ने भी कंगना के बयान की आलोचना की है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है,
कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार. इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?
कंगना पर तंज कसने वाले नेताओं में शिव सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल रहीं. उन्होंने बीजेपी की एक कार्यकर्ता रुचि पाठक का जिक्र करते हुए कहा,
नई रुचि पाठक (मतलब कंगना रनौत) स्टेज पर हैं. 99 साल की लीज के बाद अब भीख में मिली आजादी की बात कही गई है. झांसी की रानी सहित स्वतंत्रता संग्राम के सभी नायकों के खून, पसीने और बलिदान को खारिज कर दिया गया है.

कौन है रुचि पाठक?

ये नाम लल्लनटॉप के लोकप्रिय प्रोग्राम लल्लनटॉप अड्डा की वजह से उछला. यूपी चुनाव यात्रा के दौरान आयोजित एक लल्लनटॉप अड्डा में भाजपा युवा मोर्चा की कार्यकर्ता रुचि पाठक को बुलाया गया था. इसी कार्यक्रम में रुचि ने बड़ा दावा कर दिया था कि
1947 में भारत को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिली थी, हमारी स्वतंत्रता अंग्रेजों से 99 साल की लीज डील है और नेहरू ने ब्रिटिश क्राउन से 99 साल की लीज पर भारत को आजादी दिलाई.
रुचि पाठक का ये बयान भी ट्विटर पर मीम मटीरियल बन गया था. एक से एक व्यंग्य किए गए. अब कुछ इसी तरह का बयान कंगना रनौत ने दिया तो प्रियंका चतुर्वेदी ने रुचि और कंगना को जोड़ते हुए तंज कस दिया.